सीएम सचिव आलोक सहित चार आईएएस को 2026 में नहीं मिल पाएगा प्रमोशन
ब्यूरोक्रेसी में प्रमोशन, सर्विस रूल्स से फंसा पेच
1996 बैच के हैं सभी अफसर, एसीएस के पद नहीं होंगे अगले साल भी खाली, अभी सेवा नियम नजरअंदाज नहीं हुए तो इनके भी प्रमोशन पर लटकेगी तलवार
जयपुर। राजस्थान में साल के अंत में आईएएस अधिकारियों को प्रमोशन की सौगात मिलती है लेकिन सर्विस रूल्स को नजर अंदाज किए बगैर इस बार सरकार ने एसीएस के प्रमोशन किए तो अगले साल भी सीएम के प्रिंसिपल सेक्रेटी आलोक गुप्ता सहित कुल चार आईएएस अधिकारी एसीएस प्रमोशन से महरूम रह जाएंगे। प्रदेश में वर्तमान में एसीएस (अति. मुख्य सचिव) के चौदह पद हैं। इनमें से बारह पदों पर पहले से ही एसीएस श्रेणी के आईएएस हैं। इस बार 1995 बैच के चार आईएएस प्रवीण गुप्ता, कुंजीलाल मीणा, अश्विनी भगत और भास्कर आत्माराम सावंत प्रमोशन की लाइन में हैं। सरकार ने सर्विस रूल्स को नजरअंदाज नहीं किया तो इस बार इनमें से दो के ही प्रमोशन एसीएस पद पर हो सकेंगे। दो अधिकारियों को महरूम रहना पड़ेगा लेकिन सर्विस रूल्स का पेच इसी साल नहीं आगामी साल यानी 2026 में भी आड़े आएगा। तब दो एसीएस पद से महरूम रहे आईएएस के अलावा 1996 बैच के चार और आईएएस अधिकारी प्रमोशन की लिस्ट में होंगे जिनमें सीएम के प्रमुख सचिव आलोक गुप्ता, उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव अजिताभ शर्मा, राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव दिनेश कुमार और एलएसजी विभाग के प्रमुख सचिव राजेश कुमार यादव का नाम शामिल है। तब दिसम्बर 2025 में सभी 14 एसीएस के पद भरे रहेंगे। क्योंकि मौजूदा रहने वाले एसीएस में से कोई रिटायर नहीं होगा। इसके चलते इनको भी सर्विस रूल्स को नजरदांज किए बगैर प्रमोशन नहीं मिल पाएगा।
भजनलाल सरकार के हाथ में सभी के प्रमोशन का फैसला
प्रदेश में जब गहलोत सरकार बनी थी तब एसीएस के पद खाली थे। वहीं नए प्रमोशन के लिए मौजूदा चौदह पदों से कम ही पदोन्नति के लिए योग्य आईएएस थे। ऐसे में 2019 से 2023 तक सर्विस रूल्स को नजरदांज कर प्रमुख सचिव श्रेणी के आईएएस अधिकारियों को पदों से ज्यादा एसीएस बनाने की जरुरत नहीं पड़ी। लेकिन इसके पीछे के वर्षों यानी वर्ष 2017 और 2018 में तत्कालीन वसुन्धरा राजे सरकार के वक्त सर्विस रूल्स के तय 14 पदों से ज्यादा आईएएस अफसरों को सर्विस रूल्स नजरदांज कर एसीएस बनाने का फैसला किया गया। तब प्रदेश में क्रमश: 20 और 23 आईएएस एसीएस रहे। ऐसे में अब भजनलाल सरकार ने भी प्रमुख सचिव स्तर के आईएएस अधिकारियों को प्रमोशन देने के लिए तत्कालीन वसुन्धरा सरकार की तर्ज पर फैसला करना होगा, अन्यथा 1996 बैच के अफसरों के प्रमोशन पर भी तलवार लटक जाएगी।
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