पहली बार भामाशाह मंडी में सुगंधा धान की आवक
सुगंधा धान से महक उठी भामाशाह मंडी
भामाशाह मंडी में इस साल पहली बार सुगंधा धान की आवक हुई है। मंडी में लगभग 100 बोरी धान बिकने के लिए आया।
कोटा। भामाशाह मंडी में इस साल पहली बार सुगंधा धान की आवक हुई है। मंडी में लगभग 100 बोरी धान बिकने के लिए आया। इस धान के दाम अच्छे मिलने से किसान का चेहरा खिल उठा। आमतौर पर धान की फसल बरसात के मौसम में तैयार की जाती है। इस साल रावतभाटा क्षेत्र के किसान ने नवाचार करते हुए पहली बार बरसात के पहले ही धान सुगंधा की फसल तैयार की। अब उसे बेचने के लिए मंडी में लाया है।
फसल चक्र को कृषि विभाग में 2 श्रेणियों में बांट रखा है। जिन्हें रबी व खरीफ की श्रेणी माना जाता है। इस किसान ने जो धान सुगंधा की फसल की है वह न तो रबि में आती है नहीं खरीफ श्रेणी में। रावतभाटा क्षेत्र के धावद कला निवासी रामभरोसे ने बताया कि राणा प्रताप सागर के डूब क्षेत्र में इस बार गर्मी के मौसम भी पर्याप्त पानी था इस कारण उसने धान की फसल करने का निर्णय किया था। धान की फसल में पानी की ज्यादा जरूरत होती है। भरपूर पानी होने से धान की फसल अच्छी हो गई। मंडी में फसल के दाम भी अच्छे मिल गए। इस फसल से उसे 340000 की कमाई हो गई। रावतभाटा क्षेत्र के किसान ने गर्मी के मौसम में इस फसल को बोया था। राणा प्रताप सागर बांध के डूब क्षेत्र में किसान ने इस फसल को तैयार किया। करीब 2 माह तक भरपूर पानी के बीच इसमें सिंचाई की। यह फसल मात्र 60 दिन की अवधि में ही तैयार हो जाती है। भामाशाह मंडी में करीब 100 बोरी बेचने के लिए लाए किसान को अच्छे दाम मिलने से उसका चेहरा खिल उठा। मंडी में 3401 प्रति क्विंटल की बोली लगाई। मंडी के प्रमुख व्यापारी महेश खंडेलवाल ने बताया कि इस फसल को बरसात के मौसम में तैयार किया जाता है लेकिन इस किसान ने गर्मी में ही इस फसल को तैयार कर लिया।
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