नदी पार आना जाना दूभर, हर पल मौत से सामना

चम्बल की दोनों बड़ी पुलियाएं बरसात में हुई खस्ताहाल

नदी पार आना जाना दूभर, हर पल मौत से सामना

शहर में बरसात से शायद ही कोई सड़क ऐसी होगी जो सही बची है। यहां तक कि चम्बल की दोनों बड़ी पुलियाओं पर भी इतने अधिक गड्ढ़े हो गए हैं कि पग-पग पर गड्ढ़े होने से वाहन चालकों को हर पल मौत से सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में नदी पार आना-जाना ही दूभर हो गया है।

कोटा । शहर में बरसात से शायद ही कोई सड़क ऐसी होगी जो सही बची है। यहां तक कि चम्बल की दोनों बड़ी पुलियाओं पर भी इतने अधिक गड्ढ़े हो गए हैं कि पग-पग पर गड्ढ़े होने से वाहन चालकों को हर पल मौत से सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में नदी पार आना-जाना ही दूभर हो गया है। शहर की सड़कों की हालत तो खराब हो ही रही है। साथ ही हाइवे की सड़कें भी बदहाल हो रही हैं। चम्बल नदी की दोनों बड़ी पुलियाएं हाइवे पर ही हैं। कोटा-जयपुर मार्ग होने से यहां से 24 घंटे छोटे-बड़े सैकड़ों वाहनों का आवागमन हो रहा है। हालत यह है कि नयापुरा से बूंदी रोड जाने के लिए बनी पुरानी पुलिया पर तो हर थोड़ी-थोड़ी पर गड्ढ़े हो रहे हैं। जिससे बचने के लिए वाहन चालकों को अपने वाहनों को इधर-उधर करना पड़ रहा है। ऐसे में कई वाहनों का संतुलन बिगड़ रहा है तो कई हादसों का शिकार हो रहे हैं। हालत यह है कि हाइवे की पुलिया होने से बाहर से आने वाले वाहन यहां से तेजी से निकलने का प्रयास करते हैं ऐसे में उन्हें गड्ढ़े होने का पता नहीं चलने से हादसों का खतरा अधिक हो रहा है। इतना ही नहीं बूंदी रोड से नयापुरा कीे तरफ आने वाली चम्बल की नई बड़ी पुलिया पर तो इतने अधिक गड्ढ़े हैं कि वहां से निकलना मतलब मौत से हर पल सामना करना है। नई पुलिया पर बीच में तो गड्ढ़े हैं ही साइड में भी इतने बड़े गड्ढ़े हैं कि दो पहिया वाहन ही नहीं चार पहिया वाहनों तक का संतुलन बिगड़ रहा है। रविवार को भी बरसात का पानी भरा होने से कई वाहन चालकों को गड्ढ़ों का पता ही नहीं चला जिससे हादसों में कई लोग चोटिल भी हुए। गड्ढ़े भी इतने बड़े हैं कि उनकी कीचे की परत तक नजर आने लगी है। वाहन चालकों ने बताया कि पुलिया पर गड्ढ़े होने के साथ ही कई जगह पर डामर की गिट्टी ही उखड़ी हुई है। जिससे दो पहिया वाहन स्लिप हो रहे हैं। यहां भी पुलियाएं खस्ताहाल लोगों ने बताया कि नदी पार जाने व वहां से आने के लिए एक भी रास्ता सुरक्षित नहीं है। चम्बल की दोनों बड़ी पुलियाओं पर तो गड्ढ़े हो ही रहे हैं। साथ ही बैराज के समानांतर पुल पर भी गड्ढ़े हो रहे हैं। वहां दो दिन पहले गड्ढ़े भरने के लिए मिट्टी डाल दी लेकिन उससे भी कोई फायदा नहीं हुआ। यहां दिनभर जाम रहता है। लोगों ने बताया कि गत दिनों हुई तेज बरसात में चम्बल की छोटी रियासतकालीन पुलिया भी क्षतिग्रस्त हो रही है। जिससे वहां से निकलना भी जान जोखिम में डालना है। ऐसे में नदी पार आने-जाने के लिए सुरक्षित रास्ता ही नहीं बचा है। मवेशियों का झुंड भी हादसों का कारण चम्बल की दोनों बड़ी पुलियाओं पर गड्ढ़ों के कारण तो दिन के समय कई बार ट्रैफिक जाम तक के हालात बन रहे हैं। वहीं दोनों पुलियाओं के साइड में मवेशियों के झुंड भी बैठे रहते हैं। जिससे भी हादसों का खतरा बना हुआ है। वाहन चालकों ने बताया कि पुलिया से नदी पार जाना या नदी पार से आना मुश्किल हो रहा है। रात के समय तो डर लगने लगा है कि कहीं एक्सीडेंट न हो जाए। लोगों ने बताया कि गड्ढोÞ से बचने के लिए साइड से गाड़ी निकालने पर मवेशियों के झुंड का सामना करना पड़ रहा है। नई पुलियाओं पर भी गड्ढ़े व गिट्टी शहर में बनी नई पुलियाओं पर भी बरसात से गड्ढ़े हो गए हैं और गिट्टी निकल गई है। कोटड़ी चौराहे के ग्रेड सेपरेटर पर भी गड्ढ़े होने के साथ ही उसकी गिट्टी भी उखड़ गई है। इसी तरह से इंदिरा गांधी तिराहे पर बने फ्लाई ओवर पर भी गड्ढ़े होने लगे हैं। पुलिया पर हो चुके हादसे गौरतलब है कि चम्बल की बड़ी व पुरानी पुलिया पर पूर्व में कई हादसे हो चुके हैं। गत दिनों ही दो ट्रक अनियंत्रित होकर पुलिया की रैलिंग से टकरा गए थे। जिनमें से एक ट्रक तो नीचे ही गिर गया था। जिससे उसके चालक की मौत भी हो चुकी है। जबकि दूसरा ट्रक रैलिंग पर ही झूल गया था। लोगों ने बताया कि इसी तरह से रात के समय पुलिया के गड्ढ़ों के कारण कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। बरसात से शहर में कई जगह की सड़कों पर गड्ढ़े हो गए हैं। जिन्हें सही करवाने के निर्देश अधिकारियों को दिए हुए हैं। अधिकारियों ने काम भी शुरू कर दिया है। पुलिया के गड्ढ़ों को भी सही करवाया जाएगा। बरसात होने से गड्ढ़ों में डामर का पेचवर्क नहीं किया जा सकता। इस कारण से परेशानी हो रही है। -मंजू मेहरा, महापौर , नगर निगम कोटा उत्तर

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