ऑनलाइन का दावा हवा हवाई, खेत की मिट्टी सोना उगलेगी या हवा, नहीं जान पा रहे

कृषि विभाग ने सैम्पल लिए सवा दो लाख और आॅनलाइन किए केवल 48 हजार

ऑनलाइन का दावा हवा हवाई, खेत की मिट्टी सोना उगलेगी या हवा, नहीं जान पा रहे

कोटा जिले की बात करें तो यहां पर केवल 5 हजार किसान ही इससे लाभान्वित हो पाए हैं।

कोटा। कृषि विभाग की ओर से मिट्टी की सेहत घर बैठे ऑनलाइन पता लगाने के दावों की हवा निकल गई है। हालत यह है कि प्रदेश में सिर्फ 48 हजार किसान ही अब तक मिट्टी की सेहत के बारे में ऑनलाइन जानकारी ले पाए हैं। खेतों में मिट्टी कितनी उपजाऊ है, इसकी जानकारी किसानों को ऑनलाइन देने का दावा कृषि विभाग कर रहा है। लेकिन प्रदेश भर के सिर्फ 48 हजार किसानों को ही इसका फायदा मिला है। वहीं कोटा जिले की बात करें तो यहां पर केवल 5 हजार किसान ही इससे लाभान्वित हो पाए हैं। 

सैम्पल अधिक, प्रयोगशालाओं की क्षमता कम
सरकार के निर्देश पर इस साल मार्च माह के अंत तक तीन लाख सैम्पल लेने का लक्ष्य दिया गया था। इसके बाद प्रदेश में 2 लाख से अधिक सैम्पल ले लिए गए, लेकिन प्रदेश में स्थित प्रयोगशालाओं की क्षमता कम होने से अभी तक केवल 48 हजार सैम्पल की जांच रिपोर्ट ही ऑनलाइन हो पाई है। कोटा जिले में केवल दो प्रयोगशालाएं हैं। यही स्थिति प्रदेश के अन्य जिलों की है। इस कारण अधिकांश सैम्पल की जांच रिपोर्ट ऑनलाइन नहीं हो पाई है। इससे किसानों को सैम्पल की जांच कराने का फायदा नहीं मिल पा रहा है।

यह होती है प्रक्रिया
कृषि पर्यवेक्षकों की ओर से किसानों का पंजीयन किया जाता है। इसके बाद उसे सॉयल हैल्थ कार्ड ऐप पर ऑनलाइन किया जाना है। प्रयोगशालाओं में प्राप्त मिट्टी के नमूनों की जांच कर सॉयल हैल्थ कार्ड पोर्टल पर जांच परिणामों को डालना है। यह कार्ड कृषि पर्यवेक्षक किसानों को उपलब्ध कराते हैं। जिनको कार्ड नहीं मिला, वे सॉयल हैल्थ कार्ड पोर्टल पर लॉग इन कर मोबाइल नम्बर दर्ज कर कार्ड की जानकारी ले सकते हैं।

इनकी हो रही जांच
कृषि विभाग की ओर से जो जांच की जा रही है उसमें मिट्टी की ईसी (विद्युत चालकता), पीएच, जैविक कार्बन, फास्फोरस, पोटाश, सूक्ष्म पोषक तत्वों में जस्ता, लोहा, तांबा, मैगनीज, सल्फर आदि शामिल हैं।  वर्ष 2015 में सॉयल हैल्थ कार्ड योजना शुरू हुई थी। इस योजना के तहत किसानों के खेतों से मिट्टी के नमूने लेकर उसकी पोषकता का पता लगाना और उसे ऑनलाइन करना था। योजना के तहत इस साल मार्च अंत तक तीन लाख किसानों के खेतों से मिट्टी के सैंपल लेकर उसे ऑनलाइन करने का लक्ष्य दिया गया हैं। 

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पोर्टल पर ऐसे मिलेगी जानकारी
सरकार ने इस वित्तीय वर्ष में तीन लाख किसानों के खेतों से मिट्टी के नमूने लेकर ऑनलाइन करने का लक्ष्य दिया है। जबकि हकीकत यह है कि गिने-चुने किसानों को ही घर बैठे मिट्टी के उपजाऊपन के बारे में जानकारी मिल पा रही है। जिन किसानों के सॉयल हैल्थ कार्ड ऑनलाइन हो चुके। वे सॉयल हैल्थ कार्ड पोर्टल पर जाकर फार्मर कॉर्नर में मोबाइल नंबर डालकर कार्ड खोल सकते हैं। मिट्टी कितनी उपजाऊ है, उसमें कितने पोषक तत्व हैं और कौन-कौन से पोषक तत्व डालकर मिट्टी को उपजाऊ बनाया जा सकता है। 

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इनका कहना
रबी सीजन में सरसों की बुवाई से पहले कृषि विभाग ने उसके खेत से मिट्टी की जांच के लिए सैम्पल लिया था। अभी तक उसकी जांच रिपोर्ट ऑनलाइन नहीं हो पाई है। अब तो सरसों की फसल भी खेत में तैयार हो चुकी है। जांच रिपोर्ट समय पर मिलने पर ही फायदा हो सकता है।
- त्रिलोक कुमार, किसान 

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खेतों से मिट्टी के सैंपल लेकर उसका डाटा ऑनलाइन करवाया जा रहा है। प्रयास है जल्द से जल्द सभी का डाटा ऑनलाइन हो और किसानों को कार्ड बनने से फायदा मिले। अब तक करीब पांच हजार नमूनों की जांच ऑन लाइन की गई है।
- रमेश चंडक, संयुक्त निदेशक, कृषि विभाग कोटा

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