कांग्रेस के 9 लोकसभा प्रत्याशियों का सियासी भविष्य परिणामों पर टिका
राजनीतिक कॅरिअर रफ्तार पकड़ेगा
परिणाम पक्ष में आए तो राजनीतिक कॅरिअर रफ्तार पकड़ेगा और विपरीत परिणाम पर आगामी राजनीति पर असर पड़ना तय है।
जयपुर। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के एक दर्जन से अधिक सीटों पर जीत के दावे के बीच कई हॉट सीटों में 9 सीटों के नेताओं का सियासी भविष्य भी चुनाव परिणामों पर टिका है। परिणाम पक्ष में आए तो राजनीतिक कॅरिअर रफ्तार पकड़ेगा और विपरीत परिणाम पर आगामी राजनीति पर असर पड़ना तय है।
वैभव गहलोत
जालोर सिरोही से लोकसभा प्रत्याशी वैभव गहलोत इससे पहले 2019 में जोधपुर से चुनाव हार चुके हैं। पूर्व सीएम अशोक गहलोत के बेटे होने के नाते साख ज्यादा जुड़ी हुई है। इस बार भी परिणाम पक्ष में नहीं आए तो आगामी चुनावों में टिकट हासिल करने की बड़ी चुनौती रहेगी।
सीपी जोशी
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी भीलवाड़ा से पहले भी सांसद जीतकर केन्द्रीय मंत्री रह चुके हैं। राजस्थान में कांग्रेस सरकार में मंत्री और विधानसभा अध्यक्ष जैसे ओहदों पर जिम्मेदारी के साथ पीसीसी चीफ की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं। वरिष्ठता के नाते मेवाड़ क्षेत्र में उनकी राजनीतिक साख की परीक्षा होगी।
प्रताप सिंह खाचरियावास
पूर्व मंत्री केबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास जयपुर के जोशीले नेताओं में गिने जाते हैं। चुनाव परिणाम पक्ष में नहीं आने पर उनकी राह भी आगे मुश्किल भरी होगी।
गोविन्दराम मेघवाल
पूर्व मंत्री गोविन्दराम मेघवाल कांग्रेस के वरिष्ठ दलित नेताओं में शामिल हैं, जिनको पार्टी ने विधानसभा चुनाव से लेकर लोकसभा चुनाव में आगे रखा। कई चुनाव कमेटियों में प्रमुख जिम्मेदारी दी गई। बीकानेर लोकसभा सीट पर जीत मिली तो आगामी राजनीति रफ्तार पकड़ पाएगी।
आंजना, जाटव के साथ रामचन्द्र चौधरी की साख दांव पर
पूर्व मंत्री उदयलाल आंजना और भजनलाल जाटव की भी साख जुड़ी हुई है। अजमेर प्रत्याशी रामचन्द्र चौधरी, भरतपुर प्रत्याशी संजना जाटव, गंगानगर प्रत्याशी कुलदीप इंदौरा की राजनीतिक साख भी लोकसभा चुनाव परिणामों पर निर्भर रहेगी कि आगामी समय में इनका सियासी भविष्य रफ्तार पकड़ेगा या सफर चुनौतीपूर्ण होगा।
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