लाखों की आबादी को इस गर्मी में भी नहीं मिलेगा अमृत योजना का लाभ

आचार संहिता के चलते डीपीआर होने के बाद भी चालू नहीं हो सकेगा अमृत 2.0 का काम

लाखों की आबादी को इस गर्मी में भी नहीं मिलेगा अमृत योजना का लाभ

अमृत योजना 2.0 से कोटा शहर की लगभग एक चौथाई आबादी की पानी समस्या से निजात मिलेगी।

कोटा। शहर की लगभग एक चौथाई आबादी को इस गर्मी के मौसम में भी पानी के लिए परेशान होना पड़ेगा। शहर की नई बसी कॉलोनियों के साथ कई इलाकों में अमृत योजना 2.0 के तहत नई पाइप लाइन बिछा कर जलापूर्ति करनी थी लेकिन दिसंबर में विधानसभा चुनाव के चलते निर्माण कार्य पर रोक लगने के कारण काम शुरू नहीं हो पाया। फिर सरकार बदलने पर नई डीपीआर की मांग उठी। जिस पर जलदाय विभाग द्वारा सर्वेक्षण और समीक्षा कर नई डीपीआर तैयार की जा रही है। जिसका कार्य लगभग पूरा होने वाला है। वहीं लोकसभा चुनाव के चलते लगने वाली आचार संहिता के कारण अब फिर से योजना पर तलवार लटक गई है।

डेढ़ साल से अटकी है योजना
शहर में अमृत योजना के प्रथम फेज के बाद कोटा के शहर के कई इलाकों में द्वितीय फेज के तहत करीब 400 करोड़ खर्च होने थे। जिसमें शहर की कोटा उत्तर, कोटा दक्षिण और लाडपुरा विधानसभा क्षेत्र के कई इलाकों में पेयजल व्यवस्था को सुधारने के लिए कार्य किए जाने थे। तत्कालीन सरकार के समय डीपीआर तैयार कर निर्माण कार्य के लिए स्वीकृति प्रदान कर दी थी लेकिन ऐन मौके पर आचार संहिता लगने के कारण निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया। इस बीच सरकार बदलने पर स्थानीय विधायकों ने पूरानी डीपीआर पर आपत्ति जताते हुए नई डीपीआर तैयार करने की मांग की जिसके लिए यूआईटी जगह जलदाय विभाग को नोडल एजेंसी बनाया गया। वहीं अब इस योजना के लिए डीपीआर लगभग तैयार है और इस पर काम भी शुरू होने वाला था लेकिन लोकसभा चुनाव के चलते योजना पर फिर से ब्रेक लगने वाले हैं।

उत्तर को 175 तो दक्षिण को 220 करोड़ रु
योजना के दूसरे चरण के तहत कोटा उत्तर व दक्षिण निगम में 150 किमी से अधिक की नई पेयजल व्यवस्था तैयार करनी है। जिसमें कोटा उत्तर निगम के नांता, थेकड़ा, देवली अरब, रायपुरा और धाकड़खेड़ी तक के इलाके शामिल हैं। वहीं कोटा दक्षिण निगम के रानपुर, नया गांव, आंवली रोझड़ी, आरके पुरम, श्रीनाथपुरम जैसी कई कॉलोनियों में पेयजल व्यवस्था को सुदृढ़ करने की योजना है जिसके लिए विभाग द्वारा कोटा उत्तर निगम के लिए करीब 175 करोड़ रुपए और कोटा दक्षिण निगम के लिए 220 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की गई है। अमृत योजना 2.0 से कोटा शहर की लगभग एक चौथाई आबादी की पानी समस्या से निजात मिलेगी।

लाडपुरा और दक्षिण विधायक ने की थी नई डीपीआर की मांग
योजना के तहत बनी पुरानी डीपीआर में कोटा दक्षिण और लाडपुरा विधानसभा क्षेत्र के वो इलाके भी शामिल नहीं थे जिनमें सालों से जलदाय विभाग की पाइप लाइन तक नहीं पहुंची है। जिसके चलते जनवरी में कोटा दौरे पर आए नगरीय विकास मंत्री के सामने स्थानीय विधायकों ने डीपीआर बदलने की मांग की थी। जिस पर नगरीय विकास मंत्री आदेश देते हुए पुरानी डीपीआर की जगह नई डीपीआर बनाने के लिए कहा था। जिसमें कोटा दक्षिण के नया गांव, आंवली रोझड़ी, लाडपुरा के देवली अरब, थेकड़ा और रायपुरा सहित कई इलाके शामिल किए गए थे।

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लोगों का कहना है
यूआईटी से अप्रुव्ड होने के सालों बाद भी यहां तक जलदाय विभाग की पाइप लाइन नहीं पहुंची है। जिस कारण ट्यूबवेल और टेंकरों के माध्यम से पानी का काम पूरा करते हैं। अब नेताओं की राजनीति के चलते हमें परेशानी उठानी पड़ रही है।
- महेंद्र सैनी, गायत्री विहार, रायपुरा

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इलाके में सालों से पानी की समस्या है, जो गर्मी में दोगुनी हो जाती है। आज भी पानी की किल्लत बनी रहती है। नेताओं को अपने नंबर बढ़ाने के जगह लोगों की समस्या का समाधान करना चाहिए। 
- शिवराज गुर्जर, नांता

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इनका कहना है
योजना की नई डीपीआर पर काम लगभग पूरा होने वाला है, जिसके बाद उसे वित्तीय स्वीकृति के लिए जयपुर भेज दिया जाएगा। अब अगर आचार संहिता में स्वीकृति नहीं मिलती है तो चुनाव के बाद ही निर्माण कार्य शुरू हो सकेगा।
- प्रद्यूमन बागला, अधीक्षण अभियंता, जलदाय विभाग कोटा

यूआईटी नोडल एजेंसी है, डीपीआर की समीक्षा कर नई डीपीआर तैयार करने का कार्य जलदाय विभाग तैयार कर रहा है। निर्माण कार्य से संबंधित आदेश मिलने पर कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
- कुशल कोठारी, सचिव यूआईटी, कोटा

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