उपचुनावों का संदेश

उपचुनावों का संदेश

चुनावों के नतीजों ने केन्द्र में भाजपा शासित सरकार को एक मिलाजुला संदेश दिया, जो पार्टी के लिए चिंतनीय है।

हाल ही में 30 अक्टूबर को हुए 14 राज्यों की तीन लोकसभा व 30 विधानसभा उपचुनावों के नतीजे राजनीतिक दृष्टि से काफी मायने रखते हैं। इन चुनावों के नतीजों ने केन्द्र में भाजपा शासित सरकार को एक मिलाजुला संदेश दिया, जो पार्टी के लिए चिंतनीय है। भाजपा को हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक और महाराष्ट्र में तगड़ा झटका लगा। हिमाचल प्रदेश में भाजपा को तीनों विधानसभा सीटों व एक लोकसभा सीट पर हार का सामना करना पड़ा और सभी सीटेें कांग्रेस के खाते में चली गई। 30 विधानसभा सीटों में से भाजपा को 7 सीटें हाथ लगी और कांग्र्रेस को 8 सीटों पर सफलता मिली। शेष स्थानों पर क्षेत्रीय सत्तारूढ़ दलों ने बाजी मारी। उप चुनावों के नतीजों पर कुल मिलाकर विचार किया जाए तो दोनों राष्ट्रीय दलों भाजपा व कांग्र्रेस की ताकत में कमी हुई है। हिमाचल प्रदेश में भाजपा शासित सरकार के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने स्वीकार किया है कि हार महंगाई व ईंधन के बढ़ी कीमतों के कारण हुई है। भाजपा आलाकमान ने भी इस सच को स्वीकार करते हुए ही पेट्रोल-डीजल की एक्साइज ड्यूटी में कटौती करने पर मजबूर होना पड़ा। केन्द्र के साथ 22 राज्यों ने भी वेट शुल्क में कटौती की है और इनमें वे पांच राज्य भी शामिल हैं, जहां अगले साल विधानसभा के चुनाव होने हैं। हिमाचल में भी अगले साल चुनाव होने हैं। भाजपा ने अगले साल के चुनावों के मद्देनजर ही गुजरात, उत्तराखण्ड व कर्नाटक में मुख्यमंत्रियों को बदलना पड़ा, लेकिन हिमाचल प्रदेश के बारे में भाजपा आलाकमान शायद कोई उचित फैसला करने में शायद असमर्थ रहा है। राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपनी पकड़ मजबूत रही। भाजपा की कमजोरी के पीछे नेतृत्व ही बड़ा कारण रहा है। प्रदेशाध्यक्ष की पार्टी व जनता के बीच मजबूत पकड़ नहीं है। राज्य में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की अनदेखी पर भी आलाकमान को विचार करना होगा। मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान, पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की पकड़ मजबूत है। इन उपचुनावों से एक तथ्य सामने आया है कि भारत में लोकतंत्र की जड़ों से इस तरह मजबूत है कि कोई भी पार्टी मतदाताओं को अपना पिछलग्गू नहीं मान सकती। राजनीतिक दलों का फैसला आखिर मतदाता ही अपने विवेक से करता है। उपचुनावों के नतीजों ने एक बार फिर सावधान रहने का संदेश दे दिया है।

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