सतरंगी सियासत

कर्नाटक में हलचल की उम्मीद

सतरंगी सियासत

कांग्रेस दोराहे पर। संविधान के पक्ष में खड़े हो या फिर अपने पुराने निर्णय के साथ जाए। फिर कांग्रेस की संविधान बचाने की मुहिम आजकल चर्चा में।

मोदी और पुतिन
पीएम मोदी की रूस यात्रा की चर्चा दुनियाभर में। तीसरे कार्यकाल की उनकी यह पहली विदेश यात्रा। सो, व्लादिमीर पुतिन के लिए भी खासा महत्वपूर्ण। मोदी 2019 के बाद मास्को पहुंचे थे। एक बार तो दौर तय हो जाने के बाद भी मोदी रूस नहीं जा सके। जिससे पुतिन असहज हुए थे। खैर, जब भारत-रूस शिखर सम्मेलन हुआ। तो अमरीका और यूरोप असहज। क्योंकि उन्होंने पूरी कोशिश कर ली कि भारत-रूस संबंध प्रगाढ़ नहीं हों। लेकिन मोदी तमाम दबावों को दरकिनार करके दोस्ती निभाने मास्को पहुंच गए। वैसे मोदी दोस्ती तो कोविड-19 के समय से निभा रहे। जब तमाम अमरीकी और पश्चिमी प्रतिबंधों के बावजूद भारत, रूस से बड़ी मात्रा में तेल आयात करता रहा। इससे रूस संभला रहा। वहीं, भारत पर आने वाला खतरा भी टला। सो, मोदी की यात्रा से संबंध और प्रगाढ़ होने की पुष्टि। दुनियां के ताकतवार देश देखते रह गए।  

डबल इंजन
बीती दस जुलाई को प्रदेश की भाजपा सरकार का बजट आया। तो अब 23 जुलाई को केन्द्र सरकार का आम बजट आने वाला। चूंकि केन्द्र और राज्य को मिलाकर डबल इंजन की सरकार। सो, आम जनता की उम्मीदें ज्यादा। ऐसे में, दोनों सरकारें आशा और अपेक्षाओं पर कितना खरी उतरेंगी। इस पर मुहर तो जनता ही लगाएगी। अब राज्य सरकार की सबसे बड़ी परीक्षा अगले कुछ ही समय में होने वाले पांच विधानसभा सीटों पर उपचुनाव। यहां भाजपा के मुकाबले विपक्षी दलों के विधायक अब सांसद बन गए। सो, सीएम भजनलाल के सामने चुनौती कम नहीं। इसमें केन्द्र सरकार की साख भी दांव पर होगी। क्योंकि वह भी काम शुरू कर चुकी। ऐसे में जनता क्या राय देगी? यह देखने वाली बात। लेकिन जानकारों की नजर कहीं ओर! उपचुनाव के बहाने बहुत कुछ तय होने की भूमिका बन जाएगी। मतलब अगले छह माह बेहद महत्वपूर्ण!

हाल-ए-पाक!
पड़ोसी पाक हैरान, परेशान। भारत ने टी-20 वर्ल्डकप क्या जीता। उसे पच ही नहीं रहा। यहां तक दावा। भारत गड़बड़ करके जीता। पाक स्वीकारने को राजी नहीं कि भारत जीत चुका। खैर, यह तो रही उसकी मानसिकता की बात। लेकिन यह पाक की पुरानी बीमारी। वह भारत की किसी भी तरक्की को झेल नहीं पाता। पाक के पड़ोसी अफगास्तिान में तालिबान सत्तारूढ़। अब पाक को यह भी रास नहीं आ रहा कि वहां जो शांति प्रक्रिया और बातचीत चल रही। उसमें भारत भी भागीदार। जबकि पाक वहां अपनी जन्मजात दखल मानता रहा। दोहा की हालिया वार्ता में भारत की ओर से संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी ने शिरकत की। और यह पाक को मंजूर नहीं। जबकि अफगान सरकार भारत पर पूरा भरोसा कर रही। वह पाक को भाव देने के मूड में नहीं। क्योंकि पाक की साख दुनिया में रसातल में। आर्थिक तंगी अलग से।

पहला बजट
तो राजस्थान की भाजपा सरकार का पहला बजट सामने। बजट घोषणाओं से लग रहा। भजनलाल सरकार कई मामलों में केन्द्र की मोदी सरकार का अनुसरण कर रही। सीएम ने बजट को विजन- 2047 की झलक बताया। तो विपक्ष की अपेक्षित प्रक्रिया। खैर, इन सबके बावजूद बजट संतुलित और कई मायनों में अलग दिख रहा। यहां तक कि खबरनवीसों का भी ख्याल रखा गया। सो, दिल्ली से आम बजट में क्या घोषणाएं होने वालीं? लेकिन यह तय। मोदी सरकार में जो निरंतरता दिख रही। उसकी झलक निश्चित रूप से आम बजट में देखने को मिलेगी। बात योजना और नीति के स्तर पर हो या उसके क्रियान्वयन की। देश के किसान, महिला, युवा, वंचित वर्ग के लिए पहले से बेहतर योजनाओं की आशा। वैसे भी मोदी सरकार का नारा। किसी का तुष्टिकरण नहीं। बल्कि सभी का संतुष्टिकरण। मतलब समग्रता और व्यापकता का भाव। लोकलुभावना वादों से परहेज!

