आईपीएस पकंज चौधरी की पहल : भोपा जाति के 20 बच्चों में जगा रहे शिक्षा की अलख
दो महीने बाद बच्चों का स्कूल में कराया जाएगा दाखिला
स्टेट डिजास्टर रेस्पांस फोर्स (एसडीआरएफ) प्रदेश में कहीं भी आई प्राकृतिक और कृत्रिम आपदा में फंसे लोगों की जान बचाने के लिए हर समय तैयार रहती है। अपनी जान जोखिम में डालकर दूसरों की जान बचाने वाली एसडीआरएफ ने अब नई पहल ‘पाठशाला’ शुरू की है।
जयपुर। स्टेट डिजास्टर रेस्पांस फोर्स (एसडीआरएफ) प्रदेश में कहीं भी आई प्राकृतिक और कृत्रिम आपदा में फंसे लोगों की जान बचाने के लिए हर समय तैयार रहती है। अपनी जान जोखिम में डालकर दूसरों की जान बचाने वाली एसडीआरएफ ने अब नई पहल ‘पाठशाला’ शुरू की है। इसके तहत एसडीआरएफ का एक जवान भोपा जाति के 20 बच्चों में शिक्षा की अलख जगाएगा। एसडीआरएफ कमांडेंट पंकज चौधरी की ओर से शुरू की गई अनूठी पहल से बच्चों को नई दिशा मिलेगी। हाल में इन बच्चों को बेसिक शिक्षा दी जा रही है। इनमें से मेधावी बच्चों का आने वाले समय में स्कूल में दाखिला कराया जाएगा।
प्राकृतिक और कृत्रिम आपदा में फंसे लोगों की जान बचाने के लिए हर समय तैयार
एक नजर में प्रयास
प्रदेश के एसडीआरएफ का मुख्यालय गत 2020 जून में जयपुर शहर के झलाना से 45 किलोमीटर दूर अजमेर रोड पर ‘गाड़ोता’ में शिफ्ट हुआ है। करीब 100 बीघा में इसका कैंपस है। इसके आस-पास दस वर्षों से ‘भोपा जाति’ के 15 परिवार जीवनयापन कर रहे हैं। यहां 100 की संख्या में सदस्य है, जिनमें 30 पुरुष, 35 महिलाएं व 35 बच्चे हैं । इनका काम मजदूरी करना और किसी प्रकार से अपना जीवन-यापन करना है।
गलत राह पर चलने से बचेंगे
सेनानायक पंकज चौधरी ने इन जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए कई प्रयास और नवाचार किए है, जिनमें एसडीआरएफ क्रैच के अलावा एसडीआरएफ की पाठशाला है। उम्मीद है कि इन परिवारों से बच्चे पढ़ लिखकर आगे बढ़े तो इन सभी परिवारों को नई दिशा मिल जाएगी। यह छोटी सी शुरुआत यह संदेश देती है कि यह बच्चे पढ़-लिख जाएगे तो वह गलत राह पर चलने से बचेंगे। इन बच्चों को पढ़ाने के लिए एसडीआरएफ के एक जवान को तैनात किया है, जो रविवार को छोड़कर हर दिन इन बच्चों को सुबह 9 से 10 बजे तक सभी विषय पढ़ाते हैं।
एसडीआरएफ ने भोपा जाति के बच्चों को मुख्यधारा में जोड़ने के लिए एक पाठशाला शुरू की है, जिसमें हाल में 20 बच्चों को शिक्षा दी जा रही है। ऐसा ही प्रयास आगे भी जारी रहेगा।-पंकज चौधरी, सेनानायक एसडीआरएफ
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