साइबर स्कैम केंद्रों में फंसे 47 भारतीयों को बचाया
कल्याण के लिए दूतावास की प्रतिबद्धता को दर्शाता है
दूतावास के अनुसार यह मिशन, जो विदेश में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा और कल्याण के लिए दूतावास की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
वियानतियान। भारतीय दूतावास ने लाओस के गोल्डन ट्राइंगल विशेष आर्थिक क्षेत्र में साइबर स्कैम केंद्रों में फंसे 47 भारतीयों को सफलतापूर्वक बचा लिया है। मामले में भारतीय दूतावास की तरफ से जारी विज्ञप्ति के अनुसार लाओस के बोकोओ प्रांत के विशेष आर्थिक क्षेत्र में साइबर स्कैम केंद्रों में फंसे भारतीयों को बचाया गया है। ये भारतीय इस साइबर स्कैम केन्द्रों में गुलामों की तरह रह रहे थे और अपनी आजादी के बारे में लगभग निराश हो चुके थे। लाओस में भारतीय दूतावास ने 47 भारतीयों को साइबर स्कैम केंद्र के चंगुल से निकाल लिया है। दूतावास के अनुसार यह मिशन, जो विदेश में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा और कल्याण के लिए दूतावास की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
लाओस में स्थानीय प्राधिकारियों के साथ घनिष्ठ समन्वय में क्रियान्वित किया गया। जानकारी के मुताबिक ये स्थिति तब सामने आई जब लाओस अधिकारियों ने गोल्डन ट्राइंगल विशेष आर्थिक क्षेत्र में अवैध गतिविधियों पर कार्रवाई के दौरान 29 भारतीयों को दूतावास को सौंपा। बाकी 18 व्यक्तियों ने खुद से दूतावास से संपर्क कियाए संकट व्यक्त किया और अपनी दुर्दशा से बचने के लिए सहायता मांगी। थाईलैंड, लाओस और म्यांमार की सीमाओं के पास मौजूद गोल्डन ट्राइंगल विशेष आर्थिक क्षेत्र ने साइबर स्कैम समेत अवैध गतिविधियों के केंद्र के रूप में बदनाम है। जो अनजान व्यक्तियों को निशाना बनाते हैं। वहीं भारतीयों के बचाव की सुविधा के लिए दूतावास के अधिकारी वियांतियान से बोकेओ गए और इन व्यक्तियों की सुरक्षित रिहाई सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय अधिकारियों से सीधे संपर्क किया। दूतावास ने बचाए गए नागरिकों के लिए बोकेओ से वियानतियान तक लाने की व्यवस्था की और उनके पहुंचने पर उन्हें रहने और खाने की व्यवस्था उपलब्ध कराई।
वहीं वियानतियान में भारतीय लोगों के पहुंचने पर लाओस में भारत के राजदूत प्रशांत अग्रवाल ने उनसे मुलाकात की। राजदूत प्रशांत अग्रवाल ने बचाए गए व्यक्तियों से व्यक्तिगत रूप से बातचीत कीए उनके सामने आने वाली चुनौतियों पर चर्चा की और उन्हें आगे के लिए सलाह दी। इन व्यक्तियों को भारत वापस लाने की सुविधा के लिए दूतावास ने लाओस अधिकारियों के साथ सभी जरुरी कामों को पहले ही पूरा कर लिया है। बचाए गए 47 लोगों में से 30 पहले ही सुरक्षित वापस आ चुके हैं या लौटने की प्रक्रिया में हैं। जबकि बाकी 17 अंतिम यात्रा व्यवस्था की प्रतीक्षा कर रहे हैं और उनके जल्द ही लाओस से निकलने की उम्मीद है।
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