राजस्थान में कोई उद्योग नहीं, फिर भी धड़ल्ले से प्लास्टिक की थैलियों का इस्तेमाल
सरकार का तर्क : 30 इकाइयों को बंद कर दिया, अब यूपी-गुजरात जैसे पड़ोसी राज्यों से आ रही है पॉलिथिन
विभाग के अनुसार स्थानीय निकायों की ओर से दिसंबर 2022 तक 415.10 टन प्लास्टिक कैरी बैग्स की जब्ती कर 4.09 करोड़ राशि का जुर्माना वसूला गया है।
ब्यूरो/नवज्योति, जयपुर। प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में प्लास्टिक के कैरी बैग्स पर पूरी तरह से पाबंदी होने के बाद भी खुलेआम थैलियों का उपयोग हो रहा है। सरकार का तर्क है कि पड़ोसी राज्य पंजाब, हरियाणा, यूपी, एमपी एवं गुजरात से प्लास्टिक के कैरी बैग्स का राज्य में अवैध परिवहन हो रहा है। प्रदेश में अवैध रूप से संचालित जयपुर, बीकानेर एवं अलवर जिलों में स्थित 38 इकाइयों को पुन: बंद कर दिया गया है, अब कोई कैरी बैग का उद्योग नहीं है।
कब लगी रोक
केन्द्र सरकार ने 12 अगस्त, 2021 को 19 सिंगल यूज प्लास्टिक आईटम पर प्रतिबंध लगाया, जिसमें 50 माइक्रोन से मोटे प्लास्टिक बैग्स के उपयोग की छूट दी गई। केन्द्र ने इस अधिसूचना को फिर संशोधित करते हुए 75 माइक्रोन तथा दूबारा संशोधन कर 120 माइक्रोन से मौटे प्लास्टिक बैग्स के उपयोग की छूट दी गई है। इन नियमों के तहत प्लास्टिक बैग के उपयोग करने पर 2019 से अब तक 35 अभियोजन पेश किए गए, जबकि पूर्ववती सरकार के समय 16 अभियोजन पेश किए गए। 35 लोगों पर अभियोजन का मामला न्यायालय में लंबित है।
पशुपालन विभाग के अनुसार पॉलिथीन अन्तर्गतहित होने से पशुओं में कुपोषण तथा रूमन ओवरलोड से एसपीक्सिया के कारण पशुओं की मृत्यु हो जाती है। पॉलिथीन अंतर्ग्रहित किए गए पशुओं का शल्य चिकित्सा से उपचार किया जाता है। फिर भी हर साल हजारों पशुओं की मौत होती है। राज्य में पॉलिथीन खाने से गौवंश एवं अन्य पशुधन के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले विपरीत प्रभावों के बारे में पशुपालकों को पशुचिकित्सा संस्थाओं में एवं जन चेतना अथवा पशुचिकित्सा शिविरों अथवा गोष्ठियों के माध्यम से नियमित एवं लगातार अवगत करवाया जा रहा है।
अब तक 415.10 टन प्लास्टिक जब्त
विभाग के अनुसार स्थानीय निकायों की ओर से दिसंबर 2022 तक 415.10 टन प्लास्टिक कैरी बैग्स की जब्ती कर 4.09 करोड़ राशि का जुर्माना वसूला गया है। प्लास्टिक बैग्स के परिवहन एवं आयातित प्लास्टिक कैरी बैग्स के उपयोग को रोकने के लिए समय-समय पर नियमानुसार कार्रवाई की जाती है।
प्रदेश में पॉलिथीन पर पूर्ण तरह से प्रतिबंध होने के बावजूद खुलेआम उपयोग हो रहा है। इससे गौवंश व अन्य पशुओं के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। हर साल हजारों पशुओं की इस पॉलिथीन के कारण मौत हो जाती है।
- कालीचरण सराफ, विधायक
Comment List