मोदी को भूटान का सर्वोच्च नागरिक सम्मान
वैश्विक प्रभाव बढ़ा है
भारत के साथ भूटान के विशेष बंधन का उत्सव मनाता है। मोदी के नेतृत्व ने भारत को परिवर्तन के पथ पर अग्रसर किया है, और भारत की नैतिक शक्ति और वैश्विक प्रभाव बढ़ा है।
थिम्पू। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यहां भूटान के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, दि ऑर्डर ऑफ दि द्रुक ग्यालपो से सम्मानित किया गया। भूटान की राजधानी थिम्पू के तेंद्रेलथांग में एक सार्वजनिक समारोह में भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक ने मोदी को अपने देश के इस सर्वोच्च अलंकरण से सुशोभित किया जो जीवनकाल की उपलब्धियों के आधार पर प्रदान किया जाता है। मोदी पहले विदेशी नेता हैं जिन्हें यह प्रतिष्ठित पुरस्कार दिया गया है। अलंकरण के उद्धरण में कहा गया है कि यह पुरस्कार मोदी की व्यक्तिगत उपलब्धियों, नेतृत्व और भारत और भूटान के बीच मित्रता के बंधन को मजबूत करने में उनके योगदान को मान्यता देता है। यह उनके नेतृत्व में भारत के वैश्विक शक्ति के रूप में उदय का भी सम्मान करता है और भारत के साथ भूटान के विशेष बंधन का उत्सव मनाता है। मोदी के नेतृत्व ने भारत को परिवर्तन के पथ पर अग्रसर किया है, और भारत की नैतिक शक्ति और वैश्विक प्रभाव बढ़ा है।
भारत के 1.4 अरब लोगों को का सम्मान : मोदी
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि यह अलंकरण भारत के 1.4 अरब लोगों को दिया गया सम्मान है और दोनों देशों के बीच विशेष एवं अद्वितीय संबंधों का प्रमाण है।
भव्य स्वागत
मोदी भूटान की एक दिन की यात्रा पर सुबह पारो पहुंचे जहां से वह सड़क मार्ग से थिम्पू आए। पारो से थिम्पू तक की यात्रा के दौरान लोगों ने उनका स्वागत किया। भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोब्गे उनके सम्मान में यहां दोपहर का भोज आयोजित किया। मोदी ने अपने असाधारण सार्वजनिक स्वागत के लिए तोब्गे को धन्यवाद दिया।
बहुआयामी द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा
दोनों नेताओं ने बहुआयामी द्विपक्षीय संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की और नवीकरणीय ऊर्जा, कृषि, युवा आदान-प्रदान, पर्यावरण और वानिकी और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में सहयोग को और बढ़ाने पर सहमति बनाई। उनकी मौजूदगी में ऊर्जा, व्यापार, डिजिटल कनेक्टिविटी, अंतरिक्ष, कृषि, युवा संपर्क आदि पर सात समझौता ज्ञापनों/समझौतों का आदान-प्रदान किया गया।
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