कार्य बहिष्कार पर संविदा कर्मचारी, बिगड़ी व्यवस्था

चिरंजीवी योजना की सेवाएं प्रभावित, तीनों अस्पतालों में मरीज परेशान, एनजीओ को हटाने की मांग,आरएमआरएस से हो भुगतान

कार्य बहिष्कार पर संविदा कर्मचारी, बिगड़ी व्यवस्था

मेडिकल कॉलेज कोटा से संबद्ध तीनों अस्पतालों में चिरंजीवी योजना के तहत काम कर रहे संविदा कर्मचारियों ने बुधवार को मांगो को लेकर कार्य बहिष्कार कर दिया। जिसके चलते अस्पताल में सेवाएं प्रभावित हो गई। चिरंजीवी योजना के बाहर स्थित काउंटर के बाहर मरीजों की लंबी कतारें लग गई।

कोटा। मेडिकल कॉलेज से संबद्ध तीनों अस्पतालों में चिरंजीवी योजना के तहत काम कर रहे संविदा कर्मचारियों ने बुधवार को मांगो को लेकर कार्य बहिष्कार कर दिया । जेके लोन, मेडिकल कॉलेज और एमबीएस अस्पताल के कार्मिक एमबीएस में धरने पर बैठे रहे, जिसके चलते अस्पताल में सेवाएं प्रभावित हो गई। चिरंजीवी योजना के बाहर स्थित काउंटर के बाहर मरीजों की लंबी कतारें लग गई। क्योंकि, कार्मिक नही थे। हालांकि, अस्पताल प्रशासन ने अस्थायी कर्मचारियों की व्यवस्था कर दी थी। लेकिन, उनके पास अनुभव नही था। ऐसे में परेशानी होना स्वभाविक था। सबसे अधिक दिक्कत एमबीएस अस्पताल  में हुई। यहां आउटडोर अधिक रहता है। मरीजों को डिस्चार्ज से लेकर भर्ती में परेशानी हुई। मरीज कर्मिकों से उलझते नजर आए। पूरे दिन ऐसा चलता रहा। 

इन मांगों को लेकर कार्य बहिष्कार

एमबीएस अस्पताल में कार्यरत स्वास्थ्य मार्गदर्शक चिंटू सुमन ने बताया कि कर्मिकों को नियम विरूद्ध काम करवा रहे है। योजना में सभी कर्मिकों को राजस्थान मेडिकल रिलीफ सोसायटी(आरएमआरएस) में नियम है, लेकिन एनजीओ के तहत नियुक्ति दी है। जो कि गलत है। साथ ही मानदेय भी 7 हजार 395 दिया जा रहा है। ये भी काफी कम है। जबकि, योजना में 15 हजार मानदेय का प्रावधान है। चिंटू का कहना है कि प्रदेश स्तरीय आह्वान पर ऐसा किया गया है। अभी 24 घण्टे के लिए कार्य बहिष्कार किया है। मांगे नही मानते है तो अनिश्चित समय के लिए हड़ताल करेंगे

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