असर खबर का : जिला शिक्षा अधिकारी तलब, मांगा जवाब
विद्यालय भवनों की मेंटीनेंस तथा अन्य जरूरतें पूरी नहीं होने का मामला, नवज्योति ने उठाया था मुद्दा, क्यों नहीं मिल रही क्वालिटी एजुकेशन
स्थाई लोक अदालत ने विद्यालयों के भवनों का मेंटीनेंस तथा अन्य आवश्यकताएं पूरी नहीं होने के मामले में सुनवाई करते हुए जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक मुख्यालय और जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक को नोटिस जारी कर 23 अगस्त 2022 तक जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं।
कोटा । स्थाई लोक अदालत ने विद्यालयों के भवनों का मेंटीनेंस तथा अन्य आवश्यकताएं पूरी नहीं होने के मामले में सुनवाई करते हुए जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक मुख्यालय और जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक को नोटिस जारी कर 23 अगस्त 2022 तक जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं।
इस मामले में एडवोकेट लोकेश कुमार सैनी ने एक जनहित याचिका दायर करते बताया कि आधार भूत शिक्षा को बेहतर बनाने एवं नींव को मजबूत करने के लिए सरकार ने सरकारी विद्यालयों को हर सुविधा उपलब्ध करवा रखी हैं। प्राइवेट स्कूलों की तरह से सरकारी स्कूलों का माहौल बने और डेकोरम उपलब्ध हो इसके लिए नवाचार भी किए जा रहे हैं। इसके लिए किताबों से लेकर यूनिफॉर्म ,भोजन दूध तक नि:शुल्क दिए जा रहे हैं । सरकार की इस प्रकार की सारी कोशिश धरातल पर दिखाई दे रही है लेकिन अधिकारियों द्वारा बेहतर प्रबंध वर्तमान में परिस्थितियों के अनुकूल है, टीचर ट्रेनिंग का अक्स क्वालिटी एजुकेशन के रूप में है । भौतिक संसाधनों ं की उपलब्धता डिमांड के अनुसार है, लेकिन कुछ विद्यालय में ऐसा नहीं हो रहा है। करोड़ों रुपए का बजट योग्य शिक्षक, अधिकारियों से कर्मचारियों तक कम्युनिकेशन फिर भी क्वालिटी एजुकेशन से बच्चा वंचित रह रहे हैं। सरकारी स्कूलों की शिक्षा का स्तर भी कम है ।
याचिका में बताया गया कि शिक्षक व छात्रों के बीच जुड़ाव की कमी आ रही है, शिक्षक समुदाय और अधिकारियों में दृढ़ इच्छाशक्ति का अभाव, शिक्षकों के सम्मान में कमी, शिक्षकों के सरकारी नौकरी लगते ही सोच का बदलाव, अभिभावकों का बढ़ता दखल, शिक्षा संबंधी निर्णयों में राजनीतिक दखल, जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा मॉनिटरिंग की कमी जर्जर भवन शिक्षकों की कमी कक्षा कक्षों की हालत खस्ता, खेल मैदान, लाइब्रेरी, कंप्यूटर लैब, विज्ञान लैब का अभाव तथा अनावश्यक कार्यों में शिक्षकों की ड्यूटी लगाना, याचिका में बताया गया कि क्वालिटी एजुकेशन देने के लिए सरकार शिक्षा क्षेत्र में नए नए नवाचार कर तो रही है, लेकिन सुदृढ़ मॉनिटरिंग व्यवस्था नहीं होने से स्कूलों में भौतिक संसाधन विद्यार्थियों की संख्या के अनुसार होने चाहिए पर्याप्त कक्षा कक्ष विद्यालय भवनों का मेंटेनेंस और अन्य आवश्यकताएं समय पर पूरी होना अत्यावश्यक है, परंतु ऐसा नहीं हो रहा है । इन सब बातों में ध्यान में रखते हुए जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक की लापरवाही नजर आ रही है। मामले में न्यायालय ने दोनों अधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए जबाव तलब किया है।
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