महाराजा गंगासिंह यूनिवर्सिटी में लगेंगे चंदन के 2 सौ पेड़
चंदन वृक्ष संरक्षण और संवर्धन के लिए भूमि चिह्नित
16 वर्षीय परियोजना के तहत महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय (एमजीएसयू) बीकानेर में चंदन के 200 वृक्ष पांच-पांच मीटर के गैप से लगाए जाएंगे। उनके आसपास माइक्रोक्लाइमेट के लिए स्थानीय फल एवं कृषि प्रजातियों का भी उत्पादन भी किया जाएगा।
बीकानेर। चंदन के वृक्षों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए एक 16 वर्षीय परियोजना के तहत महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय (एमजीएसयू) बीकानेर में चंदन के 200 वृक्ष पांच-पांच मीटर के गैप से लगाए जाएंगे। उनके आसपास माइक्रोक्लाइमेट के लिए स्थानीय फल एवं कृषि प्रजातियों का भी उत्पादन भी किया जाएगा। इस संबंध में भारतीय वनों वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद के शुष्क वन अनुसंधान संस्थान जोधपुर के निदेशक एम. आर. बालोच व महाराजा एमजीएसयू बीकानेर के कुलपति प्रोफेसर वीके सिंह के मध्य एमओयू साइन किया गया है। इसके तहत अखिल भारतीय परियोजना के तहत चंदन के संरक्षण सुधार प्रबंधन एवं संवर्धन हेतु भूमि चिन्हित की गई है।
एमजीएसयू के कुलपति प्रोफेसर वी.के. सिंह ने बताया कि वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार की इस महत्वकांक्षी योजना में मरुभूमि में चंदन के वृक्षों का संरक्षण एवं संवर्धन किया जाएगा। प्रो. सिंह ने बताया कि भारत सरकार की इस महत्ती परियोजना के लिए महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय में भूमि का चयन किया जा चुका है। इस भूमि का चारदिवारी का काम शीघ्र ही प्रारंभ किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में इस चंदन परियोजना का लाभ मरू प्रदेश के लोगों को मिलेगा। महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय के पर्यावरण विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष, प्रोफेसर अनिल कुमार छंगाणी विश्वविद्यालय की तरफ से इस परियोजना के समन्वयक होंगे। शुष्क वन अनुसंधान संस्थान के डॉक्टर एनके बोहरा वरिष्ठ वैज्ञानिक उक्त परियोजना के समन्वयक होंगे।
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