आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए लोग काट रहे चक्कर, चिरंजीवी का नहीं मिल रहा लाभ

पात्र होने के बाद भी सामाजिक एवं आर्थिक जनगणना 2011 की सूची में नाम नहीं होने से नहीं बन रहे कार्ड

आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए लोग काट रहे चक्कर, चिरंजीवी का नहीं मिल रहा लाभ

लोगों का हैल्थ कार्ड बनना बन रहा है जी का जंजाल।

कोटा। प्रदेश में नई सरकार बनते ही लोगों लोगों को निजी अस्पतालों में इलाज कराने में परेशानी शुरू हो गई। नए आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए लोगों को आंगनबाडी और आशासहयोगिनी के चक्कर काटने पड़ रहे है। पुराने चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा कार्ड एक्टिव होने बाद भी लाभ नहीं मिल रहा है। ऐसे लोग अपने को ठगा ठगा सा महसूस कर रहे है। आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए सामाजिक एवं आर्थिक जनगणना 2011 की सूची नाम होना जरुरी है। कई लोग पात्र होते हुए भी सूची में नाम नहीं होने से अपना कार्ड नहीं बना पा रहे है। वहीं दूसरी और जिन लोगों ने चिरंजीव स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत कार्ड बना रखा उनको निजी अस्पताल वाले इलाज नहीं कर रहे कारण भुगतान होगा या नहीं इस डर से कोई रिस्क नहीं ले रहा है। लोगों कहना है कि प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले आचार संहिता के चलते निजी अस्पतालों भुगतान नहीं होने और भुगतान अटकने से चिरंजीव स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ देना बंद कर दिया। फिर डबल इंजन की भाजपा सरकार आते ही चिरंजीव स्वास्थ्य बीमा योजना को बंद कर उसके स्थान पर नई योजना लाने के की बात कहीं फिर इसी योजना का नाम बदलकर चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना की जगह  इस योजना का नाम मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना कर दिया। इस चक्कर में छह माह से लोगों को निजी अस्पताल में इलाज नहीं मिला अब नया कार्ड रिन्युअल होने के बाद ही लाभ मिलेगा यह संशय लोगों में बना हुआ है। लोगों का कहना कि जिन लोगों ने 850 रुपए साल के देकर चिरंजीवी स्वस्थ्य बीमा योजना कार्ड बना रखा उनको पिछले छह माह से इलाज नहीं मिल रहा है। अब निजी अस्पताल सरकार की ओर से बनाए जा रहे आयुष्मान कार्ड वालों का इलाज करने के बोर्ड लगा दिए । ऐसे में जिन लोगों के अभी तक चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा के कार्ड एक्टिव होने के बाद भी निजी अस्पताल में इलाज नहीं मिल रहा है।उधर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि जिन लोगों के चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में 850 रुपए का शुल्क जमा कराकर लाभ ले रखा उनका कार्ड लाभ मिलेगा। कार्ड में बीमा की तारीख खत्म होने पर नया रिन्युअल कार्ड मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य कार्ड हो जाएगा। उसका लाभ पुराने वाले कार्ड की तरह मिलता रहेगा। इधर प्रदेश में सरकार बदलते ही निजी अस्पताल चिरंजीवी योजना को ठेंगा दिखाने लगे हैं। वे मरीजों का योजना के तहत पैकेज में उपचार नहीं कर रहे। उन्हें लौटाया जा रहा है। ऐसे में सरकारी अस्पतालों में मरीजों का भार बढ़ गया है। सरकारी में भी राजस्थान मूल के लोगों को तो चिरंजीवी योजना में लाभ मिल रहा है, लेकिन अन्य प्रदेशों के लोगों को बीमारी के हिसाब से पैकेज की राशि जमा करवानी पड़ती है। उसके बाद इलाज मिल रहा है। डॉक्टर्स का कहना है कि इन दिनों मौसमी बीमारियों के अलावा श्वसन, त्वचा, हार्ट, गायनिक, आर्थों, किडनी, बीमारियों के चलते सरकारी अस्पतालों पर 20 से 25 फीसदी भार बढ़ गया है।

