कश्मीर में उदारवादी हुर्रियत नेताओं की बैठक, मीरवाइज उमर सहित कई लोग रहे मौजूद
सेहतमंद देखकर खुशी हुई
जेल में साथियों के लापता होने सहित विभिन्न भावनाओं का एक भावनात्मक अनुभव। लेकिन प्रिय प्रोफेसर एसबी को इस उम्र में जोशीला और सेहतमंद देखकर खुशी हुई।
जम्मू। हुर्रियत कांफ्रेंस के उदारवादी के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक समेत शीर्ष नेताओं ने बैठक की, जो 2019 में जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किए जाने के बाद पहली बार किसी कश्मीरी उदारवादी अलगाववादी समूह के नेताओं की पहली बैठक रही। बैठक में मीरवाइज, नेता प्रोफेसर अब्दुल गनी भट, बिलाल लोन और मौलवी मसरूर अब्बास अंसारी ने भाग लिया। मीरवाइज ने एक्स पर पोस्ट में कहा कि मुझे अपने प्रिय सहयोगियों प्रोफेसर एसबी, बिलाल एसबी और मसरूर एसबी के साथ रहने का मौका मिला। जेल में साथियों के लापता होने सहित विभिन्न भावनाओं का एक भावनात्मक अनुभव। लेकिन प्रिय प्रोफेसर एसबी को इस उम्र में जोशीला और सेहतमंद देखकर खुशी हुई।
मीरवाइज ने अपने आवास पर मुलाकात का एक वीडियो भी पोस्ट किया। उदारवादी अलगाववादियों की यह पहली बैठक महत्वपूर्ण है, क्योंकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने पिछले पांच वर्षों में उनके खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। मीरवाइज जो कश्मीर के मुख्य मौलाना भी हैं, पिछले पांच वर्षों में ज्यादातर नजरबंद रहे हैं और अपनी 'बार-बार हिरासत' के खिलाफ उच्च न्यायालय भी गए हैं।
कश्मीर में उमर अब्दुल्ला की सरकार के सत्ता संभालने के कुछ दिनों बाद ही यह बैठक हुई है हालांकि, उमर सरकार की इस बैठक की अनुमति देने में कोई भूमिका नहीं होने का अनुमान है, क्योंकि कानून और व्यवस्था सीधे उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के अधीन आती है। पर्यवेक्षकों का कहना है कि भाजपा सरकार के अलगाववादियों पर अपनी नीति बदलने की बहुत कम संभावना है।
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