राजकार्य में बाधा डालने और महिला कांस्टेबल से की धक्का-मुक्की : एडवोकेट सहित पांच लोगों पर मुकदमा दर्ज
जमवारामगढ़ थाने पर वकीलों और पीड़ित पक्ष का प्रदर्शन
जमवारामगढ़। जमवारामगढ़ थाना इलाके की आंधी पंचायत समिति की एक ग्राम पंचायत के सरपंच पति व उप सरपंच के खिलाफ दर्ज दुष्कर्म के मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग करते हुए एडवोकेट मानसिंह मीणा और परिजन उपखंड अधिकारी कार्यालय के सामने पिछले तीन दिनों से धरना दे रहे हैं।
जमवारामगढ़। जमवारामगढ़ थाना इलाके की आंधी पंचायत समिति की एक ग्राम पंचायत के सरपंच पति व उप सरपंच के खिलाफ दर्ज दुष्कर्म के मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग करते हुए एडवोकेट मानसिंह मीणा और परिजन उपखंड अधिकारी कार्यालय के सामने पिछले तीन दिनों से धरना दे रहे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उन्होंने इस आंदोलन को तेज करने के लिए रविवार दोपहर में एक वैन पर पोस्टर लगाकर रवाना किया, लेकिन पुलिस इस वैन को थाने ले आई। इसकी सूचना जब पीड़ित के परिजनों और एडवोकेट मान सिंह को मिली तो वह थाने पहुंचे। थाने में पुलिस और दूसरे पक्ष के बीच काफी कहासुनी हुई। जमवारामगढ़ थाना अधिकारी जोगेंद्र सिंह ने बताया कि एडवोकेट सहित अन्य लोगों ने थाने में पुलिस कर्मियों के साथ मारपीट की और एक महिला पुलिसकर्मी के साथ धक्का-मुक्की करते हुए मारपीट की, जिससे उसकी अंगुली में चोट आई है। इस मामले में पुलिस ने एडवोकेट मानसिंह मीणा, मृतका का पति रतन लाल मीणा, पूरण रैगर, छीतर मल मीणा, राजेंद्र कुमार मीणा को पहले शांति भंग में गिरफ्तार किया। उसके बाद पुलिस ने पांचों को राजकार्य में बाधा डालने और महिला पुलिसकर्मी के साथ धक्का-मुक्की करने का मुकदमा दर्ज कर दिया। मामले की जानकारी मिलने पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र यादव, वृताधिकारी लाखन सिंह मीणा, रायसर इंचार्ज रामधन साडिलवाल थाने पहुंचे। वहीं इस घटना की जानकारी जब सेशन कोर्ट के वकीलों को मिली तो करीब एक दर्जन वकील शाम सात बजे तक थाने में पहुंच गए। उनका आरोप था कि पुलिस इस मामले को दबाने का प्रयास कर रही है। जबकि एडवोकेट मानसिंह मीणा पीड़ित पक्ष को न्याय दिलाने के लिए उनके साथ खड़े हैं। समाचार लिखे जाने तक वकील समेत पीड़ित पक्ष के लोग थाने परिसर में पहुंच रहे थे।
क्या है घटना
गत जून महीने में एक विवाहिता की आत्महत्या का थाने में मामला दर्ज हुआ था। आत्महत्या करने वाली विवाहिता के पीहर पक्ष ने मृतका के पति, सास व अन्य परिजनों के खिलाफ मामला दर्ज करा दिया। मामले की जांच पुलिस उपाधीक्षक जमवारामगढ़ लाखन सिंह मीना के पास थी। जांच अधिकारी ने मृतका के पति को चार सप्ताह पहले गिरफ्तार करके जेल भेज दिया। पति को जेल भेजने के बाद से ही सोशल मीडिया पर निर्दोष को जेल भेजने का आरोप लगाकर अभियान चलाया गया। इसके बाद गिरफ्तार पति ने सरपंच पति व उप सरपंच पर दुष्कर्म करने व वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करने का आरोप लगाकर गत 15 अक्टूबर को मुकदमा दर्ज कराया था। इस मामले की जांच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कर रहे हैं।
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