एक-दो सीट पर चेहरा बदल सकती है कांग्रेस

एक भी अल्पसंख्यक को टिकट नहीं मिल

एक-दो सीट पर चेहरा बदल सकती है कांग्रेस

कांग्रेस में 24 सीटों पर घोषित हो चुके प्रत्याशियों के बाद ब्राह्मण और अल्पसंख्यक चेहरे को मौका नहीं देने का विरोध कांग्रेस तक पहुंचा।

जयपुर। कांग्रेस के राजस्थान में 24 लोकसभा सीटों में एक भी ब्राह्मण और अल्पसंख्यक प्रत्याशी नहीं उतारने से कांग्रेस नेताओं में इन समुदायों की अप्रसन्नता का डर बैठा हुआ है। यह डर यकीन में बदला तो दर्जनभर सीटें प्रभावित होंगी। अब कांग्रेस थिंक टैंक डेमेज कंट्रोल के लिए दूसरे चरण की सीटों में एक-दो सीट पर चेहरे बदलने की कवायद में जुटा है। कांग्रेस में 24 सीटों पर घोषित हो चुके प्रत्याशियों के बाद ब्राह्मण और अल्पसंख्यक चेहरे को मौका नहीं देने का विरोध कांग्रेस तक पहुंचा। इन दोनों जातियों का प्रदेश की करीब 10 से 12 सीटों पर सीधा प्रभाव है। पहले फेज में कांग्रेस ने जयपुर शहर सीट पर ब्राह्मण प्रत्याशी सुनील शर्मा को टिकट दिया, लेकिन शशि थरूर के ट्वीट के बाद बढे विवाद के चलते सुनील शर्मा ने टिकट लौटा दिया और प्रताप सिंह खाचरियावास को टिकट मिला। उसके बाद एक भी ब्राह्मण नेता कांग्रेस का उम्मीदवार नहीं है। पिछले चुनाव में कांग्रेस ने चूरू सीट से अल्पसंख्यक वर्ग में रफीक मंडेलिया को टिकट दिया, लेकिन इस बार एक भी अल्पसंख्यक को टिकट नहीं मिला। 

दूसरे चरण की सीटें
दूसरे चरण में टोंक-सवाई माधोपुर, अजमेर, पाली, जोधपुर, बाड़मेर-जैसलमेर, जालोर, बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़, राजसमंद, कोटा और झालावाड़-बारां की 13 सीटों में कांग्रेस 12 प्रत्याशी घोषित कर चुकी है। दूसरे फेज में आरक्षित बांसवाड़ा-डूंगरपुर सीट पर ब्राह्मण या अल्पसंख्यक को मौका देने की गुंजाइश ही नहीं है। कांग्रेस आलाकमान में दूसरे फेज की किसी एक सीट पर ब्राह्मण प्रत्याशी उतारने की कवायद जारी है। कांग्रेस हलकों में चर्चा है कि अजमेर, भीलवाड़ा या राजसमंद सीट पर चेहरा बदला जा सकता है। बांसवाड़ा-डूंगरपुर सीट पर बीएपी से कांग्रेस का गठबंधन पर पेच फंसा हुआ है। बीएपी गठबंधन में अपने किसी भी घोषित प्रत्याशी को कांग्रेस के समर्थन में वापस नहीं लेना चाहती और स्थानीय कांग्रेस नेताओं में बीएपी प्रत्याशी को समर्थन देने पर सहमति नहीं बन पा रही।

 

Tags: Congress

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