51 तोला सोने का मुकुट अयोध्या में बिखेर रहा कोटा की चमक
रामधाम ने अयोध्या भेजा है चंद्रिका शैली का स्वर्ण मुकुट
कोटा के रामधाम की ओर अयोध्या में बड़ा भक्तमाल आश्रम में भगवान को अर्पित किए दो मुकुट 40 लाख रुपए की लागत के 51 तोला सोने से निर्मित हुए है।
कोटा। बीतीं सुगंध सिंचाई। गजमनि रचि बहु चौक पुराई। नाना भांति सुमंगलसाजे। हरषि निसान बहु बाजे। चौपाई के अनुसार राम जी के अयोध्या आगमन पर सारी गलियां सुगंधित द्रवों से सिंचाई गई। गजमुक्ताओं से रचकर बहुत सी चौकें पुराई गई। अनेक प्रकार के मंगल साज सजाए गए। और हर्ष पूर्वक नगर में बहुत से डंके बजने लगे। 22 जनवरी को अयौध्या में फिर राम आ रहे हैं। वहां राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है। अयोध्या नगरी फिर सुसज्जित होने लगी है। अयोध्या की हर गली,चौक चौबारों के साथ मंदिरों को सजाया जा रहा है। इसी क्रम में शिक्षा नगरी कोटा में तैयार किया गया 51 तोले सोने का मुकुट भी वहां कोटा की शान बिखेर रहा है। कहा जा रहा है कि यह मुकुट बिलकुल वैसा है जैसा भगवान राम ने अपने राज्याभिषेक में पहना था। यह मुकुट अयोध्या भेज दिए गए हैं। इन्हें भक्तमाल आश्रम में स्थित रामलला की प्रतिमा पर चढ़ा भी दिया गया है।
राज्याभिषेक में भगवान राम ने पहना था यह मुकुट
कोटा के रामधाम की ओर अयोध्या में बड़ा भक्तमाल आश्रम में भगवान को अर्पित किए दो मुकुट 40 लाख रुपए की लागत के 51 तोला सोने से निर्मित हुए है। संत अवधेश कुमाराचार्य ने बताया कि नवम्बर माह में भव्य आयोजन कर ये मुकुट ठाकुर जानकी बल्लभ लाल को अर्पित किए गए हंै। उन्होंने बताया कि 24 नवम्बर को तीन दिवसीय आयोजन के दौरान 25 नवंबर की शाम को गौरक्ष पीठाधीश्वर एवं यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इन्हें धारण कराया था। केकडी के कारीगरों द्वारा तैयार मुकुट का आकार एक गुना एक फीट है। इनमें विशेष हीरा लगाया जाएगा। इससे पहले यहां साढ़े तीन किलो चांदी के मुकुट धारण हैं।
राज्याभिषेक में भगवान राम ने पहना था यह मुकुट
रामधाम आश्रम कोटा के मुख्य पुजारी लक्ष्मणदास महाराज ने बताया कि भगवान राम 14 साल के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे तब राजतिलक के समय जिस तरह का मुकुट उन्हें धारण करवाया गया था, वैसा ही उनके लिए बनवाया है। वाल्मीकि रामायण में उल्लेख के अनुरूप इस मुकुट में लताएं व अन्य चित्रण क्रमबद्ध किया हुआ है।

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