कोचिंग छात्रों की आत्महत्याओं पर समाजशास्त्रियों ने जताई चिन्ता

वर्तमान तकनीक ने समाज का आधार हिला दिया

कोचिंग छात्रों की आत्महत्याओं पर समाजशास्त्रियों ने जताई चिन्ता

मोबाइल के अत्यधिक उपयोग के साथ समाज की सोच व्यक्तिवादी हो गई है। समाज मौन संस्कृति की ओर जा रहा है। तकनीक के प्रति मनुष्य की संवेदनशीलता अत्यधिक आवश्यक है।

अजमेर। सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय में राजस्थान समाजशास्त्र परिषद के गोल्डन जुबली वर्ष में विज्ञान, तकनीक एवं समाज विषय पर आयोजित 29वीं अन्तरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन के प्रथम सत्र में लखनऊ के प्रो. डॉ. डी.आर. साहू ने आधुनिकतावाद तथा उत्तर आधुनिकतावाद का तुलनात्मक विश्लेषण करते हुए कहा कि तकनीक का कार्य समस्या का समाधान है, लेकिन वर्तमान में तकनीक ने समाज का आधार हिला दिया है। मोबाइल के अत्यधिक उपयोग के साथ समाज की सोच व्यक्तिवादी हो गई है। समाज मौन संस्कृति की ओर जा रहा है। तकनीक के प्रति मनुष्य की संवेदनशीलता अत्यधिक आवश्यक है। समाजशास्त्रियों ने कोटा में कोचिंग छात्रों की आत्महत्याओं के बढ़ते मामलों पर भी चिन्ता जताई।

इन्दिरा गांधी मुक्त विश्वविद्यालय नई दिल्ली के प्रो. रविन्द्र कुमार ने तकनीक के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हाल ही में हुए वैज्ञानिक तथा तकनीकी परिवर्तन (बायो मेडिकल क्रांति, जीनोम स्टडी, डिजाइनर चाइल्ड, संचार क्रांति, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के कारण समाज में व्यवहारगत परिवर्तन हुए हैं और परिवार जैसी संस्थाएं प्रभावित हो रही हैं। आज हम अण्डर सर्विलांस में रह रहे हैं और डिजिटल अपराध में बढ़ोत्तरी हुई है। उन्होंने बढ़ते हुए पर्यावरण असंतुलन पर भी चिन्ता व्यक्त की। द्वितीय सत्र में समाजशास्त्री प्रो. प्रताप पिंजनी ने कहा कि अप्लाइड समाजशास्त्र के माध्यम से हमने कोरोना काल में तकनीक का उपयोग कर इसकी सीमाओं को पहचाना। सामाजिक संबंधों तथा समरसता को नए सिरे से गढ़ा। उन्होंने वर्तमान सामाजिक मूल्यों के क्षरण पर चिन्ता जताई तथा कोटा में घटित कोचिंग छात्रों की आत्महत्या, तकनीक का अत्यधिक उपयोग तथा अपनी महत्वाकांक्षा बच्चों पर मानसिक बोझ बनाने का कारण बताया। डॉ. रेनु जांगिड़ ने कैंसर कल्चर पर अपनी जिज्ञासा जाहिर की और उपभोक्तावादी युग के बारे में बताया कि इसके कारण समाज का परिदृश्य बदल गया है। समाजशास्त्री रमेश यादव ने कहा कि हमें संवेदनशील होना चाहिए और विचार-विमर्श का हिस्सा बनना चाहिए। कॉन्फ्रेंस के आयोजन सचिव डॉ. लीलाधर सोनी ने समाज, विज्ञान तथा तकनीक के समाज पर प्रभाव के सकारात्मक रुख अपनाने पर जोर दिया। डॉ. मीनू वॉल्टर, डॉ. प्रज्ञा टाक, डॉ. देवकी मीणा, डॉ. राजेश मीणा, डॉ. भीमाराम, डॉ. अनूप कुमार व डॉ. हरभान सिंह ने तकनीकी सत्रों में सक्रिय भूमिका अदा की। 111 शोधार्थियों ने शोध-पत्र प्रस्तुत किए 
तृतीय तथा चतुर्थ सत्र में तीन सेमिनार कक्षा में 111 शोधार्थियों ने आॅनलाइन तथा आॅफलाइन मोड में अपने शोध-पत्र प्रस्तुत किए। महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. काइद अली  खान ने बताया कि तीन दिवसीय अन्तरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का समापन समारोह शनिवार सुबह 11 बजे महात्मा गांधी सभागार में किया जाएगा। इसमें मुख्य अतिथि फाइनेंस रेवेन्यू सेकेट्ररी आईएएस के.के. पाठक होंगे। 

 

Related Posts

Post Comment

Comment List

Latest News

फाइटर से ऋतिक रौशन का फस्र्ट लुक रिलीज फाइटर से ऋतिक रौशन का फस्र्ट लुक रिलीज
सिद्धार्थ आनंद के निर्देशन में बन रही फिल्म फाइटर में ऋतिक रौशन स्क्वॉडरन पायलट'शमशेर पठानिया उर्फ पैटी के रूप में...
जर्मनी के मंत्री सीओपी28 में शामिल नहीं होंगे: रिपोर्ट
Rajasthan Election Result: वसुंधरा के गढ़ में 17 में से 11 सीटें भाजपा के खाते में 
Rajasthan Election Result: मंत्री राजेंद्र यादव सबसे कम 321 वोट और सीताराम सर्वाधिक 71,368 वोट से हारे
Rajasthan Election Result: राजस्थान में सोलहवीं विधानसभा के लिए 20 महिला चुनी गई विधायक
यश की आने वाली 19 वीं फिल्म के टाइटल का 08 दिसंबर को होगा अनावरण
गाजा में फिलिस्तीनी मृतकों की संख्या बढ़कर 15,523 हुई