रियासतकालीन तालाब की नहर से रिसाव, पानी हो रहा बर्बाद

मरम्मत के अभाव में तालाब की पाल हो रही जर्जर, हजारों लीटर पानी हो जाता है बर्बाद

रियासतकालीन तालाब की नहर से रिसाव, पानी हो रहा बर्बाद

शाहाबाद उपखंड की ग्राम पंचायत के अंतर्गत आने वाले सहरोल तलेटी गांव के तालाब से रियासतकाल के समय में निकली नहर काफी जर्जर हो चुकी है। मरम्मत और देखरेख के अभाव में तालाब की पाल से भी पानी का रिसाव होने लगा है।

शाहाबाद। शाहाबाद उपखंड की ग्राम पंचायत के अंतर्गत आने वाले सहरोल तलेटी गांव के तालाब से रियासतकाल के समय में निकली नहर काफी जर्जर हो चुकी है। मरम्मत और देखरेख के अभाव में तालाब की पाल से भी पानी का रिसाव होने लगा है। 1200 से अधिक लोगों की आबादी वाला यह गांव तीन तरफ से पहाड़ियों के ऊंचाई वाले स्थान पर बसा हुआ है। प्राचीन समय में जब राजा महाराजाओं का समय था, उस समय यहां की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए स्टेट के समय यहां पर एक बड़े तालाब का निर्माण कराया गया था। जिससे कि लोगों को सिंचाई के साथ पानी की समस्या से भी मुक्ति मिल सके। साथ ही जंगली जानवर एवं अन्य पशुधन भी उस पानी के सहारे रह सकें। उसी समय उस गांव के लिए तालाब से नहर निकाली गई थी जो कि लगभग डेढ़ से 2 किलोमीटर लंबी एमपी बॉर्डर तक जाकर लगती थी। जिससे सैकड़ों बीघा भूमि सिंचित होती थी। समय-समय पर इस नहर की मरम्मत भी कराई गई, परंतु वर्तमान में लगभग 10 से 15 साल से यह नहर टूटी फूटी पड़ी हुई है। जिसके चलते नहर से पानी देने वाले किसान अपने खेतों में पानी नहीं दे पाते। मजबूरी में बस 1000 बीघा के हिसाब से ट्रैक्टर जुगाड़ वाहनों से पानी देना पड़ता है।

बरसात की फसल ही कर पाते हैं किसान
पानी के अभाव के चलते शाहाबाद तलेटी क्षेत्र में बोरवेल सफल नहीं है। जिन तालाबों से खेतों को पानी मिलता है वह तालाब देखरेख के अभाव में क्षतिग्रस्त होते जा रहे हैं। नहरें टूट फूट चुकी हैं। जिससे तलेटी क्षेत्र के किसान बरसात पर निर्भर हो चुके हैं और एक ही फसल ले पाते हैं।

पहले जल ग्रहण के अंतर्गत आता था तालाब
लगभग 15 साल पहले सहरोल का तालाब जल ग्रहण के अंतर्गत आता था। जब नहर से पानी छोड़ा जाता था तो 2 से 5 बीघा के हिसाब से पैसा लिया जाता था। बाद में यह पंचायत समिति ग्राम पंचायत के अधीन हो गया। दिनेश भार्गव, हिम्मत सिंह, हंसराज शर्मा, केसरीलाल माली, पप्पू माली आदि ने बताया कि पहले खेतों में पानी तालाब से निकली नहर से ही पानी लगता था। पूर्व में इस तालाब से दो नहरें निकलती थीं। बाद में सिर्फ एक ही नहर में पानी छोड़ा जाता था। जिससे किसान खेती करते थे।

नहर बंद होने से छोटे किसान परेशान
नहर बंद होने के कारण छोटे किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जिनकी 5 बीघा से 8 बीघा जमीन है, उन किसानों को दूसरों के कुओं से पानी लेकर चने की फसल करनी पड़ती है।

मछली पालन का होता है ठेका
पंचायत समिति को भी इस तालाब से इनकम है। क्योंकि मछली पालन के अंतर्गत इस तालाब का ठेका होता है। गांव के लोगों  ने उर्मिला जैन जिला प्रमुख से शीघ्र नहर मरम्मत कराने की मांग की है।

नहर टूट-फूट चुकी है। साथ ही तालाब की पाल से पानी का रिसाव होता है। इसके लिए कई बार हम उच्चाधिकारियों को अवगत करा चुके हैं। इसकी मरम्मत शीघ्र कराई जानी चाहिए नहीं तो ग्राम पंचायत के लोगों को मजबूर होकर आगे और कार्यवाही करनी पड़ेगी।
-शिवदयाल शर्मा, सहरोल

लगातार पानी रिसाव के चलते पाल कमजोर हो रही है एवं तालाब का पानी व्यर्थ ही बह रहा है। एक तरफ तो सरकार द्वारा जल संरक्षण की बात की जाती है वहीं दूसरी ओर प्राचीन तालाबों की मरम्मत नहीं की जा रही। हम इसकी शीघ्र जिला कलक्टर से मरम्मत की मांग करते हैं।
-मुकेश शर्मा, सहरोल तलेटी

वर्षों से इस नहर से किसान पानी देते आ रहे थे। परंतु विगत 15 सालों नहर से पानी किसान नहीं दे पा रहे हैं। जिससे किसान मजबूरी में अन्य साधनों से पैसे देकर पानी ले रहा है। गरीब किसान अपने खेतों में खेती नहीं कर पा रहा है। हम सभी ग्रामीण इसकी मरम्मत करावाने के लिए जिम्मेदार पदाधिकारियों से मांग करते हंै।
भैरवलाल, सहरोल

तालाब की पाल के पत्थर निकल चुके हैं। जगह-जगह से पाल कमजोर हो रही है। इस समस्या के संबंध में कई बार ग्राम पंचायत को सूचित किया गया। पंचायत समिति को भी सूचित किया परंतु कोई सुनवाई नहीं हो रही है। नहर व तालाब की मरम्मत शीघ्र कराई जानी चाहिए।
-नारायणलाल शर्मा, सहरोल

एक तरफ तो सरकार द्वारा मनरेगा के अंतर्गत नवीन तालाब तालाब खुदाई आदि कराई जाती है दूसरी ओर जो प्राचीन जल स्त्रोत हैं उनको नष्ट होने के लिए छोड़ दिया जाता है। जबकि यह प्राचीन जल भंडार आज भी लोगों के लिए पानी दे रहे हैं। इसलिए  इन्हें ठीक कराया जाना चाहिए।
-भीमाशंकर, शाहाबाद

सिंचाई विभाग से तालाब नहर की मरम्मत का एस्टीमेट बनवा कर बजट के लिए प्रस्ताव बनाकर भेजा जाएगा। इसके बाद तालाब व नहर की मरम्मत कराई जाएगी। ग्रामीणों की जो भी शिकायत है उनको दूर किया जाएगा।
-छुट्टनलाल मीणा, विकास अधिकारी, शाहाबाद

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