
जल जीवन मिशन : घोटालों के बाद गिरी रैंकिंग 32वें स्थान पर राजस्थान, अब तक 44.03% काम
गुजरात, गोवा, हरियाणा, तेलंगाना, पंजाब, हिमाचल प्रदेश में शत-प्रतिशत लक्ष्य पूरा
मिशन में वित्तीय वर्ष 2023-24 में जुलाई तक पांच लाख 40 हजार नल कनेक्शन जारी कर राजस्थान देश में चौथे स्थान पर पहुंच गया। साथ ही जेजेएम में 17 हजार 578 करोड़ रुपए खर्च कर प्रदेश का देश में दूसरा स्थान रहा। इस वित्तीय वर्ष में करीब तीन हजार करोड़ रुपए खर्च हुए।
ब्यूरो/नवज्योति, जयपुर। जल जीवन मिशन में घोटालों की एन्ट्री के बाद राजस्थान में मिशन की रफ्तार पर फिर से ब्रेक लग गए है। मिशन में अभी तक राजस्थान में 44.03 फीसदी काम हुआ है, जबकि दूसरे राज्य शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर चुके हैं। जुलाई-अगस्त माह में मिशन की गति ठीक रही, लेकिन उसके बाद मिशन से जुड़े अधिकारियों के घोटाले उजागर होने और ईडी, एसीबी के एक्शन के बाद अब फिर से गति धीमी हो गई है। मिशन की अवधि 2024 तक पूरी होगी, लेकिन राज्य सरकार केन्द्र से मिशन की अवधि आगे बढ़ाने का आग्रह कर चुकी है।
खर्च में देश में दूसरे स्थान पर
मिशन में वित्तीय वर्ष 2023-24 में जुलाई तक पांच लाख 40 हजार नल कनेक्शन जारी कर राजस्थान देश में चौथे स्थान पर पहुंच गया। साथ ही जेजेएम में 17 हजार 578 करोड़ रुपए खर्च कर प्रदेश का देश में दूसरा स्थान रहा। इस वित्तीय वर्ष में करीब तीन हजार करोड़ रुपए खर्च हुए।
राज्य का दूसरे राज्यों की तुलना में यह तर्क
मिशन की शुरुआत के समय प्रदेश में मात्र 11 प्रतिशत ग्रामीण परिवारों के पास ही जल कनेक्शन थे। उस समय गुजरात में 71 प्रतिशत, गोवा में 75 प्रतिशत, पुद्दुचेरी में 81, हरियाणा में 57, पंजाब में 49, हिमाचल में 44, अंडमान-निकोबार में 46 तथा महाराष्टÑ में करीब 34 फीसदी घरों में नल कनेक्शन पहले से ही उपलब्ध थे, जो कि राजस्थान के 11 प्रतिशत कनेक्शनों के मुकाबले काफी अधिक थे। इस वित्तीय वर्ष में अभी तक तीन लाख से अधिक जल कनेक्शन दिए जा चुके हैं। भारत सरकार ने मिशन की गाइडलाइन दिसम्बर 2019 में जारी की थी। उससे पहले तक प्रदेश में हर घर जल कनेक्शन वाले परिवारों की संख्या 11 लाख 74 हजार 131 थी।
2030 तक सभी 228 शहरों में 24 घंटे पानी सप्लाई
जलदाय मंत्री महेश जोशी के अनुसार वर्ष 2030 तक शहरी क्षेत्र के सभी घरों में पेयजल उपलब्ध कराने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहे है। अभी शहरी क्षेत्र में कुल 228 शहरों-कस्बों में 46 लाख 77 हजार घरों में से 32 लाख से अधिक घरों में नल से जलापूर्ति की जा रही है। बाकी बचे हुए घरों में से अमृत-0.2 में 8 लाख 35 हजार घरों को नल कनेक्शन से लाभान्वित करने का लक्ष्य है। प्रदेश के सभी 228 शहरों-कस्बों को 24 घंटे में एक बार पेयजल आपूर्ति उपलब्ध कराना जलदाय विभाग के मिशन-2030 में शामिल है।
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