निजी अस्पताल नहीं कर रहे चिरंजीवी कार्ड से इलाज
सरकार बदलने के बाद से चिरंजीवी कार्ड काम कर नहीं रहा है। जबकि उसके रिन्युअल जुलाई में होना लेकिन निजी अस्पताल भुगमान अटकने के चक्कर में बीमा हुए कार्ड को भी इस्तेमाल नहीं पा रहा है। साल का 850 रुपए देने के बाद भी कार्ड का लाभ नहीं मिला अब नया कार्ड में चिरंजीवी योजना का नाम बदल  मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना किया उसका कार्ड रिन्युअल होने के बाद ही बनेगा। इस दौरान कोई बीमारी होने पर निजी अस्पताल में इलाज नहीं हो पाएगा। नया कार्ड बनने के बाद ही इस का लाभ मिल पाएगा। 
- कृष्ण मुरारी गौतम, निवासी कोटा

आंगनबाड़ी के काट रहे चक्कर
आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए आंगनावाड़ी कार्यकर्ता के पास चक्कर लगाने पड़ रहे है। आयुष्मान कार्ड के सर्वे और नाम देखने का कार्य आशा सहयोगिनियों को दिया हुआ है। ई मित्र पर गए तो उन्होंने बताया कि 2021 की सर्वे में नाम होने पर ही आयुष्मान कार्ड बनेगा। पात्र होते हुए आयुष्मान कार्ड नहीं बन रहा है। आशा सहयोगिनी ने बताया कि आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए  विभाग द्वारा 2011 में हुए सर्वे के अनुसार सूची में नाम जांचना पड़ेगा। सर्वे लिस्ट में नाम नहीं होने से कार्ड नहीं बन पा रहा है। 
- ब्रजेश प्रजापति, निवासी कोटा

राजस्थान के बाहर पर उपयोगी होने का कर रहे दावा
आयुष्मान योजना के तहत हर परिवार के सदस्यों को प्रति वर्ष 5 लाख रूपए तक के नि:शुल्क उपचार का लाभ मिलने की बात कहीं जा रही है। राजस्थान के निवासी को सभी सरकारी अस्पताल में इलाज फ्री मिल ही रहा है। आयुष्मान कार्ड राजस्थान के बाहर जाने पर इसका लाभ  मिलेगा। जब राजस्थान के निजी व सरकारी में  आयुष्मान कार्ड से इलाज करेंगे तो बाहर कौन जाएगा। जबकि योजना में पंजीकृत परिवार को देशभर के किसी भी चुने हुए सरकारी या निजी अस्पताल में मुफ्त इलाज की सुविधा मिलेगी। भर्ती होने से सात दिन पहले तक की जांचें, उस दौरान उपचार, भोजन और डिस्चार्ज होने के दस दिन बाद तक का चेकअप व दवाएं फ्री में उपलब्ध रहेगी। इस योजना के तहत अस्पताल में भर्ती होने की स्थिति में कोरोना, कैंसर, गुर्दा रोग, हृदय रोग, डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, डायलिसिस, घुटना व कूल्हा प्रत्यारोपण, निसंतानता, मोतियाबिंद व कई अन्य गंभीर बीमारियों का नि:शुल्क उपचार किया जाएगा। कार्ड बन गया है लेकिन अभी इसका निजी अस्पताल में जाने पर उपयोग नहीं हो पाया है। अस्पताल वालों का कहना है अभी कार्ड अपडेट नहीं हुआ है। 
- बाबूखान, निवासी कोटा

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मोबाइल से कार्ड का रजिस्ट्रेशन कर लिया, इलाज मिलेगा या नहीं पता नहीं
मोबाइल में पीएमजेएसवाई एप डाउनलोड कर आयुष्मान कार्ड तो बना लिया। ई मित्र से इसका प्रिंट निकाल लिया लेकिन इस कार्ड से निजी अस्पतालों में इलाज मिलेगा या नहीं यह संशय बना हुआ है। कारण की कई निजी अस्पताल अभी आयुष्मान कार्ड से इलाज नहीं कर रहे है। वेट एंड वाच की निति अपना रहे है। कुछ ले अपने अस्पताल के बाहर लिखा है हमारे यहां आयुष्मान कार्ड स्वीकार किए जाते है लेकिन अब तो इलाज के लिए जाएगे तभी पता चल पाएगा। 
- सुनीता मीणा, निवासी कोटा 

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अयुष्मान कार्ड जो बन रहे वो प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत बन रहे है। जिसमें पात्र का नाम सामाजिक आर्थिक जनगणना 2021 की सूची नाम होने पर ही बन रहा है। राजस्थान में मुख्यमंत्रीआयुष्मान आरोग्य योजना में तो सभी लोग पात्र है। लोग लघु सिमांत, बीपीएल नहीं है वो 850 रुपए देकर रों मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना में पात्र बन जाएंगे। 
- डॉ. गोविंद सिघल, डिप्टी सीएमएचओ

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