दो दिन में अभ्यारण क्षेत्र में दो पैंथर की मौत
शैल कुटीर में किया गया दाह संस्कार
वन्यजीव अभयारण्य क्षेत्र जमवारामगढ़ में दो दिनों में दो पैंथर की मौत हो गई।
जमवारामगढ़। वन्यजीव अभयारण्य क्षेत्र जमवारामगढ़ में दो दिनों में दो पैंथर की मौत हो गई। रविवार को प्रथम श्रेणी का वन्यजीव नर पैंथर मृत अवस्था में मिला। वहीं शनिवार को रामगढ़ बांध के सामने रियासत कालीन हवाओदी के पास जंगल में मादा पैंथर मृत अवस्था में मिली थी। था। मेडिकल बोर्ड ने पैंथर की मौत का कारण निमोनिया होना बताया है। जानकारी के अनुसार मृत पैंथर के फेफड़ों में बलगम जमा हुआ मिला था। रविवार को दूसरे दिन पैंथर की मौत की सूचना से वन अधिकारियों व कर्मचारियों में हड़कम्प मच गया। क्षेत्रीय वन विभाग कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार अभयारण्य क्षेत्र के मानोता वन क्षेत्र में वनकर्मियों को जंगल गश्त के दौरान पैंथर मृत मिला । मृत नर पैंथर को पोस्टमार्टम के लिए वन अधिकारी व कर्मचारी रामगढ़ बांध के पास वन अधिकारी कार्यालय शैल कुटीर में ले गए, जहां पशु चिकित्सक डॉ. विजेंद्र, डॉ. गणेश नारायण मीणा और डॉ. सुनील मल्होत्रा ने पोस्टमार्टम किया। इस पैंथर की उम्र सात से आठ साल बताई गई है।
वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक पैंथर की मौत तीन चार दिन पहले हो गई थी। पैंथर पूरी तरह सड़ चुका था। हालांकि दोनों पैंथरों की मौत का पता लगाने के लिए विसरा जांच के लिए भेजा गया है। विसरा रिपोर्ट आने के बाद ही पैंथरों की मौत के कारण का पता चल सकेगा। फील्ड निदेशक (सरिस्का बाघ परियोजना) आरएन मीना, उप वन संरक्षक वन्यजीव जयपुर पंवार सागर व सहायक उप वन संरक्षक बीएल नेहरा वन कार्यालय पंहुचे और पैंथर की मौत के बारे में जानकारी ली। मृत नर पैंथर का एसीएफ व रेंजर कार्यालय में चिता चुनकर दाह संस्कार किया गया।
मृत नर पैंथर का पेट खाली था और इसकी मौत तीन से चार दिन पहले हो गई थी। एक दिन पहले मरे मादा पैंथर की मौत निमोनिया से हुई थी। - डॉ, गणेश नारायण मीना, पशु चिकित्सक पोस्टमार्टम मेडीकल बोर्ड
उम्रदराज होने के कारण इस पैंथर की मौत हो सकती है। रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। जंगल में वन्यजीवों की पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था है। - प्रेम शंकर मीना, रेंजर, जमवारामगढ़
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