चीन बॉर्डर पर बीआरओ ने तैयार किया सड़क नेटवर्क, ब्रह्मांक परियोजना के तहत 16 जिलों को जोड़ने पर तेजी से चल रहा काम
मोदी के सत्ता में आने के बाद दूसरे देशों की सीमा पर सड़क नेटवर्क का बजट हुआ दुगना
देश के सीमावर्ती इलाकों में सशस्त्र बलों के लिए सड़क बुनियादी का विकास और रखरखाव करने की गतिविधियों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सत्ता संभालने के बाद गति आई है
जयपुर। देश के सीमावर्ती इलाकों में सशस्त्र बलों के लिए सड़क बुनियादी का विकास और रखरखाव करने की गतिविधियों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सत्ता संभालने के बाद गति आई है। 2014 के बाद सीमा सड़क संगठन की ओर से देश के विभिन्न राज्यों में किए जा रहे कार्यों का बजट भी पहले की बजाय बढ़ाकर दुगना कर दिया गया है। इसी के साथ अरुणाचल प्रदेश में ब्रह्मांक परियोजना के तहत कई प्रोजेक्ट्स पर काम जारी है। अरुणाचल प्रदेश के सियाग, ऊपरी सियाग, पश्चिम सियांग एवं शी-यामी जिले में सड़कों के बुनियादी ढांचे के निर्माण और रखरखाव और असम प्रदेश के धेमाजी जिले में 4 सड़कों के रख-रखाव का काम किया जा रहा है।
सीमा सड़क संगठन के ब्रह्मांक परियोजना सीई सुभाष चंद लुनिया ने अरुणचल प्रदेश के आलू में मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि सन 2022-23 एवं 2023-24 (02 वर्ष) में ब्रह्मांक परियोजना ने सियोम सेतु अलोंग-यिंगकियोंग सड़क के किमी 22.520 पर (सियोम नदी पर) 100 मीटर स्पेन आर्च पुल बनाया गया। यह पुल सियोम एवं सियांग नदी के संगम के पास स्थित है। इस परियोजना में 08 स्थाई पुलों को 27 अक्टूबर 2022 में रक्षामंत्री द्वारा वीडियो कॉफ्रेस के माध्यम से उदघाटन किया गया और राष्ट्र को समर्पित किया गया। इस में सियोम पुल का निर्माण 180 दिनों के रिकार्ड समयमें पूर्ण कर यातायात के लिए खोल दिया गया। जो कि हमारे परियोजना के विशेष उपलब्धि है। इसके अलावा इस परियोजना के 44 कृतिक बल के तहत टाटो - मनिगोग - टाडाडेज सड़क पर 11 मड्यूलर पुलों का सफलतापूर्वक कार्य पूरे किए गए है।
इसी कड़ी में परियोजना ने प्रमुख सड़क परियोजनाएं जैसे राष्ट्रीय राजमार्ग, आई.सी.बी.आर. सड़क, जी.एस. सड़क और अन्य कई सड़के एवं पुलों का निर्माण किया है। ब्रह्मांक परियोजना स्थापना के दिवस से लेकर आज तक कुल 17 सड़कों का निर्माण कार्य पूरी तरह से पूर्ण हुआ है जिसकी कुल लम्बाई 496 किमी है। इसके साथ-साथ 42 स्थायी पुलों एवं 11 मड्यूलर पुलों का भी निर्माण कार्य पूर्ण हुआ है।
परियोजना के अंतर्गत एनएच-515 पर एक महत्वपूर्ण सिसरी पुल का निर्माण हुआ। इस पुल की कुल लम्बाई 200 मीटर है जोकि सिसरी नदी पर बना है। यह पुल जोनाई-पासीघाट-रानाघाट को मेबो-डांबुक-बोमजीर से जोड़ता है। इस पुल का निर्माण होने से मेबो-डांबुक-बोमजीर के निवासियों के लिए एक जीवन रेखा साबित हुई है जोकि ब्रह्मांक परियोजना के लिए एक और बड़ी उपलब्धि है।
कार्य प्रगति
लुनिया ने बताया कि सियोम और सियांग घाटियों के साथ अरुणाचल प्रदेश (सियांग, शि-योमी, पश्चिम सियांग और ऊपरी सियांग) के जिलों के लिए 1000 किलोमीटर सड़क नेटवर्क का विकास/निर्माण किया। सियांग नदी के पूर्व और पश्चिम तटों को जोड़ने के लिए यिंकियोंग के पास 386 मीटर लम्बा गाँधी पुल निर्माणाधीन है।
लक्ष्य
अपने कार्य के प्रति लगन और वफादारी के कारण, ब्रह्मांक परियोजना विगत कई वर्षों से मौसम के अनुकूल एवं प्रतिकूल परिष्थितियों में भी हमेशा सड़कों/पुलों के निर्माण मे अग्रसर रहा है। यह परियोजना सैनिको के साथ-साथ जनता के लिए हर मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। अतः पहले के भाँति, इस परियोजना को सरकार के द्वारा जो कार्य मिला है उसे हमें पूरी कर्तव्यनिष्ठा एवं ईमानदारी से समय-सीमा के अंदर अच्छे गुणवत्ता के साथ पूरा करना है।
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