भारत में जासूसी कर रहा अमेरिका, अजीत डोभाल और रूसी एनएसए की बातचीत लीक, उठे सवाल
यूक्रेन के जी-20 बैठक में शामिल होने को लेकर फंसा पेच
अमेरिका के लीक हुए खुफिया दस्तावेज के आधार पर अखबार ने यह दावा किया है। इन लीक हुए दस्तावेजों में कथित रूप से डोभाल अपने रूसी समकक्ष से कहते हैं कि भारत यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहा है कि यूक्रेन युद्ध का मुद्दा आगामी जी-20 बैठक में न उठे।
वॉशिंगटन। रूस-यूक्रेन युद्ध और चीन के साथ तनाव के बीच भारत एवं अमेरिका में दोस्ती परवान चढ़ रही है। भारत अमेरिका से बड़े पैमाने पर हथियार और मिसाइलें खरीद रहा है, वहीं एप्पल जैसी अमेरिकी कंपनियां चीन के साथ-साथ भारत को अपना ठिकाना बना रही हैं। इस बीच एक ताजा खुलासे से भारत और अमेरिका के बीच दोस्ती पर सवाल उठने लगे हैं। अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट ने अमेरिका खुफिया दस्तावेजों के आधार पर एक रिपोर्ट को प्रकाशित किया है जिससे साफ जाहिर होता है कि अमेरिका दोस्त बनकर भारत में जासूसी की गतिविधियों में शामिल है। वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने इस साल 22 फरवरी को रूस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार निकोलय पत्रुशेव से मास्को में मुलाकात के दौरान कहा था कि भारत बहुपक्षीय मंचों पर रूस का समर्थन करेगा। अमेरिका के लीक हुए खुफिया दस्तावेज के आधार पर अखबार ने यह दावा किया है। इन लीक हुए दस्तावेजों में कथित रूप से डोभाल अपने रूसी समकक्ष से कहते हैं कि भारत यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहा है कि यूक्रेन युद्ध का मुद्दा आगामी जी-20 बैठक में न उठे।
यूक्रेन के जी-20 बैठक में शामिल होने को लेकर फंसा पेच
भारत इस समय जी-20 का अध्यक्ष है और कुछ महीने बाद ही इस वैश्विक समूह के राष्ट्राध्यक्षों की बैठक नई दिल्ली में होने वाली है। इस बैठक में बाइडन, पुतिन और जी-20 के अन्य राष्ट्राध्यक्षों के आने की उम्मीद है। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की चाहते हैं कि इस बैठक में उन्हें वर्चुअल तरीके से हिस्सा लेने की अनुमति दी जाए। यूक्रेनी की मंत्री ने हाल ही में भारत यात्रा के दौरान इसका अनुरोध भी किया था। यूक्रेन के इस अनुरोध पर अभी भारत ने कोई ठोस जवाब नहीं दिया है।
रूस ने गिराया अमेरिका का विमान
इस लीक दस्तावेज में कहा गया है कि डोभाल ने रूसी समकक्ष से कहा कि यूक्रेन मुद्दे को लेकर काफी दबाव है लेकिन वह इसे जी-20 सम्मेलन में आने नहीं देंगे। इसमें डोभाल के हवाले से कहा गया है कि भारत यूक्रेन मामले में अपने पहले ली गई स्थिति से पीछे नहीं हटेगा। यही नहीं यूक्रेन को लेकर संयुक्त राष्ट्र में आए पश्चिमी देशों के प्रस्ताव को समर्थन देने के दबाव के आगे नहीं झुकेगा। यह लीक हुआ दस्तावेज अमेरिका के खुफिया दस्तावेजों का हिस्सा है। यह दस्तावेज मैसेजिंग ऐप डिस्कॉर्ड पर लीक हुआ है।
बातचीत तक कैसे पहुंचा अमेरिका
यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है कि अमेरिका की खुफिया एजेंसी तक डोभाल की रूसी एनएसए के साथ हुई यह बातचीत कैसे पहुंची। पत्रुशेव रूसी राष्ट्रपति के बहुत करीबी हैं। उन्होंने 29 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की थी। वह एससीओ की बैठक में हिस्सा लेने के लिए आए थे। इसी दस्तावेज में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय के अंदर जासूसी का भी खुलासा हुआ है। पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ और विदेश राज्य मंत्री हिना रब्बानी खार की बातचीत भी लीक हो गई है।
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