असर खबर का - जिला कलक्टर ने नुकसान के सर्वे के दिए निर्देश
गांवों में पहुंचे अधिकारी, फसलों का लिया जायजा
नवज्योति ने समाचार प्रकाशित कर किसानों की पीड़ा उजागर की थी।
कोटा । जिला कलक्टर डॉ. रविंद्र गोस्वामी गुरुवार को इटावा क्षेत्र के दौरे पर रहे और क्षेत्र में हुई बारिश से खराब फसलों का निरीक्षण किया। जिला कलक्टर ने इटावा, खातौली, बालूपा व केथूदा सहित अन्य गांवों में जलभराव के चलते खेतों में खराब हुई फसलों का जायजा लिया और किसानों से भी मिले। उन्होंने पीपल्दा तहसीलदार अरुण सिंह को क्षेत्र में फसल खराबे का सर्वे कराकर रिपोर्ट तैयार कर भेजने के निर्देश दिए। गत दिनों मानसून की सक्रियता के कारण जिले में लगातार बारिश का दौर चला था। जिससे कई क्षेत्रों के खेतों में जलभराव हो गया था। इससे सोयाबीन फसल को नुकसान होने लगा था। ऐसे में गुरुवार को जिला कलक्टर ने खेतों का दौरा कर खेतों में फसलों का जायजा लिया।
किसानों ने कहा, फसलों में हुआ नुकसान
बारिश के कारण जिले के इटावा क्षेत्र के कई गांवों में जलभराव की समस्या हो गई थी। इससे सोयाबीन फसल पीली होने लगी थी और फलियां बनने में भी दिक्कत आ रही थी। ऐसे में गुरुवार को जिला कलक्टर डॉ. रविन्द्र गोस्वामी इटावा क्षेत्र के दौरे पर पहुंचे और बारिश से से प्रभावित फसलों का गांवों में जाकर जायजा लिया। इस दौरान किसानों ने जिला कलक्टर को लगातार बारिश से सोयाबीन व उड़द की फसल खराब होने तथा पीएम फसल बीमा के तहत सर्वे कराने की मांग की। किसानों ने कहा कि पानी भरने से फसलों को नुकसान पहुंचा है, इसलिए जल्द से जल्द सर्वे करवाकर मुआवजा दिलाया जाए। । इस पर जिला कलक्टर ने पीपल्दा तहसीलदार अरूण सिंह को फसल खराबे का सर्वे कराने के निर्देश दिए। किसानों ने पिछले वर्ष की बीमा क्लेम राशि भी दिलाने की मांग की।
खेतों से नहीं हो पाई थी पानी की निकासी
इटावा, खातौली और सुल्तानपुर क्षेत्र में लगातार बारिश के कारण कई खेतों में पानी का भराव हो गया था। कई जगह पर दो दिन तो कुछ खेतों में चार से पांच दिन तक भी बारिश का पानी भरा रहा था। इसका कारण यह रहा कि खेतों में चारों तरफ पानी भराव होने से इसकी निकासी नहीं हो पा रही थी। इससे सोयाबीन के पौधों में लगी फलियां गिरने लगी थी। जल भराव वाले खेतों में सोयाबीन के पौधों में जड़ सड़न होने से फसलें पीली हो रही थीं। लगातार हुई बारिश और जलभराव के कारण पानी निकासी का उचित प्रबंधन नहीं हो सका। इस कारण सोयाबीन के पौधों की जड़ों में पर्याप्त वायु संचार नहीं हुआ और पौधा कमजोर हो गया था।
नवज्योति ने उजागर की थी किसानों की पीड़ा
मानसून नव के लगातार सक्रिय होने के कारण खरीफ सीजन की मुख्य फसल सोयाबीन पर संकट मंडरा गया था। दैनिक नवज्योति के 27 अगस्त के अंक में इस सम्बंध में प्रमुखता से समाचार प्रकाशित कर किसानों की पीड़ा उजागर की थी। इसमें बताया था कि जल भराव वाले खेतों में सोयाबीन के पौधों में जड़ सड़न शुरू हो गया है और फसलें पीली हो रही हैं। ऐसे में अच्छी पैदावार की उम्मीद लगाए बैठे किसान चिंतित हो रहे हैं। अगस्त माह में बारिश का दौर लगातार चलने के कारण सोयाबीन फसल में पीलापन होने लगा है। इसके बाद जिला कलक्टर अधिकारियों के साथ क्षेत्र में पहुंचे और जायजा लिया।
6 जिला कलक्टर ने इटावा, खातौली, बालूपा व केथूदा सहित अन्य गांवों में खेतों में खराब हुई फ फसलों का जायजा लिया था। उन्होंने फसल खराबे का सर्वे कराकर जल्द रिपोर्ट तैयार कर भेजने के निर्देश दिए हैं।
- अरूण सिंह, तहसीलदार पीपल्दा
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