पहले दो चरणों के चुनाव में 18% उम्मीदवारों के खिलाफ क्रिमिनल केस
2 हजार से ज्यादा मामलों में फैसला सुनाया गया है
रिपोर्ट में कहा गया है कि इनमें 327 के खिलाफ ऐसे मामले दर्ज हैं जो गंभीर किस्म के हैं और उसमें दोषी पाए जाने पर पांच साल या उससे ज्यादा सजा का प्रावधान है।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट को बताया गया है कि सांसदों और विधायकों के खिलाफ पेंडिंग क्रिमिनल केसों के निपटारे के लिए गठित स्पेशल कोर्ट में 2023 में 2 हजार से ज्यादा मामलों में फैसला सुनाया गया है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त कोर्ट सलाहकार विजय हंसारिया ने इस मामले में शीर्ष अदालत में हलफनामा पेश कर बताया कि पेंडिंग केसों के जल्दी निपटान और हाई कोर्ट की निगरानी मामले में निर्देश दिए जाने की आवश्यकता है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि लोकसभा के पहले दो चरणों के चुनाव में 18 फीसदी उम्मीदवारों के खिलाफ क्रिमिनल केस दर्ज है। सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दाखिल कर गुहार लगाई गई है कि सांसदों और विधायकों के खिलाफ क्रिमिनल केस का जल्दी निपटारा होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल एफिडेविट में बताया गया कि लोकसभा चुनाव के शुरूआती दो फेज में करीब 500 उम्मीदवार ऐसे हैं जिन पर क्रिमिनल केस दर्ज हैं। एडीआर की 2024 के चुनाव के पहले और दूसरे फेज की रिपोर्ट का हवाला देते हुए हंसारिया ने कहा कि पहले दो चरणों में कुल 2810 उम्मीदवारों में से 501 के खिलाफ क्रिमिनल केस दर्ज हैं और यह कुल उम्मीदवारों का 18 फीसदी है। साथ ही रिपोर्ट में कहा गया है कि इनमें 327 के खिलाफ ऐसे मामले दर्ज हैं जो गंभीर किस्म के हैं और उसमें दोषी पाए जाने पर पांच साल या उससे ज्यादा सजा का प्रावधान है।
2023 में 2 हजार से ज्यादा केसों में आया फैसला
कोर्ट सलाहकार की रिपोर्ट में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा पहले के निर्देश और हाई कोर्ट द्वारा उठाए गए कदम के कारण स्पेशल कोर्ट में 2023 में 2 हजार से ज्यादा केसों में फैसला हुआ है। इसके बावजूद अभी भी बड़ी संख्या में केस लंबित है और कई केस काफी दिनों से लंबित है। हाई कोर्ट से मिली जानकारी के मुताबिक रिपोर्ट में कहा गया है कि एक जनवरी 2023 तक लॉ मेकर्स के खिलाफ 4697 क्रिमिनल केस पेंडिंग थे।
2019 के लोकसभा चुनाव में थे 19 फीसदी दागी
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में कहा गया है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में भी करीब करीब यही स्थिति थी जिसमें कुल 7928 उम्मीदवारों में 1500 के खिलाफ क्रिमिनल केस थे और यह कुल उम्मीदवारों का 19 फीसदी का आंकड़ा था और इनमें 13 फीसदी यानी 1070 के खिलाफ गंभीर मामलों में केस दर्ज थे। सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट अश्विनी उपाध्याय की ओर से पीआईएल दाखिल की गई है और कहा गया है कि सांसदों व विधायकों के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों की सुनवाई जल्द हो और उनमें जल्द फैसला सुनाया जाना चाहिए।
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