Read More एक इंच भी आगे नहीं चली भाजपा की विकास की गाड़ी : कांग्रेस 

कशमकश जारी!
कर्नाटक में हलचल की उम्मीद। लेकिन कांग्रेस आलाकमान की नजर साल के अंत में होने वाले चार राज्यों के विधानसभा चुनाव पर। पार्टी नेतृत्व आम चुनाव के परिणाम से उत्साहित। लेकिन कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार की महत्वकांक्षा और सीएम सिद्धरमैया की वरिष्ठता एवं अनुभव। दोनों की कशमकश में यह देखने वाली बात। असल में, सीएम को ढाई साल बाद जाना होगा और उसके बाद केपीसीसी चीफ भी बने हुए डीके कुर्सी संभालेंगे। इस सहमति की शुरू से ही चर्चा। डीके शिवकुमार का धैर्य अब जवाब दे रहा। और इंतजर के मूड में नहीं। एक तो सिद्धरमैया की आयु हो रही। और यदि शिवकुमार भी इस कार्यकाल में सीएम नहीं बने। तो आगे के लिए आश्वस्त नहीं। क्योंकि वह भी 70 पार होंगे। बाद में क्या राजनीतिक परिस्थितियां बनेंगी? कोई नहीं जानता। ऐसे में निर्णय आलाकमान को लेना। इस बीच, भाजपा भी ताक में!

Read More अजमेर दरगाह में मंदिर विवाद चाय के प्याले में तूफान जैसा, कांग्रेस का विरोध करने का काम : राठौड़

जटिल होता झारखंड
झारखंड में हेमंत सोरेन वापस कुर्सी पर। नाराजगी और असहजता के बीच चंपई सोरेन वापस उनकी कैबिनेट में मंत्री। ध्यान रहे केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा चुनाव हार गए। तो बाबूलाल मरांडी इन दिनों चर्चाओं से गायब से। आम चुनाव में भाजपा पांच सीटें गंवा चुकी। सो, नेतृत्व का चिंतित होना स्वाभाविक। क्योंकि सामाजिक समीकरणों एवं संसाधनों के लिहाज से आदिवासी बहुल झारखंड महत्वपूर्ण। पूर्व में भाजपा रणनीतिक चूक कर चुकी। जिसे वह दोहराना नहीं चाहेगी। जबकि हेमंत सोरेन की जेल से रिहाई से सत्तापक्ष उत्साहित। जेएमएम में पहले से ज्यादा आत्मविश्वास नजर आ रहा। फिर सहयोगी भी कांग्रेस। जबकि भाजपा का मनोबल कुछ गिरा हुआ सा। आखिरी मौके पर भी बदलाव संभव। वह क्या होगा? यह देखने वाली बात। लेकिन जिस तरह से महाराष्टÑ में भाजपा घिरी हुई। बहुत जोखिम लेने की स्थिति में नहीं! फिर जम्मू-कश्मीर का चुनाव भी। वहां के हालात एकदम जुदा।

Read More उपचुनाव के बाद कांग्रेस संगठन में देखने को मिली कमजोरी, नेतृत्व में जल्द बदलाव की अटकलें

अब क्या करे?
कांग्रेस दोराहे पर। संविधान के पक्ष में खड़े हो या फिर अपने पुराने निर्णय के साथ जाए। फिर कांग्रेस की संविधान बचाने की मुहिम आजकल चर्चा में। हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं को भी गुजारा भत्ता पाने का हकदार बना दिया। यह एक ऐतिहासिक निर्णय। जिसके दूरगामी परिणाम होने वाले। इसीलिए कांग्रेस अब क्या करे? इधर जाए या उधर? शाहबानो प्रकरण में राजीव गांधी की प्रचंड बहुमत वाली कांग्रेस सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय पलट दिया था। उस समय उसने शरिया के प्रावधानों के अनुसार दी गई व्यवस्था के साथ ही जाना उचित समझा। जिसका भारी विरोध भी हुआ। लेकिन मामला वोट बैंक का जो ठहरा। लेकिन अब सर्वोच्च न्यायालय ने संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार अपना निर्णय सुना दिया। अब कांग्रेस शरिया के साथ जाए या संविधान के। इसीलिए वह कुछ बोल ही नहीं पा रही। मामला संवेदनशील अलग से!

दिल्ली डेस्क
(ये लेखक के अपने विचार हैं)

Post Comment

Comment List

Latest News

राइजिंग राजस्थान समिट के 9 दिसम्बर को आयोजित होने के उपलक्ष में शिक्षा संकुल में समारोह का आयोजन राइजिंग राजस्थान समिट के 9 दिसम्बर को आयोजित होने के उपलक्ष में शिक्षा संकुल में समारोह का आयोजन
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राजस्थान में सरकार शिक्षा को लेकर काफी गंभीर है और नए-नए प्रयोग करने में...
असर खबर का - खराब सड़कों को तुरंत ठीक करने के दिए निर्देश
इजरायली हिरासत में 47 फिलिस्तीनियों की हुई मौत: संरा
संभल जा रहे थे राहुल गांधी, पुलिस ने रोका काफिला
नवाचार और डिजिटलाइजेशन से बदलता राजस्थान का शिक्षा परिदृश्य
21 हजार करोड़ के रक्षा सौदों को खरीद की मंजूरी, राजनाथ सिंह की बैठक में निर्णय
आईपीए की सब जूनियर और जूनियर पोलो में जयपुर के 5 खिलाड़ी