नेता प्रतिपक्ष को भी मिली उप महापौर के समकक्ष सुविधा

निगम इतिहास में पहली बार उपलब्ध करवाए गाड़ी व गार्ड

नेता प्रतिपक्ष को भी मिली उप महापौर के समकक्ष सुविधा

अब निगम में नेता प्रतिपक्ष को भी सत्ता पक्ष की तरह ही सुविधाएं दी जाने लगी है। इस बोर्ड से पहले तक नेता प्रतिपक्ष को चाहे वह कांग्रेस के रहे हों या भाजपा के उन्हें निगम कार्यालय में एक अलग से कक्ष दिया जाता रहा है। एक दिन पहले जयपुर के आदेश आता है कि दोनों निगमों के नेता प्रतिपक्ष को भी वाहन और गार्ड की सुविधा प्रदान की जाए। आदेश आते ही निगम अधिकारी हरकत में आए।

कोटा । नगर निगम कोटा उत्तर व कोटा दक्षिण में नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद उन्हें निगम कार्यालय में कक्ष और कर्मचारियों की सुविधा तो मिली ही। पहली बार उन्हें गाड़ी व गार्ड की भी सुविधा दी गई है। जिससे उन्हें भी अब उप महापौर के समकक्ष की सुविधाएं मिल गई हैं।  नगर निगम में बोर्ड का गठन सबसे पहले 1993 में हो गया था। उस समय सुमन श्रृंगी शहर की पहली महापौर निर्वाचित हुई थी। उस समय उप महापौर मणिभाई पटेल थे। जबकि नेता प्रतिपक्ष कृष्ण गोपाल कछावा  थे। नगर निगम में महापौर व उप महापौर को तो शुरुआत से ही जो सुविधाएं मिलती रही हैं वह मिल ही रही हैं। अब निगम में नेता प्रतिपक्ष को भी सत्ता पक्ष की तरह ही सुविधाएं दी जाने लगी है।  इस बोर्ड से पहले तक नेता प्रतिपक्ष को चाहे वह कांग्रेस के रहे हों या भाजपा के उन्हें निगम कार्यालय में एक अलग से कक्ष दिया जाता रहा है। उसके साथ ही एक स्टेनो, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी   व एक कम्प्यूटर आॅपरेटर ही दिया जाता रहा है। वह तो एक दिन पहले तक दोनों निगमों के बोर्ड में भी नेता प्रतिपक्ष को दिया गया था।  लेकिन एक दिन पहले जयपुर के आदेश आता है कि दोनों निगमों के नेता प्रतिपक्ष को भी वाहन और गार्ड की सुविधा प्रदान की जाए। आदेश आते ही निगम अधिकारी हरकत में आए। दोनों नेता प्रतिपक्ष के लिए तुरंत ही वाहन व गार्ड की सुविधा उपलब्ध करवा दी गई।  मंगलवार को दनों नेता प्रतिपक्ष के कक्ष के बाहर गार्ड तैनात भी हो गए। साथ ही कोटा दक्षिण निगम के नेता प्रतिपक्ष की गाड़ी पर तो पट्टी भी लग गई। इधर नगर निगम कोटा दक्षिण के ही कुछ कांग्रेस पार्षदों का कहना है कि नेता प्रतिपक्ष को वाहन व गार्ड की अतिरिक्त सुविधा दी गई है लेकिन उसका अनुमोदन बोर्ड में पारित करवाना चाहिए था। बिना बोर्ड में स्वीकृति लिए इस तरह की सुविधा देना गलत है। इससे निगम पर अतिरिक्त आर्थिक भार पड़ेगा। 

कोटा उत्तर नेता प्रतिपक्ष का बदला कक्ष
नगर निगम कोटा उत्तर के नेता प्रतिपक्ष लव शर्मा का कक्ष भी मंगलवार से बदल गया है। अभी तक वे ग्राउंड फ्लोर पर कोटा उत्तर महापौर कक्ष के सामने आईटी सेल वाले कक्ष में बैठ रहे थे। लेकिन अब उन्हें प्रथम तल पर 206 नम्बर कक्ष आवंटित हो गया है। अब लव शर्मा उसी कक्ष में बैठेंगे। 

