राजनाथ सिंह ने किया तोप कारखाने का दौरा, महत्वपूर्ण रक्षा क्षमताओं का लिया फीडबैक
ब्रीच असेंबली बनाने में विशेषज्ञता हासिल है
उनके साथ सचिव (रक्षा उत्पादन) संजीव कुमार और रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव तथा डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत भी थे।
लखनऊ। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कानपुर स्थित एडवांस्ड वेपन्स एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड (एडब्ल्यूईआईएल) की इकाई, फील्ड गन कारखाने का दौरा कर महत्वपूर्ण रक्षा क्षमताओं का फीडबैक लिया। रक्षा मंत्रालय के अनुसार इस कारखाने को टैंक टी-90 और धनुष तोप सहित विभिन्न आर्टिलरी गन तथा टैंकों की बैरल और ब्रीच असेंबली बनाने में विशेषज्ञता हासिल है। सिंह ने महत्वपूर्ण स्वदेशी रक्षा क्षमताओं का जायजा लेने के लिए कारखाने के हीट ट्रीटमेंट और न्यू असेंबली शॉप सहित प्रमुख सुविधाओं का निरीक्षण किया। इस अवसर पर उनके साथ सचिव (रक्षा उत्पादन) संजीव कुमार और रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव तथा डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत भी थे।
शॉप फ्लोर के दौरे के बाद रक्षा मंत्री को कानपुर स्थित रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के तीन उपक्रमों (डीपीएसयू) - एडब्ल्यूईआईएल, ट्रूप कम्फर्ट्स इंडिया लिमिटेड, ग्लाइडर्स इंडिया लिमिटेड - के मुख्य प्रबंध निदेशक (सीएमडी) और कानपुर स्थित डीआरडीओ प्रयोगशाला, रक्षा सामग्री और भंडार अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान के निदेशक द्वारा जानकारी दी गयी।
निदेशक ने रक्षा मंत्री को उत्पाद प्रोफ़ाइल, बड़ी परियोजनाओं, अनुसंधान एवं विकास प्रयासों और रक्षा सेवाओं की आवश्यकता को पूरा करने के लिए किए जा रहे आधुनिकीकरण संबंधी गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। टीसीएल के मुख्य उत्पाद लड़ाकू वर्दी, बैलिस्टिक सुरक्षात्मक गियर, अत्यधिक ठंड से बचने वाले कपड़े और बड़ी ऊंचाई के लिए टेंटेज हैं, जबकि जीआईएल के पास भारत में पैराशूट की सबसे बड़ी और सबसे पुरानी उत्पादन इकाई है।
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