सस्ता गैस सिलेंडर पाने की दौड़ में कोटा अव्वल
सरकार की गैस सब्सिडी योजना का मामला
अब तक 91.00 प्रतिशत लाभार्थियों की हुई ई-केवाईसी।
कोटा। राज्य सरकार की ओर से आगामी दिनों में खाद्य सुरक्षा योजना से जुड़े लाभार्थियों के लिए रसोई गैस सिलेंडर सब्सिडी योजना शुरू की जाएगी। इसके तहत पात्र लाभार्थियों को मात्र 450 रुपए में गैस सिलेंडर उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए राशनकार्ड धारकों के लिए ई-केवाईसी करवाना अनिवार्य किया गया है। ऐसे में सस्ता सिलेंडर पाने के लिए कोटा जिले के लाभार्थियों में होड़ मची हुई। पूरे प्रदेश में कोटा जिला गैस सब्सिडी के लिए ई-केवाईसी में पहले पायदान पर पहुंच गया है। अभी तक जिले में 91 प्रतिशत से अधिक लाभार्थियों की ई-केवाईसी हो चुकी है। वहीं बारां जिला इस मामले में फिसड्डी साबित हो रहा है। यहां पर अभी तक 80.40 प्रतिशत की ही ई-केवाईसी हो पाई है।
10 दिसंबर तक का समय, फिर होंगे वंचित
प्रदेश में 1 करोड़ 7 लाख 54 हजार 362 राशन कार्डधारकों में से ज्यादातर सस्ती दर पर गैस सिलेंडर की बाट जोह रहे हैं। इसमें से करीब 14.55 प्रतिशत उपभोक्ता ऐसे हैं जिनके सस्ते रसोई गैस सिलेंडर पर संकट है। इन उपभोक्ताओं की ई-केवाईसी कंपलीट नहीं है। ऐसे में 10 दिसंबर के बाद इनके राशन पर ब्रेक लग सकता है। साथ ही 450 रुपए में रसोई गैस मिलना भी दूर है। सरकार ने स्पष्ट रूप से कहा कि कि ई-केवाईसी नहीं कराने वालों को राशन रुक जाएगा और उपभोक्ता को रसोई गैस सिलेंडर कंपनी की दर पर लेना होगा। राज्य सरकार द्वारा रसोई गैस सिलेंडर देने के लिए पोर्टल तैयार किया गया है। इस पर डाटा अपलोड किया जा रहा है।
बारां जिला सबसे फिसड्डी साबित
गैस सब्सिडी योजना के तहत कोटा जिला 91.00 प्रतिशत लाभार्थियों की ई-केवाईसी होने से अव्वल बना हुआ है। इसके बाद दूसरे स्थान पर संभाग का बूंदी जिला है। यहां पर 90.10 प्रतिशत ई-केवाईसी हो चुकी है। ई-केवाईसी कराने में प्रदेश में बारां जिला सबसे फिसड्डी साबित हो रहा है। इसका कारण यह है कि अभी तक यहां 80.40 प्रतिशत का ही ई केवाईसी हुआ है। प्रदेश की राजधानी जयपुर भी इस मामले में 31वें स्थान पर पहुंच गया है। रसद विभाग के आंकड़ों के अनुसार ई-केवाईसी के मामले में ज्यादा अंतर नहीं है। प्रदेश में सबसे ज्यादा और सबसे कम ई-केवाईसी में केवल दस प्रतिशत का ही अंतर आ रहा है।
17 अंकों की एलपीजी आईडी की सीडिंग जरूरी
सरकार ने खाद्य सुरक्षा लाभार्थियों को लाभ देने के लिए सीडिंग अभियान चलाकर रसोई गैस सिलेंडर 450 रुपए में उपलब्ध कराने की योजना का विस्तार किया है। लाभार्थियों को गैस सिलेण्डर की सब्सिडी जनाधार से जुड़े उनके बैंक खाते में स्थानांतरित की जाएगी। इसके लिए लाभार्थी की राशन डीलर को गेहूं वितरण से पहले एलपीजी की 17 अंकों की आईडी की सीडिंग करनी होगी। कोटा जिले में ढाई लाख राशनकार्ड बने हुए हैं। सीडिंग के लिए पूर्व में 30 नवम्बर तक का समय दिया गया था, लेकिन शत प्रतिशत सीडिंग नहीं होने के कारण अब तिथि को बढ़ाकर 10 दिसंबर कर दिया गया है।
प्रदेश के टॉप टेन जिले प्रतिशत
कोटा 91.00
बूंदी 90.10
जयपुर 89.10
टोंक 88.50
नागौर 88.12
प्रतापगढ़ 87.83
झालावाड़ 87.38
अजमेर 87.21
हनुमानगढ़ 87.13
गंगानगर 86.97
सरकार की गैस सब्सिडी योजना जरूरतमंद लोगों के लिए काफी फायदेमंद है। बाजार में सिलेंडर के दाम काफी ज्यादा होने से कमजोर वर्ग के लोगों को दिक्कत होती है। अब सरकार को जल्द से जल्द से योजना शुरू करनी चाहिए, ताकि राहत मिल सके।
- शम्भूदयाल बैरवा, लाभार्थी
रसद विभाग के विशेष प्रयासों से गैस सब्सिडी योजना के तहत ई-केवाईसी में कोटा जिला पूरे प्रदेश में पहले स्थान पर है। अब तक जिले में 91 प्रतिशत लाभार्थियों की केवाईसी हो चुकी है। इसकी तिथि बढ़ाकर 10 दिसंबर कर दी गई है। शेष लाभार्थियों की केवाईसी भी जल्द हो जाएगी।
- कृष्ण कुमार, प्रवर्र्तन निरीक्षक, रसद विभाग
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