मौजूदा प्रत्याशी को जिताना चाहते हैं भाजपा-कांग्रेस के नेता

उपचुनाव होने पर उनको फिर से मौका मिल सके

मौजूदा प्रत्याशी को जिताना चाहते हैं भाजपा-कांग्रेस के नेता

अब ये सभी नेता रोत को लोकसभा चुनाव में जीत दिलाना चाहते हैं, ताकि उनके लिए चौरासी विधानसभा सीट खाली हो सके। 

जयपुर। लोकसभा चुनाव-2024 में कई सीटों पर इस बार रोचक मुकाबले नजर आ रहे हैं। करीब सात सीटें ऐसी हैं, जहां भाजपा-कांग्रेस से लेकर अन्य दलों के दावेदार भी वर्तमान प्रत्याशियों को लोकसभा चुनाव में जीत दिलाना चाहते हैं। इन सीटों में नागौर, बाड़मेर, अलवर, झुंझुनूं, टोंक-सवाई माधोपुर, डूंगरपुर-बांसवाड़ा और दौसा सीट शामिल हैं। नागौर और डूंगरपुर-बांसवाड़ा सीट पर गठबंधन प्रत्याशी हैं तो शेष सीटों पर कांग्रेस और निर्दलीय प्रत्याशियों को जिताने के लिए अंदरखाने नेताओं की चाहत नजर आ रही है। लोकसभा चुनाव के बाद ही असली तस्वीर साफ होगी कि चाहत पाल रहे नेताओं की इच्छाएं कितनी पूरी होंगी। 

नागौर सीट : इस सीट पर कांग्रेस से गठबंधन करने वाले आरएलपी प्रत्याशी और विधायक हनुमान बेनीवाल चुनाव लड़ रहे हैं। बेनीवाल नागौर की खींवसर विधानसभा से विधायक हैं। खींवसर सीट से भाजपा के रेवतराम डांगा और कांग्रेस के तेजपाल मिर्धा चुनाव हार गए थे। अब दोनों ही नेता चाहते हैं कि बेनीवाल सांसद बनकर जाएं तो उनके लिए उपचुनाव में यह सीट खाली हो जाएगी और उन्हें फिर एक बार विधायक बनने का मौका मिल सकता है।

बाड़मेर-जैसलमेर सीट : इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले में भाजपा के कैलाश चौधरी, कांग्रेस के उम्मेदाराम बेनीवाल और निर्दलीय विधायक रविन्द्र सिंह भाटी चुनाव लड़ रहे हैं। निर्दलीय विधायक रविन्द्र सिंह भाटी शिव सीट से विधायक हैं। विधानसभा चुनाव में भाटी ने कांग्रेस के अमीन खान, भाजपा के स्वरूप सिंह खारा और कांग्रेस से बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़े फतेह खान को हराया था। अब ये सभी नेता चाहते हैं कि निर्दलीय भाटी यदि सांसद का चुनाव जीत जाएं तो उनके लिए शिव सीट उपचुनाव के लिए खाली हो जाएगी। 

अलवर सीट : इस लोकसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी और मुंडावर विधायक ललित यादव तथा भाजपा के भूपेन्द्र यादव के बीच मुकाबला है। यादव ने विधानसभा चुनाव 2023 में मुंडावर सीट पर भाजपा के मंजीत धर्मपाल चौधरी सहित अन्य प्रत्याशी अंजलि यादव, पृथ्वीराज बसपा सहित कई निर्दलीय प्रत्याशियों को टक्कर दी थी। यादव यदि लोकसभा चुनाव जीतते हैं तो इन प्रत्याशियों को मुंडावर सीट पर फिर से चुनाव लड़ने का मौका मिलने की उम्मीद है।

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झुंझुनूं : इस लोकसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी और विधायक बृजेन्द्र ओला और भाजपा के शुभकरण चौधरी के बीच मुकाबला है। कांग्रेस प्रत्याशी बृजेन्द्र ओला ने निर्दलीय अभिमन्यु सिंह, भाजपा के निशीत कुमार सहित पंकज धनखड़, राजेन्द्र भांबू, सुमन आदि को टक्कर दी थी। ओला यदि सांसद चुनाव जीतते हैं तो कांग्रेस में ही दावेदार बबलू चौधरी सहित पूर्व उम्मीदवार भी चाहते हैं कि वे उपचुनाव लड़कर इस सीट से विधायक बन सकें। 
टोंक-सवाई माधोपुर : इस सीट पर भाजपा के प्रत्याशी और सांसद सुखबीर जौनपुरिया का मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी देवली-उनियारा विधायक हरीशचन्द्र मीणा से है। हरीशचन्द्र मीणा देवली-उनियारा से दूसरी बार विधायक बने हैं। भाजपा के विजय बैंसला यहां से चुनाव हार गए थे। कांग्रेस में भी कई अन्य नेता इस सीट पर दावेदार थे। लोकसभा चुनाव में हरीशचन्द्र मीणा जीतते हैं तो इन नेताओं को फिर से विधानसभा उपचुनाव लड़ने का मौका मिलेगा।

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डूंगरपुर-बांसवाड़ा : इस लोकसभा सीट पर मुकाबला रोचक है। मुख्यत: यहां मुकाबला भाजपा के महेन्द्रजीत मालविया और बीएपी पार्टी प्रत्याशी और विधायक राजकुमार रोत के बीच माना जा रहा है। कांग्रेस ने इस सीट पर अंतिम समय में गठबंधन किया तो कांग्रेस प्रत्याशी अरविन्द डामोर ने अपना नामांकन वापस नहीं लेकर मैदान में डटे रहने का फैसला लिया। पार्टी ने डामोर को निष्कासित कर दिया, लेकिन सिंबल आधार पर वे प्रत्याशी माने जाएंगे। बीएपी प्रत्याशी राजकुमार रोत चौरासी विधानसभा से विधायक हैं। इस विधानसभा सीट पर 2023 चुनावी मुकाबले में रोत ने भाजपा के सुशील कटारा और कांग्रेस के ताराचंद भगोरा, निर्दलीय महेन्द्र बरजोड़ को चुनाव हराया था। अब ये सभी नेता रोत को लोकसभा चुनाव में जीत दिलाना चाहते हैं, ताकि उनके लिए चौरासी विधानसभा सीट खाली हो सके। 

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दौसा : इस लोकसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी और विधायक मुरारी लाल मीणा और भाजपा प्रत्याशी कन्हैयालाल मीणा के बीच मुकाबला है। कांग्रेस प्रत्याशी मुरारी लाल मीणा दौसा विधानसभा से दूसरी बार विधायक बने हैं। दौसा विधानसभा चुनाव 2023 में मुरारी लाल मीणा ने भाजपा के शंकर लाल शर्मा सहित कई प्रत्याशियों को हराया था। कांग्रेस नेता नरेश मीणा ने भी इस सीट पर दावेदारी ठोकर रखी है। विधानसभा चुनाव में हारे सभी प्रत्याशी मुरारी लाल मीणा की जीत की प्रार्थना कर रहे हैं, ताकि दौसा में उपचुनाव होने पर उनको फिर से मौका मिल सके। 

 

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