पहले अंडर पास बनाया, नई सीसी पर कार्य शुरू
इंजीनियर और अधिकारी जवाब देने से कतरा रह
नगर विकास न्यास द्वारा अनंतपुरा चौराहे से स्टेशन तक की रोड को ट्रेफिक लाइट सिग्नल फ्री बनाने के उद्देश्य से गोबरिया बावड़ी चौराहे पर करीब 29 करोड़ रुपए की लागत से अंडरपास का निर्माण कराया गया है। शहर के तीनों अंडरपास में इस अंडरपास को सबसे बेहतर बताया जा रहा था। न्यास द्वारा इस अंडरपास को शुरू किए अधिक समय भी नहीं हुआ कि उससे पहले ही इस अंडरपास में सीपेज का पानी भरने लगा।
कोटा । नगर विकास न्यास द्वारा शहर में विकास के नाम पर जनता के धन की जिस तरह से बर्बादी की जा रही है उसका एक नमूना हैं गोबरिया बावड़ी का अंडरपास। नव निर्मित अंडरपास की सीसी रोड पर फिर से कार्य शुरू कर दिया है। इसके लिए अंडरपास में दोनों तरफ से आवागमन को बंद किया हुआ है। नगर विकास न्यास द्वारा अनंतपुरा चौराहे से स्टेशन तक की रोड को ट्रेफिक लाइट सिग्नल फ्री बनाने के उद्देश्य से गोबरिया बावड़ी चौराहे पर करीब 29 करोड़ रुपए की लागत से अंडरपास का निर्माण कराया गया है। शहर के तीनों अंडरपास में इस अंडरपास को सबसे बेहतर बताया जा रहा था। न्यास द्वारा इस अंडरपास को शुरू किए अधिक समय भी नहीं हुआ कि उससे पहले ही इस अंडरपास में सीपेज का पानी भरने लगा। न्यास अधिकारियों व इंजीनियरों द्वारा काफी प्रयास के बाद भी सीपेज का पानी आना नहीं रूका। आखिरकार न्यास अधिकारियों को अंडरपास के दोनों तरफ का रास्ता बंद करना पड़ा।
मजबूती के नाम परबनाई सीसी सड़क
हालत यह है कि अंडरपास में मजबूती के लिए बनाई गई सीसी रोड को ड्रिल मशीनों से खोदा जा रहा है। दोनों तरफ से आधे से अधिक रोड को खोद दिया गया है। बुधवार को भी सीसी रोड को खोदने का काम किया जा रहा था। जिससे रोड के नीचे का हिस्सा नजर आने लगा। वहीं सीसी रोड में काम लिए गए सरिये भी मौके पर पड़े निर्माण की गुणवत्ता पर आंसू बहा रहे हैं। कुछ समय पहले तक तो सीपेज के समाधान के लिए सीसी रोड को जोड़ को ही खोदा गया था। जिसे जाली लगाकर सही करने की संभावना जताई जा रही थी। लेकिन समस्या गम्भीर व बड़ी होने से उसका समाधान नहीं हो पा रहा है। ऐसे में फिर से दोनों तरफ की पूरी सड़कों को खोदा जा रहा है। मौके पर खुदी सड़क की हालत से अंदाजा लगाया जा सकता है कि जनता के करोड़ों रुपए को किस तरह से ट्रेफिक सुविधा के नाम पर बर्बाद किया गया है।
नहीं आई इंजीनियरों की तकनीक काम
न्यास द्वारा अंडरपास का निर्माण तो कराया गया। लेकिन उसके निर्माण में न्यास इंजीनियर हो या संवेदक के इंजीनियर किसी की इंजिनियरिंग काम काम आई। जिसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है। करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी जनता को अंडरपास की सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है। तकनीकी खामी मानकर न्यास अधिकारियों द्वारा पल्ला झाड़ा जा रहा है।
