तेज ही चलेंगे, बिजली सबमीटरों का कोई कुछ नहीं कर सकता, करीब 40 लाख उपभोक्ता झेल रहे हैं इस अनदेखे 'करंट' को
प्रदेश में करोड़ों बिजली सबमीटर्स लगे हुए हैं
बिना एक्यूरेसी गारंटी के प्रदेश में करोड़ों बिजली सबमीटर्स लगे हुए हैं। करीब एक दर्जन प्राइवेट कम्पनियों के ये सबमीटर कम-ज्यादा चलने या खराबी पर किराएदारों उपभोक्ताओं की जेब ढीली करते हैं।
जयपुर। बिना एक्यूरेसी गारंटी के प्रदेश में करोड़ों बिजली सबमीटर्स लगे हुए हैं। करीब एक दर्जन प्राइवेट कम्पनियों के ये सबमीटर कम-ज्यादा चलने या खराबी पर किराएदारों उपभोक्ताओं की जेब ढीली करते हैं। औसतन बड़े शहरों सहित सभी जिलों में करीब 40 लाख उपभोक्ता बिजली के इस अनेदेखे करंट को झेल रहे हैं। बिजली कम्पनियों ने सबमीटर्स लगाने की छूट तो दे रखी है, लेकिन इनको लगाने, मरम्मत या गुणवत्ता जांच के कोई नियम और प्रावधान नहीं है। छोटे उपभोक्ताओं की इन मीटर्स को तेज या धीमे चलने की शिकायतें बनी रहती हैं। अधिकांश मीटर्स खराब होने के बाद डिस्पोज ही करने पड़ते हैं और दूसरा मीटर लगवाने से भार उपभोक्ताओं पर ही पड़ता है।
मेन मीटर और सबमीटर्स की रीडिंग में अंतर
मीटर तेज चलने पर प्राइवेट कम्पनी का सर्विसमैन ग्राहक को यही कहता है कि ये तो तेज ही चलेंगे, कोई इसमें कुछ भी नहीं कर सकता। किराएदारों के लिए मुख्य मीटर से कनेक्टेड एक और उससे अधिक सबमीटर्स लगते हैं। मेन मीटर और सबमीटर्स की रीडिंग में मिलान पर अधिक यूनिट का अंतर समझ में आता है।
बिजली उपभोक्ताओं की फैक्ट फाइल | |
कुल बिजली उपभोक्ता | 1.52 करोड़ |
घरेलू उपभोक्ता | 1.18 करोड़ |
कृषि उपभोक्ता | 14 लाख |
अघरेलू उपभोक्ता | 20 लाख |
बिजली खपत | |
कृषि क्षेत्र में | 42% |
उद्योग क्षेत्र में | 28% |
घरेलू क्षेत्र में | 22% |
कॉमर्शियल क्षेत्र में | 8% |
इन कम्पनियों के सबमीटर्स की खपत
बाजार में एलमर, लेन, फाइन, इंडोटेक, ल्यूमिनस, एवन, जयपुर मैटल्स, जीनस जैसी एक दर्जन कम्पनियों के सबमीटर्स उपलब्ध हैं। हर जिले में ये हजारों लाखों की संख्या में लगे हैं। बाजार की प्रचलित दरों में ये 650 रुपए से 2500 रुपए में उपलब्ध हैं। राजस्थान में 900 से 1500 रुपए मूल्य के सबमीटर्स ज्यादा बिकते हैं।
सम्पत्ति मालिक को किराएदार के लिए सबमीटर्स लगाने की छूट है, लेकिन इनको लगाने या मरम्मत करने के प्रावधान हमारे पास नहीं होते। यह सम्पत्ति मालिक और किराएदार के बीच आपसी समझौते का मामला है। किसी भी तरह की खराबी होने या विवाद में वे ही जिम्मेदार होंगे।
- अजीत सक्सेना, एमडी, जयपुर डिस्कॉम
हमने कई बार बिजली सबमीटर्स के तेज चलने की शिकायतें की। बिजली कम्पनियां जिम्मेदारी नहीं लेती और मालिक दूसरा मीटर लगवाने की बात कहते हैं। बाजार में दूसरे मीटर्स की भी कोई गांरटी नहीं होती। मीटर तेज चलने पर मजबूरी में हम ज्यादा बिल चुकाते रहते हैं।
-विक्रम सिंह, किराएदार, निवासी हसनपुरा
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