प्रदेश में अब पासपोर्ट के लिए होगा ऑनलाइन वेरिफिकेशन, गृह विभाग ने शुरू की तैयारियां
प्रदेश में केरल की तर्ज पर अब पासपोर्ट के लिए ऑनलाइन वेरिफिकेशन होगा। इसके लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मंजूरी के बाद गृह विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी है। यह वेरिफिकेशन एक एप के जरिए मात्र 3 दिन में होगा। अभी इसमें कम से कम 17 दिन लग रहे हैं।
जयपुर। प्रदेश में केरल की तर्ज पर अब पासपोर्ट के लिए ऑनलाइन वेरिफिकेशन होगा। इसके लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मंजूरी के बाद गृह विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी है। यह वेरिफिकेशन एक एप के जरिए मात्र 3 दिन में होगा। अभी इसमें कम से कम 17 दिन लग रहे हैं। ऑनलाइन वेरिफिकेशन के लिए केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने भी गत फरवरी माह में राज्य सरकारों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए थे। उसके बाद ही राज्य की विशेष शाखा ने कवायद शुरू की थी। गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों की सरकारों को निर्देश दिए थे कि वे पासपोर्ट बनाने के लिए एम पासपोर्ट पुलिस एप का प्रयोग करे।
फरवरी 2016 में शुरू किया एप
गृह मंत्रालय के संजय भट्टाचार्य ने मुख्य सचिव निरंजन कुमार आर्य और पुलिस महानिदेशक निरंजन कुमार आर्य को लिखे पत्र में बताया है कि केन्द्र सरकार ने इस एप को फरवरी 2016 में शुरू किया था। इसमें वेरिफिकेशन के लिए मोबाइल फोन से भी आवेदन किया जा सकता है। इस एप से देश के 18 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के 240 जिलों के 5 हजार 477 पुलिस स्टेशन जुड़े हुए हैं, लेकिन राजस्थान के किसी भी जिले में कोई भी पुलिस स्टेशन इस एप से जुड़ा हुआ नहीं है। उन्होंने यह भी लिखा है कि राजस्थान में वर्ष 2019 में 3 लाख 56 हजार 316 पासपोर्ट जारी किए थे। इसकी एवज में गृह मंत्रालय ने राजस्थान पुलिस को 4 करोड़ 25 लाख 90 हजार 700 रुपए का भुगतान किया था। गृह मंत्रालय प्रति आवेदन 150 रुपए का भुगतान करता है। अगर किसी वेरिफिकेशन में 21 दिन से ज्यादा समय लगता है, तो प्रति आवेदन 50 रुपए का कम भुगतान किया जाता है।
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