कृषि विभाग से लाइसेंस के लिए अब करना होगा सर्टिफिकेट कोर्स

खाद -बीज की दुकान के लिए एक साल के सर्टिफिकेट कोर्स से बन सकेंगे एग्रीकल्चर एग्जीक्यूटिव

कृषि विभाग से लाइसेंस के लिए अब करना होगा सर्टिफिकेट कोर्स

खाद-बीज की दुकान चलाने वालों या दुकान खोलने वालों के लिए कृषि विभाग एक साल का डिप्लोमा सर्टिफिकेट कोर्स चला रहा है। यह कोर्स करने के बाद दुकानदारों को खाद-बीज का लाइसेंस लेने में सहूलियत होने के साथ रोजगार भी मिल सकेगा।

कोटा। युवाओं को रोजगार देने के लिए कृषि विभाग की ओर से चलाया जा रहा एक वर्षीय सर्टिफिकेट कोर्स रोजगार के नए रास्ते खोल रहा है। सर्टिफिकेट कोर्स के बाद युवा अब खाद-बीज की जो दुकानें चला रहे हैं। जो वर्तमान में खाद बीज की दुकानें संचालित कर रहे उनके लिए भी अनिवार्य लाइसेंस लेने के लिए कृषि विभाग ये सुविधा दे रहा है। दरअसल, खाद-बीज की दुकान चलाने वालों या दुकान खोलने वालों के लिए कृषि विभाग एक साल का डिप्लोमा सर्टिफिकेट कोर्स चला रहा है। यह कोर्स करने के बाद दुकानदारों को खाद-बीज का लाइसेंस लेने में सहूलियत होने के साथ रोजगार भी मिल सकेगा। कई युवक खुद की दुकान लगाना चाहते हैं, लेकिन लाइसेंस नहीं होने के कारण वो दुकान नहीं लगा पा रहे थे। ऐसे युवकों और आमजन की मदद करने के लिए एक साल का डिप्लोमा सर्टिफिकेट कोर्स है। इसे करने के बाद एग्रीकल्चर एक्जीक्यूटिव बनकर अपना व्यवसाय शुरू कर सकते हैं। राष्ट्रीय स्तर पर कोर्स का डिजाइन कृषि अनुसंधान अधिकारी डॉ. नरेश कुमार शर्मा ने बताया कि यह सर्टिफिकेट कोर्स 3 वर्ष पहले शुरू किया गया था। कोर्स का डिजाइन राष्ट्रीय स्तर पर हैदराबाद की राष्टÑीय कृषि विस्तार प्रबंध संस्थान (एमएएनएजीई ) ने तैयार किया है। प्रदेश के राज्य कृषि प्रबल संस्थान (एसआईएम) दुगार्पुरा जयपुर से संचालित किया जा रहा है। कोर्स में अधिकतम 40 लोग एडमिशन ले सकते हैं। इसे कोर्स को दोनों ही संस्थान से मान्यता प्राप्त है। इसलिए जरूरी है यह कोर्स शर्मा के मुताबिक, खाद बीज कीटनाशक खरीदने के लिए किसान गांव-कस्बों में इनपुट डीलर्स से सम्पर्क करते हैं, इसलिए इन डीलर्स को तकनीकी ज्ञान होना आवश्यक है। डीलर शिक्षित होंगे तो सही बीज, खाद एवं दवा किसान को बता पाएंगे। ऐसे में किसान अपनी फसल को जरूरत के मुताबिक खाद बीज दे सकेंगे, जिससे फसल को लाभ होगा। अभी तक डीलर्स बिना तकनीकी ज्ञान के ही किसानों को अंदाजे से खाद बीज व दवा दे देते हैं, इससे फसलों को नुकसान पहुंचने की आशंका रहती है। किसान का नुकसान न हो इसलिए डीलर्स को प्रोडक्ट से संबंधित तकनीकि ज्ञान होना आवश्यक है। 