प्रवासियों के लिए स्थापित हों ‘‘समस्या समाधान प्रकोष्ठ’’: आरतिया

राईजिंग राजस्थान पर हो सकेगी सरकार की सार्थक पहल

प्रवासियों के लिए स्थापित हों ‘‘समस्या समाधान प्रकोष्ठ’’: आरतिया

टीम आरतिया के अनुसार राजस्थान के जो प्रवासी राज्य के बाहर देष के अन्य राज्यों तथा विदेषों में रहते हैं, उनकी संपदा गांवों-कस्बों में स्थित है

जयपुर। अखिल राज्य ट्रेड एंड इंडस्ट्री एसोसिएशन ने राजस्थान सरकार से आग्रह किया है कि राईजिंग राजस्थान के अवसर पर प्रदेश में प्रवासी राजस्थानियों के लिए समस्या समाधान प्रकोष्ठ की स्थापना करे, ताकि प्रवासी राजस्थानियों की समस्याओं का त्वरित समाधान सुनिश्चित हो। टीम आरतिया की एक उच्च स्तरीय बैठक में इस विषय पर चर्चा की गई, बैठक में आशीष सर्राफ, विष्णु भूत, कमल कंदोई, प्रेम बियाणी, ओ.पी. राजपुरोहित, सज्जन सिंह, कैलाश शर्मा, ज्ञान प्रकाश, सौरभ शर्मा, अमन जैन, विक्रम सराफ, विशाल माखरिया, तरूण शारदा एवं एच.एम. जौहरी समेत अनेक प्रमुख पदाधिकारी मौजूद थे।

टीम आरतिया के अनुसार राजस्थान के जो प्रवासी राज्य के बाहर देष के अन्य राज्यों तथा विदेषों में रहते हैं, उनकी संपदा गांवों-कस्बों में स्थित है। इसके अलावा वे अपने इलाके के स्कूल-अस्पताल, पुस्तकालय-धार्मिक स्थलों, खेल-कूद से सम्बन्धित गतिविधियों आदी की आधारभूत संरचना हेतु एवं उनके संचालन हेतु भरपूर सहायता देते रहते हैं तथा प्रभावी रूप से पीढी दर पीढी अपना जुडाव रखते हैं। बहुत बार इन लोगों को बहुत सी व्यवहारिक दिक्कतों का सामना करना होता है और ये समस्याएं तहसील, जिला एवं राज्य सरकार के विभिन्न विभागों से संबंधित होती हैं। उक्त समस्या समाधान प्रकोष्ठ के जरिये सरकार प्रभावी तंत्र विकसित करें जिससे समस्याओं का समाधान त्वरित गति एवं प्राथमिकता से हो सके इससे प्रवासी राजस्थानियों में विष्वास का भाव जागृत होगा तथा वे राजस्थान के विकास में अधिक दृढता के साथ विभिन्न क्षेत्रों में निश्चिंत होकर बड़ा योगदान कर सकेंगे।

राईजिंग राजस्थान के संदर्भ में टीम आरतिया का कहना है कि प्रदेष के मुख्यमंत्री भजनलाल ने सभी एमओयू तथा एलओआई को धरातल पर उतारने की जो इच्छाशक्ति जताई है, वह महत्वपूर्ण है, ऐसे में समूचे सरकारी तंत्र, राजनैतिक तंत्र, प्रशासनिक तंत्र, एमओयू करने वाले निवेशकों और प्रदेश के सभी औद्योगिक-व्यापारिक संगठनों की जिम्मेदारी बन जाती है कि वे आपसी समन्वय के जरिये इस इच्छाशक्ति के अनुरूप सहयोग करें। एमओयू कार्यान्वयन में यदि कोई गंभीर समस्या आती है, तो उसके लिए प्रशासन तंत्र त्वरित समाधान करे। इसके लिए जो आवश्यक अनुमति केंद्र सरकार के विभागों से लेनी है, उसके लिए भी राजस्थान सरकार एक नोडल ऑफिसर कार्यालय स्थापित करे ताकि ये अनुमति भी त्वरित मिल सके। उल्लेखीय है कि आरतिया ने राईजिंग राजस्थान में उत्साहपूर्वक अपनी भूमिका का निर्वहन किया है, न केवल खुद आरतिया ने एमओयू किया है बल्कि टीम आरतिया के अनेक साथियों ने बड़े निवेश एमओयू किये हैं। 

आरतिया के अनुसार हाल ही राजस्थान सरकार ने जो नौ प्रमुख नीतियां घोषित की हैं, वे सभी स्वागत योग्य हैं, इन नीतियों के अनुरूप प्रदेश में काम होगा तो प्रदेश का चहुंमुखी विकास निश्चित है। आरतिया का एक सुझाव है कि पर्यटन, खनिज एवं एग्रो को थ्रस्ट एरिया के रूप में घोषित किया जाये, क्योंकि यह ऐसा क्षेत्र है जहां नियोजन व व्यवसाय के बेहतर अवसर हैं। आरतिया ने यह भी सुझाया है कि प्रदेश में जो कच्चा माल उपलब्ध है, उसका वैल्यू एडिशन राजस्थान में ही हो यह सुनिश्चित किया जाये और ऐसा करने वाले निवेशकों-उद्यमियों को प्रौत्साहित किया जाये। इसके अलावा प्रदेश में पर्यावरण-अनुकूल उद्योगों की स्थापना के लिए विशेष पैकेज भी जारी किया जाए।

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