सालाना 105 करोड़ से ज्यादा की किताबें बिक रही कोटा में

देश भर में फेमस है कोटा के बुक राइटर्स

  सालाना 105 करोड़ से ज्यादा की किताबें बिक रही कोटा में

कोटा में हर साल 105 करोड़ से ज्यादा की किताबें बिकती है,जो प्रदेश में सबसे अधिक है। इनमें 70 करोड़ की जेईई और नीट की किताबें बिकती है और 35 से 40 करोड़ की सीबीएसई और आरबीएसई की किताबें बिकती है। कुल मिलाकर यह आंकड़ा 105 करोड़ से अधिक तक पहुंच जाता है।

कोटा। राजस्थान के सरकारी व प्राइवेट स्कूलों में ग्रीष्मकालीन अवकाश जल्द खत्म होने वाला है। इसी के साथ नए शैक्षणिक सत्र की शुरूआत होगी। राजस्थान के प्राइवेट स्कूल 24 जून से शुरू होंगे, जबकि सरकारी स्कूल 1 जुलाई को खोले जाएंगे। प्रदेश के सरकारी व प्राइवेट स्कूलों में जल्द ही बच्चों की चहल-पहल शुरू हो जाएगी। हालांकि 24 जून को निजी स्कूलों में शिक्षकों के साथ-साथ बच्चें भी आ सकेंगे। सरकारी स्कूलों में सिर्फ शिक्षकों की आवाजाही होगी। विद्यालयों से लेकर शिक्षकों, बच्चों और बुक विक्रेताओं ने तैयारियां कर ली है। सरकारी स्कूलों में नए सत्र की किताबें बच्चों को पहले ही उपलब्ध करवा दी गई है। कोटा में 35 से 40 प्रतिशत सीबीएसई  और आरबीएसई की किताबों की बिक्री होती है,जबकि 60 से 65 प्रतिशत जेईई और नीट की किताबों का कारोबार होता है। इस साल कागज की कीमत महंगी होने से किताबें भी महंगी हो गई है।

किताबों से 105 करोड़ से ज्यादा का कारोबार
बुक सेलरों के अनुमान के मुताबिक कोटा में हर साल 105 करोड़ से ज्यादा की किताबें बिकती है,जो प्रदेश में सबसे अधिक है। इनमें 70 करोड़ की जेईई और नीट की किताबें बिकती है और 35 से 40 करोड़ की सीबीएसई  और आरबीएसई की किताबें बिकती है। कुल मिलाकर यह आंकड़ा 105 करोड़ से अधिक तक पहुंच जाता है। कोटा में 1.30 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स है। कोटा आने वाला हर स्टूडेंट औसतन सालाना 10 हजार रुपए की किताबें खरीदता है। इनकी संख्या 25 से 30 तक होती है।

400 के करीब बुक सेलर
कोटा में करीब 400 होलसेल व रिटेलर बुक सेलर है। 8 से 10 आॅनलाइन बुक सेलर है व 10 से 15 जनरल बुक विक्रेता है। एक स्टूडेंट एनसीईआरटी की 14 के अलावा सब्जेक्ट की 4 साइड बुक, करीब 12-12 बुक्स जेईई अथवा मेडिकल की बुक खरीदता है। होलसेल कारोबारियों के मुताबिक सीजन में कोटा में ढाई से तीन हजार बुक आॅनलाइन बिक जाती है।

पुरानी किताबों का बड़ा कारोबार
कोटा में पुरानी किताबों का भी बड़ा कारोबार है। यहां करीब 400 बुक सेलर यह कारोबार करते हंै। कोचिंग के बाद स्टूडेंट्स इन बुक सेलर को अपनी किताबें बेच जाते हैं। कोटा में आने वाले नए स्टूडेंट्स जो महंगी नई किताबें खरीदने में असमर्थ होते हंै, वह स्टूडेंट्स इन पुरानी किताबों को 35 से 40 फीसदी दर पर इन किताबों को खरीद लेते है।

यहां के बुक राइटर्स देशभर में फेमस
मेडिकल और इंजीनियरिंग परीक्षा को लेकर कोटा के 2 दर्जन से ज्यादा बुक राइटर्स की बुक्स पब्लिश होती है। इन बुक्स की देशभर में मांग रहती है। हर बुक सब्जेक्ट वाइज पब्लिश होती है। इन बुक्स की पहचान कोटा के सर के नाम से होती है और अनेक बुक्स कोचिंग के संस्थान के नाम से भी प्रकाशित होती है। इसी नाम की वजह से इनकी बुक्स देशभर में लाखों की तादात में बिकती है।

स्कूल व यूनिवर्सिटीज से ज्यादा उनके पास कंपीटिशन की बुक्स बिकती है। यह किताबें टेक्स फ्री है। हालांकि कागज मंहगा होने से किताबें मंहगी जरूर हैं। स्टूडेंटस का ज्यादातर ध्यान कंपीटिशन की और ही है। अनेक कोचिंग सेंटर संचालक ज्यादातर अपने पास से ही कॉपी-किताबें देते हैं। लेकिन इसकी वजह से इनकी बिक्री पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा।
- विजय कुमार, बुक विके्रता

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