40 लोगों का होता है बैच कृषि विभाग के पास जैसे ही 40 आवेदन आने के साथ ही बैच शुरू कर दिया जाता है। हालांकि 30 से 35 आवेदन पर भी क्लासें शुरू कर दी जाती है। इसमें आयु सीमा की कोई बाधा नहीं है। वर्तमान में सर्टिफिकेट कोर्स की 4 कक्षाएं कोटा व बूंदी में संचालित हो रही है। कोटा में नयापुरा स्थित राज्य कृषि प्रबल संस्थान व बूंदी में आत्मा सप्ताह सभागार में चल रही है। अब तक 6 बैच पूर्ण हो चुके हैं, करीब 300 से ज्यादा लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार से जोड़ चुके हैं। इनमें अधिकांश लोग खाद-बीज दुकान का लाइसेंस लेकर खुद का व्यवसाय शुरू कर चुके हैं। क्या है यह कोर्स खाद-बीज की दुकान चलाने के लिए लाइसेंस अनिवार्य है, जिसके लिए यह कोर्स आवश्यक है। हैदराबाद की राष्टÑीय कृषि विस्तार प्रबंध संस्थान व राज्य कृषि प्रबल संस्थान दुर्गापुरा जयपुर द्वारा यह संचालित किया जा रहा है। इस पाठ्यक्रम को देशी कोर्स के नाम से जाना जाता है। इसमें आवेदन के लिए 10वीं पास न्यूनत योग्यता है और फीस 2 हजार है। वहीं, आवेदन के लिए आवेदक संबंधित जिले के जिला परिषद के उप निदेशक कृषि विस्तार कार्यालय में सम्पर्क कर सकता है। 48 सप्ताह के कोर्स में प्रेक्टिकल ट्रेनिंग भी डॉ. शर्मा ने बताया कि यह कोर्स 48 सप्ताह का होता है। जिसमें 40 सप्ताह तक थ्योरी क्लासेज और 8 सप्ताह कृषि विशेषज्ञों द्वारा प्रेक्टिकल ट्रेनिंग दी जाती है। कोर्स करने वाले अधिकांश लोग काम-धंधे वाले होते हैं। इसलिए ये प्रतिदिन क्लास में नहीं आ सकते। इसलिए सप्ताह में एक दिन यानी हर रविवार को कक्षाएं लगाई जाती है। ऐसे में एक दिन में दो व्याख्यान आयोजित किए जाते हैं। 300 लोगों को रोजगार से जोड़ा यह कोर्स करीब 3 साल से कोटा-बूंदी में संचालित हो रहा है। यह पहल शुरू करने का मकसद लोगों को रोजगार उपलब्ध कराना और खाद बीज की दुकान लगाने वाले डीलर्स में प्रोडक्ट की तकनीकि समझ विकसित करना है। अब तक 6 बैच निकल चुके हैं और वर्तमान में करीब 4 बैच संचालित हैं। कोर्स का पाठ्यक्रम पूरा होते ही परीक्षाएं करवाई जाती है। जिसमें पास होने के बाद ही प्रशिक्षार्थियों को हैदराबाद संस्थान द्वारा सर्टिफिकेट जारी किया जाता है। इसके बाद परीक्षार्थी खाद-बीज दुकान लगाने के लिए लाइसेंस ले सकता है। अब तक करीब 300 से ज्यादा लोगों को रोजगार से जोड़ चुके हैं। लोगों में इस कोर्स को लेकर रूझान बढ़ा है। कोटा कृषि विभाग ने किसानों को कृषि से संबंधित आ रही समस्याओं को देखते हुए राष्ट्रीय स्तर पर कोर्स शुरू किया है। -डॉ. नरेश कुमार शर्मा, कृषि अनुसंधान अधिकारी, संयुक्त निदेशक कृषि विस्तार कार्यालय कोटा

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