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Rajasthan Assembly Election 2023: चुनावों में उम्मीदवारों को 5 रुपए की चाय और 12 रुपए का पड़ेगा समोसा
प्रत्याशियों की ओर से चाय, कॉफी, समोसा से लेकर बैनर, कनात, पांडाल और वाहनों पर किस तरह खर्चा करना है, ये भी तय कर दिया गया है। इस बार लग्जरी कार बोलेरो, इनोवा या बड़ी एसयूवी में बैठकर चुनाव प्रचार करना भी प्रत्याशियों को महंगा पड़ेगा।
ब्यूरो/नवज्योति, जयपुर। राजस्थान विधानसभा के होने वाले चुनावों में उम्मीदवारों को पांच रुपए की चाय और 12 रुपए का समोसा पड़ेगा। भारत निर्वाचन आयोग से मिले दिशा-निर्देशों के बाद राज्य निर्वाचन विभाग और जिला प्रशासनों ने भी उम्मीदवारों के लिए आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद की चुनाव प्रचार में प्रयुक्त होने वाली प्रचार सामग्री और खाने-पीने आदि की 135 वस्तुओं के दाम तय कर दिए हैं। ये दरें पिछले विधानसभा चुनावों के मुकाबले 20 फीसदी ज्यादा है।
चुनावों में उम्मीदवार अपने समर्थकों के लिए खर्चा करना पड़ता हैं। इसी के मद्देनजर चुनाव आयोग ने खाने-पीने की वस्तुओं के दरें तय की है। समर्थकों पर किए गए खर्चें का ब्यौरा भी उम्मीदवारों को देना अनिवार्य है। फिलहाल आचार संहिता लागू नहीं हुई है, तो प्रत्याशियों को चुनाव खर्च का मीटर चालू होने का भी डर नहीं है। आचार संहिता लागू हो जाने के बाद मैदान में उतरने वाले प्रत्याशियों को 5 रुपए की चाय और 12 रुपए का समोसा पड़ेगा। हालांकि निर्वाचन विभाग ने 2018 के चुनाव में जो चुनावी खर्च था उसे अब 2023 के लिए बढ़ा दिया है। जयपुर जिला निर्वाचन ने भी विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच बैठकर पुरानी दरों को रिन्यूअल करने के बाद कुल 135 आयटम की दरों पर अंतिम मुहर लगा दी है। चुनाव आयोग स्वागत-सत्कार में डाली गई माला का खर्चा भी प्रत्याशी के खाते में जोड़ेगा।
प्रत्याशियों की ओर से चाय, कॉफी, समोसा से लेकर बैनर, कनात, पांडाल और वाहनों पर किस तरह खर्चा करना है, ये भी तय कर दिया गया है। इस बार लग्जरी कार बोलेरो, इनोवा या बड़ी एसयूवी में बैठकर चुनाव प्रचार करना भी प्रत्याशियों को महंगा पड़ेगा। आयोग ने बैटरी रिक्शा पर फ्लैक्स बैनर लगाकर उस पर लाउड स्पीकर के जरिए चुनाव प्रचार करवाने का खर्चा भी बढ़ा दिया है।
खर्च का लेखा-जोखा करना होगा पेश
इस बार चुनाव आयोग ने प्रत्येक प्रत्याशी को चुनाव लड़ने के दौरान प्रचार-प्रसार के लिए 40 लाख रुपए खर्च की लिमिट दी है। इस खर्चे में चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों को रैलियां, रोड-शो, चुनावी सभाओं के अलावा चुनाव कार्यालय खोलने, कार्यकर्ताओं को चाय-नाश्ता, खाना खिलाने का भी खर्चा शामिल करके आयोग के समक्ष अपना खर्च का लेखा-जोखा पेश करना होगा। चुनाव प्रचार के दौरान कार्यकर्ताओं के लिए सुबह-शाम करवाए जाने वाले लंच-डिनर, सभा-रैलियों में पहनाए जाने वाले साफे, नाश्ते में दिए जाने वाले लड्डू, नमकीन समेत अन्य चीजों की कीमतों में इजाफा किया है।
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