साउथ अफ्रीका का ओमिक्रॉन वायरस : शंका के घेरे में कोरोना जांच, एक्सपर्ट चिंतित

साउथ अफ्रीका का ओमिक्रॉन वायरस : शंका के घेरे में कोरोना जांच, एक्सपर्ट चिंतित

फिलहाल देश-प्रदेश में मरीज नहीं, लेकिन टेस्ट को कसौटी पर जांचना जरूरी, आरटीपीसीआर टेस्ट की एक्यूरेसी और घट सकती है

 जयपुर। साउथ अफ्रीका में जन्मे कोरोना के नए रूप ओमिक्रॉन (बी.1.1.529) वायरस पर आरटीपीसीआर जांच कितनी कारगर रहेगी, इस पर अभी स्थितियां साफ नहीं हो पाई है, लेकिन चिकित्सकों को इसकी एक्यूरेसी की चिंता है। अभी तक प्रदेश में कोरोना के सामान्य, अल्फा, गामा और डेल्टा वेरिएंट ही सामने आए हैं। उन पर आरटीपीसीआर जांच की 60 फीसदी तक ही एक्यूरेसी है यानी कोरोना के 10 मरीजों में से जांच 6 मरीजों को ही पॉजिटिव बताती है, लेकिन नए ओमिक्रॉन वायरस से किसी के संक्रमित होने पर टेस्ट की एक्यूरेसी कितनी रहेगी, इसे लेकर प्रदेश के कोरोना के सैकड़ों मरीजों का इलाज कर चुके डॉक्टरों में संशय बरकरार है। डॉक्टरों को आशंका है कि नए वायरस पर टेस्ट की एक्यूरेसी और कम हो सकती है, क्योंकि वायरस के स्पाइक प्रोटीन में करीब 30 म्यूटेशन हैं। वायरस पुराने वेरिएंट से भी ज्यादा जांच को धोखा दे सकता है।

इनका कहना है : जांच किट की अभी एक्यूरेसी 60-70 फीसदी ही है। ओमिक्रॉन में एक्यूरेसी कितनी होगी, इस पर अभी कुछ नहीं कहा जा सकता। हालांकि उम्मीद है वायरस के एक्सकेप प्रोटीन की जांच सही रहे। मरीज की एचआरसीटी-स्कैन जांच में लंग्स में इंफेक्शन का तो पता लगाया ही जा सकता है।  -डॉ. रमन शर्मा, प्रोफेसर मेडिसिन, एसएमएस मेडिकल कॉलेज

ओमिक्रॉन आया और एक्यूरेसी कम तो तीसरी लहर ज्यादा घातक

नए वेरिएंट ओमिक्रॉन की प्रदेश में दस्तक हुई और आरटीपीसीआर जांच में डॉक्टरों की शंकाएं सही निकली तो मरीज चिन्हित करना भी चिकित्सा विभाग के सामने बड़ी चुनौती होगी। मरीज चिन्हित नहीं हुए तो उसके आइसोलेट या क्वारंटीन नहीं होने पर संक्रमण काफी तेजी से फैल सकता है, क्योंकि नया ओमिक्रॉन वायरस दूसरी लहर लाने वाले डेल्टा वेरिएंट से भी कई गुना ज्यादा संक्रमण दर वाला है।  


फिलहाल 80 फीसदी डेल्टा वेरिएंट के शिकार
: एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुधीर भंडारी ने बताया कि प्रदेश में वर्तमान में राहत यह है कि जो भी संक्रमित आ रहे हैं उनमें 80 फीसदी डेल्टा वेरिएंट और शेष 20 फीसदी अल्फा, गामा और अन्य कमजोर वेरिएंट के हैं। कॉलेज की जीनोम सिक्वेंसिंग लैब में 800 केसों की जांचों में यह पुष्टि हुई है।

अभी भी कई मरीज ऐसे आ रहे हैं जिनमें कोविड के सभी लक्षण हैं, लेकिन उनकी आरटीपीसीआर जांच में रिपोर्ट नेगेटिव है। एचआरसीटी स्कैन या एक्स रे में लंग्स में भी इंफेक्शन आ रहा है। टेस्ट की एक्यूरेसी में संशय पैदा हो सकता है, लेकिन नए वेरिएंट पर टेस्ट किट एक्यूरेसी पर वैज्ञानिक शोध अलर्ट रहने के लिए जरूर हो, क्योंकि बीमारी एपेडेमिक है। -डॉ.सीएल नवल, प्रोफेसर मेडिसिन, एसएमएस मेडिकल कॉलेज

प्रदेश में कोरोना के 12 नए रोगी

जयपुर। प्रदेश में सोमवार को कोरोना के 12 नए रोगी मिले हैं। इनमें जयपुर में सबसे अधिक आठ मरीज है, जबकि उदयपुर, अजमेर, बाड़मेर और हनुमानगढ़ में एक-एक नए रोगी हैं। हालांकि राहत यह है कि प्रदेश में कोरोना से मौतों पर अंकुश है। सोमवार को भी प्रदेश में कहीं कोई मौत नहीं हुई है। नए मरीजों के मुकाबले 24 मरीज रिकवर होने से एक्टिव केस जो 199 पहुंच गए थे, सोमवार को अब 187 बचे हैं। जयपुर में 100 एक्टिव केस हैं। वहीं अजमेर में 22, अलवर में 16, बीकानेर में 14, नागौर में 10, जैसलमेर में पांच, जोधपुर में चार, दौसा, पाली, राजसमंद में दो-दो और हनुमानगढ़ में एक एक्टिव केस हैं। बाकी बचे 23 जिले फिलहाल कोरोना फ्री हैं।

जोखिम वाले देशों से आने वाले को करानी होगी कोविड जांच

एजेंसी/नई दिल्ली। कोविड के नए रूप ओमिक्रॉन को देखते हुए सरकार ने जोखिम वाले देशों की सूची में शामिल दक्षिण अफ्रीका, इजरायल, ब्रिटेन और बांग्लादेश समेत 12 राष्ट्रों से भारत आने वाले व्यक्तियों को भारतीय भूमि पर पहुंचने के साथ ही अनिवार्य रूप से कोविड जांच करानी होगी। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने सोमवार को यहां जारी संशोधित दिशा-निर्देशों में कहा कि ब्रिटेन समेत यूरोप के कुछ देशों, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील, बांग्लादेश, बोत्सवाना, चीन, मारिशस, न्यूजीलैंड, जिम्बाव्वे, सिंगापुर, हांगकांग और इजरायल से भारत पहुंचने वाले व्यक्तियों को अनिवार्य रूप से कोविड जांच करानी होगी। इस सूची की लगातार समीक्षा की जाती है और समय-समय पर इसमें बदलाव होता है।  दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि भारत पहुंचने वाले व्यक्तियों को 72 घंटे पहले का आरटी-पीसीआर जांच लेकर आनी होगी और कोविड नकारात्मक होने बावजूद भी सात दिन तक अपने आवास पर आइसोलेशन में रहना होगा। कोविड-19 से संक्रमित पाए जाने पर व्यक्ति को कोविड मानकों के अनुरूप इलाज किया जाएगा।

 

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