साइबर क्राइम बड़ी चुनौती, लोगों में जागरूकता जरूरी : साहू
आमजन को जागरूक होने की बहुत ज्यादा जरूरत है
साइबर क्राइम को लेकर आमजन को खुद जागरूक होना पड़ेगा। वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जोधपुर यात्रा की तैयारियों को देखने के लिए जाते समय शुक्रवार को कुछ देर के लिए अजमेर रुके थे।
अजमेर। राजस्थान पुलिस के महानिदेशक उत्कल रंजन साहू ने राजस्थान में साइबर क्राइम को सबसे बड़ी चुनौती बताया है। उन्होंने कहा कि इससे निपटने के लिए लोगों को जागरूक होने की बहुत जरूरत है। साइबर क्राइम को लेकर आमजन को खुद जागरूक होना पड़ेगा। वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जोधपुर यात्रा की तैयारियों को देखने के लिए जाते समय कुछ देर के लिए अजमेर रुके थे। इस दौरान उन्होंने रेंज आईजी कार्यालय का निरीक्षण किया व अजमेर में तैनात अधिकारियों से मुलाकात की। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि पुलिस समाचारों के जरिए भी लगातार लोगों को साइबर क्राइम के प्रति जागरूक कर रही है। सोशल मीडिया पर भी साइबर क्राइम से जागरूकता के लिए प्रचार-प्रसार कर रही है। आमजन को जागरूक होने की बहुत ज्यादा जरूरत है। इन्होंने बताया कि वर्तमान में डिजिटल अरेस्ट की घटनाएं भी बढ़ रही हैं। ऐसे में लोगों को सावधानी रखनी चाहिए। पैसा डालने से पहले देखना चाहिए कि हम कहां और किसे पैसा भेज रहे हैं। आपने कोई गलत काम नहीं किया तो घबराएं क्यों। बस जागरूकता की जरूरत है।
ठगी का शिकार होते ही पुलिस को सूचना दें
साहू ने बताया कि ठग दिनभर में सौ फोन करते हैं। उसमें से दो-चार लोग तो उनके जाल में फंस ही जाते हैं, जो उनके झांसे में आकर अपना पैसा गंवा देते हैं। अगर वह लोग भी जागरूकता रखें तो ठगों से बचा जा सकता है। इसके अलावा अगर आप ठगी का शिकार भी हो जाएं तो भी पुलिस को तुरन्त 1930 पर कॉल करें। जिससे समय रहते कार्यवाही हो और पुलिस बदमाश के खाते में हुए ट्रांजेक्शन को होल्ड करवाकर पीड़ित का पैसा वापस दिलवा सके।
सीमित संसाधनों में बेहतर कार्रवाई
साहू ने बताया कि साइबर क्राइम बड़ी समस्या है। इससे निपटने के लिए पुलिस में वर्तमान में जो पुलिसकर्मी, टेक्नीशीयन व संसाधन हैं, वह अपर्याप्त हैं। यह कमी धीरे-धीरे पूरी हो जाएगी। फिर भी सीमित संसाधनों के बावजूद भी राजस्थान पुलिस साइबर क्राइम के मामलों में बेहतर कार्यवाही कर रही है। जेल में गैंगस्टरों द्वारा मोबाइल का उपयोग करने के संबंध में डीजीपी साहू ने बताया कि जेलों में जैमर का उपयोग सही रूप से किए जाने के संबंध में स्टडी की जा रही है। जेलों में जेल प्रशासन के अलावा जिला प्रशासन व पुलिस द्वारा भी समय-समय पर विशेष चैकिंग की जाती है।
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