
2 पहाड़ों को एक चित्र में किया कैद, बाइक से की यात्रा
प्रकृति के चित्रों से सरोबार नजर आई
फोटोग्राफी की इसी दुरूह यात्रा के दौरान खींचे गए सैकड़ों चित्रों में से चयनित 35 छाया चित्रों की इस प्रदर्शनी में अधिकांश पहाड़ों के चित्र है।
जयपुर। विश्व फोटोग्राफी दिवस की पूर्व संध्या पर जवाहर कला केन्द्र की पारिजात कला दीर्घा लेह, लद्दाख, शिमला और मसूरी के पहाड़ों और उन पर छाई प्रकृति के चित्रों से सरोबार नजर आई। मौका था छाया चित्रकार पुष्पेन्द्र उपाध्याय के खींचे गए छाया चित्रों की प्रदर्शनी के उद्घाटन का। पुष्पेन्द्र ने बताया कि चित्रकार महेश स्वामी की कला से प्रेरित होकर उन्होंने छाया चित्रकारी करना शुरू किया और 2019 में उन्होंने पहली बार लेह-लद्दाख, सिमला और मसूरी की बाइक से यात्रा की। फोटोग्राफी की इसी दुरूह यात्रा के दौरान खींचे गए सैकड़ों चित्रों में से चयनित 35 छाया चित्रों की इस प्रदर्शनी में अधिकांश पहाड़ों के चित्र है।
18 हजार फीट की उंचाई तक की फोटोग्राफी
इस यात्रा का उनका उद्देश्य इस क्षेत्र के प्राकृति को अपनी छाया चित्रकारी का माध्यम बनाना था। इस दौरान उन्होंने लेह-लद्दाख और उसके आस-पास हुंदूर तथा पैंगान लेक क स्थलों पर 18 हजार हजार फीट की उंचाई तक वहां के चित्रों सौन्दर्य को अपने कैमरे में कैद किया।
पहाड़ों पर छाया-प्रकाश का संयोजन
यहां प्रदर्शित छाया चित्रों में पहाड़ों पर छाया-प्रकाश का संयोजन देखने योग्य है। इसके अलावा एक-दूसरे से लंबी दूरी पर स्थित 2 पहाड़ों को उन्होंने इस तरह अपने कैमरे में कैद किया है। दोनों एक-दूसरे की करीब ही हो। पुष्पेन्द्र ने कहा कि फोटोग्राफी सबसे अधिक सूर्योदय के समय होती है।
28 अगस्त तक चलेगी प्रदर्शनी
प्रदर्शनी का उद्घाटन राजस्थान ललित कला अकादमी के पूर्व अध्यक्ष प्रो. भवानी शंकर शर्मा ने किया। लोकनायक जयप्रकाश नेशनल आर्ट एंड कल्चर फाउण्डेशन के महासचिव अरविंद ओझा और राजस्थान ललित कला अकादमी के सचिव डॉ. रजनीश विशिष्ठ अतिथि थे। यह प्रदर्शनी 28 अगस्त तक चलेगी।
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