नेता प्रतिपक्ष को कक्ष भी दूसरे बोर्ड से मिला
नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष को निगम कार्यालय में कक्ष की सुविधा भी दूसरे बोर्ड वर्ष 1998 से मिलना शुॅरू हुई है। उस समय भाजपा का बोर्ड था और ईश्वर लाल साहू महापौर थे। जबकि नेता प्रतिपक्ष राकेश सोरल थे। वहं पहले बोर्ड में नेता प्रतिपक्ष कृष्ण गोपाल कछावा के समय में कक्ष की भी सुविधा नहीं थी। हालांकि दूसरे बोर्ड के समय राय में सरकार कांग्रेस की थी और शांति धारीवाल ही स्वायत्त शासन मंत्री थे। 

उप महापौर को मिलती है यह सुविधा
नगर निगम में महापौर के बाद उप महापौर निर्वाचित जनप्रतिनिधि है। जिन्हें पार्षदों से अतिरिक्त सुविधा मिलती है। वर्तमान में भी दोनों निगमों के उप महापौर पवन मीणा व फरीदुद्दीन सोनू कुरैशी को निगम कार्यालय में कक्ष के साथ ही कर्मचारी और इनोवा व डिजायर वाहन के साथ ही दो-दो गार्ड मिले हुए हैं। उस वाहन का उपयोग वे सरकारी काम के लिए घर से कार्यालय आने और कार्यालय से घर जाने के अलावा सरकारी काम से आने-जाने में कर सकते हैं। गार्ड एक कार्यालय में व एक वाहन में उनके साथ रहता है।  मंगलवार से गाड़ी व गार्ड की सुविधा उपलब्ध करवा दी गई है। हालांकि कोटा उत्तर में तो अभी दो ही गार्ड मिले हैं। जबकि कोटा दक्षिण में चार गार्ड मिले हैं। दो गार्ड की अतिरिक्त सुविधा उप महापौर से अधिक है।  नगर निगम द्वारा उप महापौर के समान ही नेता प्रतिपक्ष को भी गैराज के माध्यम से संवेदक के जरिये किराए की टैक्सी उपलब्ध करवाई जाएगी। जानकारी के अनुसार नियमानुसार गाड़ी का महीने का खर्चा 27 हजार 900 रुपए निर्धारित है।  

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नेता प्रतिपक्ष को सुविधा मिलना अच्छा है
नगर निगम के पूर्व नेता प्रतिपक्ष राकेश सोरल व अनिल सुवालका का कहना है कि नेता प्रतिपक्ष को कक्ष और कर्मचारियों की सुविधा तो पहले से ही मिलती रही है। अब वाहन व गार्ड की सुविधा मिली है तो अच्छा है। इससे उनके काम की क्षमता बढ़ेगी। नेता प्रतिपक्ष को भी निगम के काम से शहर में आना-जाना पड़ता है। उस सुविधा का लाभ आने वालों को भी मिलेगा। निगम ने जो भी निर्णय किया है वह सोच समझकर ही किया होगा।

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 निगम से वाहन व दो गार्ड मिले हैं। सुविधा मिली है तो काम करने में आसानी होगी। वर्तमान कक्ष में वॉशरूम नहीं होने से परेशानी आ रही थी। इस कारण से आयुक्त से कक्ष बदलने का आग्रह किया था। आयुक्त ने कमरा नम्बर 206 के आदेश किए हैं। अब उसी कक्ष में बैठेंगे। 
- लव शर्मा, नेता प्रतिपक्ष नगर निगम कोटा उत्तर 

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 सरकार ने वाहन व गार्ड की सुविधा पहली बार दी है। वैसे निजी वाहन हैं लेकिन सरकार ने सुविधा दी है तो उसका उपयोग करेंगे। चार गार्ड मिले हैं वे आॅफिस में ही रहेंगे। वाहन का उपयोग अधिकतर घर से निगम व निगम से घर जाने के लिए ही किया जाएगा। निजी काम के लिए निजी वाहन का ही उपयोग होगा। 
- विवेक राजवंशी, नेता प्रतिपक्ष नगर निगम कोटा दक्षिण 

 नेता प्रतिपक्ष को दो गार्ड लगाने के आदेश तो कर दिए हैं। जबकि वाहन उपलब्ध करवाना अभी प्रक्रियाधीन है। निगम को अधिकार है कि वह अपनी सुविधा अनुसार संसाधन उपलब्ध करवा सकता है। 
- वासुदेव मालावत, आयुक्त नगर निगम कोटा उत्तर

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