मेला समिति की बैठक में मेला अधिकारी ने जताई नाराजगी

मेला सिर पर लेकिन तैयारी नहीं होने पर दिखे खफा

मेला समिति की बैठक में मेला अधिकारी ने जताई नाराजगी

दशहरा मैदान से न तो अतिक्रमण हटाने और ना ही सफाई व्यवस्था होने पर भी नाराजगी जताई और कहा कि कोई भी अधिकारी कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी को पूरा नहीं कर रहा है जिससे मेला शुरू होने में 9 दिन का समय शेष है और हम अभी तक एक कदम भी आगे नहीं बढ़ पाए हैं।

कोटा। नगर निगम मेला समिति की शनिवार को नगर निगम कार्यालय स्थित सभागार में बैठक आयोजित की गई। जिसमें मेला अधिकारी गजेंद्र सिंह ने मेले की तैयारियों को लेकर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि सिर्फ टेंडर जारी कर देना ही पर्याप्त नहीं है, मेले में आमजन कार्यक्रमों से संबंधित कोई भी तैयारी नहीं हुई है। यदि यही हालत रहा तो वह मेला अधिकारी के पद की जिम्मेदारी नहीं निभा सकते और वह इस्तीफा देने को तैयार है। उन्होंने कहा कि मेला समिति की पहली और तीसरी बैठक शनिवार को हुई है जिसमें एक महीने का समय हो चुका है अभी तक संबंधित अधिकारी, कर्मचारियों द्वारा उन्हें मेला मैदान का नक्शा तक उपलब्ध नहीं कराया गया है। जिस कारण न तो मेले में पार्किंग के लिए स्थान चिन्हित हो पाया है और ना ही सर्कस के लिए पार्किंग स्टैंड का ठेका। निविदा की तिथि भी बढ़ानी पड़ी है लेकिन अभी तक भी जगह तय नहीं हुई है।

उन्होंने मेले लगने के स्थान दशहरा मैदान से न तो अतिक्रमण हटाने और ना ही सफाई व्यवस्था होने पर भी नाराजगी जताई और कहा कि कोई भी अधिकारी कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी को पूरा नहीं कर रहा है जिससे मेला शुरू होने में 9 दिन का समय शेष है और हम अभी तक एक कदम भी आगे नहीं बढ़ पाए हैं। मेला अधिकारी की इस नाराजगी पर मेला समिति के अध्यक्ष एवं कोटा उत्तर की महापौर मंजू मेहरा ने कहा कि यह बात इतने समय बाद क्यों बताई जा रही है समय पर क्यों नहीं बताई गई। यदि कोई अधिकारी या कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी पूरी नहीं कर पा रहा है तो उसे उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि मेला समिति रोज तीन चार घंटे बैठकर चर्चा कर रही है ,लेकिन अधिकारियों ने कभी उन्हें इस संबंध में कोई जानकारी क्यों नहीं दी। उन्होंने कहा कि वह स्वयं अधिकारियों से जानकारी ले रही है । उन्हें बताया जा रहा है कि 80 फीसदी काम पूरा हो गया फिर यह बात सामने क्यों आई है। इस मामले में मेला अधिकारी ने कहा कि टेंडर जारी होकर सिर्फ मैदान में काम होना और रावण के पुतले बनना ही पर्याप्त नहीं है।

मेला समिति की बैठक में काफी देर तक अधिकारी और समिति सदस्यों में आपस में बहस होती रही।दोनों एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते रहे। करीब 1 घंटे के बाद मेला समिति की बैठक में एजेंडे पर चर्चा हुई जिसमें मेले के दौरान 10 स्थानों पर राम कथा कराने और सात स्थानों पर रामलीला कराने का निर्णय किया गया। साथ ही सर्कस के लिए 10 फीसदी राशि बढ़ाकर 2019 की दर पर जगह आवंटित करने पर सहमति बनी। इसी तरह अन्य कार्यक्रमों पर भी सहमति व्यक्त की गई। इससे पहले जिला कलेक्टर ओपी बुनकर की अध्यक्षता में सभी विभागों की बैठक आयोजित की गई । जिसमें जिला कलेक्टर ने मेले के दौरान होने वाले कार्यक्रमों के लिए प्रत्येक संस्था को प्रायोजक के तौर पर कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी संस्थाएं अपने हिसाब से एक-एक कार्यक्रम ले जिससे कि नगर निगम के बजट को भी बचाया जा सके। उन्होंने इसके लिए सोमवार तक का समय निर्धारित किया है, साथ ही उन्होंने कहा कि मेला दो साल बाद आयोजित हो रहा है। पूरे शहर की शान है ऐसे में सभी विभागों को मिलकर समन्वय के तौर पर इस मेले को आयोजित किया जाना चाहिए। बैठक में मेला समिति के सदस्य और कोटा दक्षिण के महापौर राजीव अग्रवाल, उपमहापौर पवन मीणा , सोनू कुरेशी ,सदस्य अनिल सुवालका, मोहम्मद इसरार के अलावा नगर निगम कोटा उत्तर के आयुक्त वासुदेव मलावत , दक्षिण के आयुक्त राजपाल सिंह, अतिरिक्त आयुक्त अंबा लाल मीणा , मेला अधिकारी गजेंद्र सिंह समेत कई अन्य अधिकारी और कर्मचारी व मेला समिति के सदस्य मौजूद रहे।

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