
उत्तर निगम के वार्ड 38 में नालियां और सड़कें बनी लेकिन काम अब भी शेष
वार्ड के लोगों ने कहा नहीं है फिलहाल कोई समस्या, वार्डवासियों का कहना कि पार्षद को कहने की जरूरत नहीं पड़ती
कुछ वार्डवासी बताते हैं कि कांग्रेस का होने के कारण वार्ड में काम हुए हैं लेकिन जो सीसी रोड बनाए गए हैं उनमें निर्माण सामग्री ढंग की काम में नहीं ली गई हैं और कई स्थानों पर अभी से ही सड़कों पर गिट्टी नजर आने लगी है। वार्ड के कुछ हिस्सों में आवारा मवेशियों और श्वानों की बहुत भरमार हैं।
कोटा। चमकदार सड़कें, व्यवस्थित तरीके से ढकी हुई नालियां और उस पर लोगों का ये कहना कि कभी हमें किसी काम के लिए कहने की आज तक तो जरूरत नहीं पड़ी। ये सब चीजें बता रही हैं कि कोटा नगर निगम उत्तर के वार्ड नम्बर 38 के पार्षद ने वार्ड में जहां तक संभव हो सका हैं कार्य करवाएं है। इस वार्ड के लोगों का कहना हैं कि कुछ समय पहले तक वार्ड में कई अव्यवस्थाएं बनी हुई थी। रात को वार्ड के कई हिस्सों में अंधेरा पसरा रहता था। सड़कें या तो थी ही नहीं या फिर उनमें गड्ढ़ों की भरमार थी। लेकिन अब ऐसा नहीं है। सड़कें भी नई बन चुकी हंै और जहां जरूरत थी वहां रोडलाइट भी लग चुकी हैं। वहीं कुछ लोग ये भी कहते हैं कि काम भले ही वार्ड में हुए हैं लेकिन आज भी वार्ड में समस्याएं बनी हुई है। नगर निगम उत्तर के इस वार्ड में हरिजन बस्ती, खटीकों का मौहल्ला, राधाकृष्ण मंदिर, बैरवा मौहल्ला, आमेरा भवन के आस-पास का क्षेत्र, आदिनाथ नमकीन तथा बाबा रामदेव का मंदिर आदि इलाकें आते हैं। इन इलाकों में वार्ड के लगभग 7000 हजार मतदाता रहते हैं। इनमें से कुछ का कहना हैं कि वार्ड पार्षद ने बहुत अच्छे काम करवाएं हैं। वार्ड का एक नाला सालों से लोगों के लिए परेशानी का कारण बना हुआ था, उस क्षतिग्रस्त नाले को सीसी बनवा दिया गया है। पहले वार्ड के कई हिस्सों में टूटे रोड थे लेकिन अब उन स्थानों पर सीसी रोड बन चुके हैं। लोग बताते हैं कि भले ही शहर के अन्य इलाकों में आवारा मवेशियों और श्वानों की समस्या बनी हुई है लेकिन हमारे यहां नहीं है। पीने के पानी की कोई समस्या नहीं है।
वहीं कुछ वार्डवासी बताते हैं कि कांग्रेस का होने के कारण वार्ड में काम हुए हैं लेकिन जो सीसी रोड बनाए गए हैं उनमें निर्माण सामग्री ढंग की काम में नहीं ली गई हैं और कई स्थानों पर अभी से ही सड़कों पर गिट्टी नजर आने लगी है। वार्ड के कुछ हिस्सों में आवारा मवेशियों और श्वानों की बहुत भरमार हैं। कई स्थानों पर आज भी नालियां जाम हालात मे नजर आ जाएगी। कुछ स्थानों पर लोगों ने सालों से अतिक्रमण किए हुए है। निगम के टिपर कई बार कचरा लेने के लिए नहीं आते हैं तो लोग सड़क किनारों पर कचरा फैंक जाते हैं। सूअर पालकों के बाड़े होने के कारण दिनभर वार्ड में सूअर नजर आते हैं। निगम और यूआईटी का इस ओर ध्यान नहीं है।
वार्ड के लोग बताते हैं कि पार्षद के व्यक्तिगत प्रयासों से ही आधुनिक शौचालय बना है जिससे कई लोगों को परेशानियों से निजात मिली है। पार्षद को कोई भी समस्या बताओ तो वो मौके पर आते है और उसके समाधान का प्रयास करते हैं। लोगों को पीने के पानी की समस्या से निजात दिलाने के लिए जहां-जहां जरूरत थी वहां वाटर कूलर लगवा दिए हैं। वार्ड में दोनों टाइम नियमित रूप से सफाई होती हैं। नाली पटान होने के कारण गंदगी कम रहने लगी है। इंटरलाकिंग का काम हुआ है। पहले हमारी सुनवाई नहीं होती थी लेकिन अब ऐसा नहीं है। पार्षद नियमित रूप से वार्ड को समय देते है। वहीं वार्ड पार्षद का कहना है कि मैने जहा तक हो सका है वार्ड में हर काम करवाने की कोशिश की है। मेरे पास वार्ड का कोई भी नागरिक समस्या लेकर आता हैं तो उसे खुद की समस्या समझकर दूर करने का प्रयास करता हूं। लोगों को पीने की पानी समस्या ना आए इसलिए कुछ स्थानों पर वाटर कूलर भी लगवा दिए हैं। व्यक्तिगत रूप से निगम और यूआईटी की योजनाओं की जानकारी लोगों को देता हंू।
वार्ड के करीब 700 मकान मालिकों को पट्टे दिलवाएं हैं। प्रेमनगर से आने वाले नाले की सेफ्टीवॉल तथा ग्रीन बेल्ट के लिए 96 लाख रूपए के वर्कआर्डर हो चुके हैं लेकिन कुछ पशुपालकों और सूअर पालकों ने वहां अतिक्रमण किया हुआ है। वार्ड में करीब 100 रोड लाइट और 35 खंभें लगवाएं है। गणेश मंदिर पार्क का निर्माण करवाया है। लोगों को हर मूलभूत सुविधा दिलवाने के प्रयास किए हैं।
-महेन्द्र वर्मा, वार्ड पार्षद।
वार्ड में कोई समस्या नहीं हैं। निगम की ओर से कई कार्य करवाएं गए हैं। नालियों के पटान हो गए हैं। वाटर कूलर लगने से पीने के पानी की कोई दिक्कत खत्म हो गई है। रोड लाइट लगने के बाद कई पर भी अंधेरा नहीं रहता हैं।
-बरकत, वार्डवासी।
नालियां और रोड बन गए हैं। सफाई की व्यवस्था एकदम ठीक हैं। सार्वजनिक शौचालय का निर्माण करवाकर बहुत अच्छा काम किया है। इंटरलाकिंग का काम हो गया है। श्वानों और जानवरों की समस्या अन्य स्थानों के समान नहीं है। अगर कही कचरा नजर आता भी है तो उसका कारण भी लोग खुद ही हैं।
- सावन धामुनिया, वार्डवासी।
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