रामनवमी में राम दरबार में श्रद्धालुओं ने हाजिरी का रचा नया कीर्तिमान, 4 लाख 12 हजार 407 श्रद्धालुओं ने किए दर्शन

वर्ष 2017 में दो लाख 83 हजार 542 श्रद्धालुओं ने रामलला के दर्शन किये थे।

रामनवमी में राम दरबार में श्रद्धालुओं ने हाजिरी का रचा नया कीर्तिमान, 4 लाख 12 हजार 407 श्रद्धालुओं ने किए दर्शन

वर्ष 2018 में तीन लाख दो हजार 54 और 2019 में तीन लाख 35 हजार 227 श्रद्धालुओं ने श्रीरामजन्मभूमि पर विराजमान रामलला के दरबार में मत्था टेका था।

अयोध्या। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या में नौ दिनों तक चले रामनवमी मेले में चार लाख 12 हजार 407 श्रद्धालुओं ने श्रीरामजन्मभूमि पर विराजमान रामलला के दरबार में हाजिरी लगाकर नया कीर्तिमान रचा है।  जानकारी के अनुसार राम मंदिर निर्माण शुरू होने के बाद पहली बार सम्पन्न हुए भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या में रामनवमी मेले में रामलला के दर्शन का रिकार्ड टूट गया। वर्ष 2017 में दो लाख 83 हजार 542 श्रद्धालुओं ने रामलला के दर्शन किये थे। वर्ष 2018 में तीन लाख दो हजार 54 और 2019 में तीन लाख 35 हजार 227 श्रद्धालुओं ने श्रीरामजन्मभूमि पर विराजमान रामलला के दरबार में मत्था टेका था।

 इसके बाद 2020 और 2021 में कोरोना संक्रमण के चलते लगी पाबंदियों ने श्रद्धालुओं के रामलला के दर्शन बहुत कम हो गये थे। इस वर्ष के पहले दिन एक जनवरी रामलला के दरबार में एक लाख 12 हजार श्रद्धालुओं ने रामलला के दर्शन किये थे। इस बार रामनवमी मेले में भक्तों की रिकार्ड भीड़ पहुंची थी। अनुमान के मुताबिक रामनवमी मेले में लाखों श्रद्धालु पहुंचे और सरयू नदी में स्नान करके रामलला का दर्शन और प्रसिद्ध हनुमानगढ़ी का दर्शन करना नहीं भूलते थे।

 सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अयोध्या में प्रसिद्ध चैत्र रामनवमी मेले में श्रीरामजन्मभूमि पर विराजमान रामलला का श्रद्धालुओं ने दो अप्रैल को 11885, तीन अप्रैल को 21222, चार अप्रैल को 23006, पांच अप्रैल में 22066, छह अप्रैल में 18168, सात अप्रैल में 20757, आठ अप्रैल में 511658,नौ अप्रैल में 115875 तथा।0 अप्रैल अर्थात् रामनवमी के दिन मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के जन्मोत्सव के समय एक लाख 87 हजार 720 श्रद्धालुओं ने रामलला का दर्शन किया।  इस बार रामनवमी के मेले में प्रशासन द्वारा सुरक्षा व्यवस्था का इंतजाम बहुत ही अच्छा देखा गया है। अयोध्या में इतनी भीड़ थी कि अगर सरसों फेंक दिया जाय तो वह जमीन तक नहीं पहुंच पाता था। भक्तों को रामलला का दर्शन लाइन लगा करके प्रशासन द्वारा कराया जा रहा था।

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