साइड रोड से निकल रहे वाहन
अंडरपास से होकर गुजरने के रास्ते को दोनों तरफ से बंद किया हुआ है। अंडरपास की सड़क खोदने का काम किया जा रहा है। ऐसे में एरोडम से अनंतपुरा जाने और अनंतपुरा से एरोड्राम की तरफ जाने वाले वाहन साइड की रोड से ही निकल रहे हैं। ऐसे में जो भी वाहन वहां से गुजर रहा है वह न्यास अधिकारियों से लेकर इंजीनियरों तक को भला-बुरा कहते हुए ही सुना जा सकता है।
यह जनता के पैसों की बर्बादी है
सवाल है कि यूआईटी क ेइंजीनियर और संवेदकों के इंजीनियर क्या कर रहे हैं। 29 करोड़ रुपए की लागत से इस अंडरपास का निर्माण कराया गया। जिसमें जनता की सुविधा के लिए सड़क पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। अंडरपास में पानी भरेगा यह सिम्पल बात है। अंडरपास बना रहे हैं तो पानी निकासी का इंतजाम पहले करना चाहिए। लेकिन इंजीनियर अंधाधुंध काम करा रहे हैं। ऐसे गैर जिम्मेदार अफसरों के खिलाफ कार्रवाई कर सड़क खुदाई के पैसों के साथ इस कार्य के दुबारा निर्माण का सारा पैसा इन लोगों से वसूल करना चाहिए।
- अवधेश सिंह, निवासी दादाबाड़ी
यह किसका विकास
यह शहर का विकास नहीं इस कार्य की जिम्मेदारी लेने वाले लोगों का विकास चल रहा है। चार दीवारी का सौन्दर्यीकरण हो या लाइटिंग, पौधों की सजावट पर अधिक फोकस रखा गया। सड़क को फिर से खोदना पड़ रहा है। नए सिरे से सीसी रोड बनाने में जो समय लगेगा उतने समय तक और जनता को अंडरपास की सुविधा का लाभ नहीं मिल पाएगा। धन की बर्बादी अलग हो रही है।
- इश्हाक मोहम्मद, मिस्त्री निवासी प्रेम नगर
दूसरे अंडर पास में भी है खामी
झालावाड रोड से निकलने वाले अधिकतर वाहन चालकों का कहना है कि जिस तरह की हालत गोबरिया बावड़ी अंडरपास की हुई है। उसी तरह की हालत कुछ समय बाद अन्य अंडरपास की भी हो सकती है। अंडरपास में सीपेज का पानी आने से रोकना मुश्किल है। न्यास अधिकारियों ने अंडरपास की सजावट पर अधिक ध्यान दिया। जबकि सड़क पर नहीं। साथ ही काम को देखकर इसमें भ्रष्टाचार की झलक नजर आ रही है।
- कैलाश शर्मा, महावीर नगर निवासी
जनता के हित का नहीं रखा ध्यान
न्यास शहर के विकास की सबसे बड़ी सरकारी एजेंसी है। यदि वही सही ढंग से काम नहीं करेगी तो जनता को लाभ कैसे मिल पाएगा। गोबरिया बावड़ी क्षेत्र के लोगों का कहना है कि यूआईटी ने अंडरपास निर्माण के लिए क्षेत्र के कई घरों व दुकानदारों को यहां से उजाड़ दिया। साथ ही काम भी सही ढंग से नहीं किया।
- रफीक अहमद, गोबरिया बावड़ी निवासी
न्यास सचिव से नहीं हो सकी बात
गोबरिया बावड़ी अंडरपास की सड़क को फिर से खोदने और इसके कब तक ठीेक होने के संबंध में नगर विकास न्यास के सचिव राजेश जोशी से बात करना चाहा। लेकिन दिन में वे कोर्ट की कार्रवाई में और फिर बैठकों में व्यस्त रहे। शाम के समय उनका मोबाइल स्विच आॅफ हो गया। जिससे इस संबंध में उनसे बात नहीं हो सकी।
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