मोबाइल फोन के बेतहाशा इस्तेमाल से बढ़ा विजन सिंड्रोम का खतरा
लक्षण की शुरूआत सिर और गर्दन में दर्द से होती है
डॉक्टरों के अनुसार मौसम में हो रहे बदलाव से आंख के मरीजों की संख्या बढ़ी है मगर इस दौरान विजन सिंड्रोम से ग्रसित ऐसे मरीज भी सामने आ रहे हैं जिनकी परेशानी की वजह मोबाइल फोन अथवा कंम्प्यूटर की स्क्रीन से घंटों तक चिपके रहना है।
कुशीनगर ((एजेंसी))। आधुनिक जीवनशैली का अभिन्न अंग बन चुके मोबाईल फोन आंखो की बीमारी विजन सिंड्रोम के खतरे में इजाफा कर रहा है।
डॉक्टरों के अनुसार मौसम में हो रहे बदलाव से आंख के मरीजों की संख्या बढ़ी है मगर इस दौरान विजन सिंड्रोम से ग्रसित ऐसे मरीज भी सामने आ रहे हैं जिनकी परेशानी की वजह मोबाइल फोन अथवा कंम्प्यूटर की स्क्रीन से घंटों तक चिपके रहना है।
जिला अस्पताल के बाहृय रोगी विभाग (ओपीडी) में प्रतिदिन नेत्र रोग से संबंधित 90 से 110 मरीज आ रहे हैं। नेत्र रोग विशेषज्ञ जांच के साथ अत्यधिक मोबाइल फोन के प्रयोग से बचने की सलाह दे रहे हैं। अधिकतर मरीजों की आंख में जलन, कीचड़, सूजन आदि की समस्या सामने आ रही है। अधिक देर तक मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने से युवाओं और किशोर- किशोरियों की आंख में परेशानी हो रही है।
नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ सिंह ने बताया कि अधिक देर तक मोबाइल फोन अथवा लैपटॉप या कंप्यूटर का प्रयोग करने से आंख में कंप्यूटर विजन सिंड्रोम नामक बीमारी होती है। ऐसे मरीज प्रतिदिन दस से 15 पहुंच रहे हैं। इनमें दूर दृष्टि की समस्या होती है। इसके लक्षण की शुरूआत सिर और गर्दन में दर्द से होती है जो बाद में आंखों में जलन और सूजन के रूप में सामने आती है।
उन्होंने सुझाव दिया कि मोबाइल फोन और कंप्यूटर का प्रयोग 30 मिनट तक लगातार करने के बाद कुछ देर तक बंद कर देना चाहिए। धूप में चश्मा का प्रयोग करना चाहिए। कंप्यूटर आदि का प्रयोग करते समय नीली ग्लास का प्रयोग करना चाहिए। धूल आदि से आंखों की सुरक्षा करनी चाहिए। आंख में जलन आदि होने पर रगड़ना नहीं चाहिए। बिना किसी नेत्र रोग विशेषज्ञ के परामर्श के बाहर की दवा का प्रयोग न करें।
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