![कोटा-रावतभाटा मार्ग बदहाली का शिकार, आए दिन होते हैं हादसे](https://dainiknavajyoti.com/media-webp/c200x160/2024-07/16.png)
हाईवे पर तेज रफ्तार कार ने दो युवतियों को कुचला, मौत
बस का कर रही थी इंतजार
टक्कर इतनी भयानक थी की युवतियां उछलकर बीस फ ीट दूर झाड़ियों में गिरी ।
सीमलिया। सीमलिया कस्बे के नेशनल हाईवे 27 के बाईपास पर गुरुवार सुबह करीब आठ बजे कोटा से बारां जा रही बेकाबू इनोवा कार ने हाइवे बाईपास पर दो युवतियों को जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भयानक थी की युवतियां उछलकर बीस फ ीट दूर झाड़ियों में जा कर गिरी जिससे मौके पर ही दोनों की मौत हो गई। दोनों के शव क्षत-विक्षत हो गए। दोनों युवतियां सीमलिया से गड़ेपान जाने के लिए बस के इंतजार में खड़ी थी। दोनों कॉलेज में पढ़ने के साथ ही सिलाई भी सिखाती थी। सीमलिया थाना अधिकारी दलपत सिंह ने बताया कि हादसे में ज्योति प्रजापत उम्र 23 पुत्री बजरंग लाल प्रजापत और वर्षा नागर उम्र 22 साल पुत्री ब्रज गोपाल नागर की मौत हो गई है। इनोवा कार के चालक को पकड़ लिया गया है। शवों को न्यू मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल की मॉच्यूरी में रखवाया गया है।
रेलिंग को तोड़कर मारी टक्कर
थानाधिकारी ने बताया कि दोनों युवतियां गढ़ेपान फैक्ट्री में जाकर सिलाई सिखती थी। रोज की तरह गुरुवार को भी फैक्ट्री जाने के लिए कोटा-बारां हाइवे पर पावर हाउस बस्ती के सामने सड़क किनारे रेलिंग पर बैठकर गाड़ी का इंतजार कर रही थी। इस दौरान कोटा की तरफ से तेज रफ्तार से एक इनोवा गाड़ी आई और रेलिंग को तोड़ते हुए दोनों को टक्कर मार दी।
बेटियों के शव देख बदहवास हुए माता-पिता
कार इतनी तेज स्पीड में थी कि दोनों युवतियों के पैर के ऊपर से पहिया गुजर गया। इसके बाद दोनों उछलकर झाड़ियों में जा गिरी। गंभीर हालत में दोनों को कोटा के न्यू मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल लाया गया लेकिन मौत हो गई। हादसे में दोनों के पैर कुचल गए थे। परिजन हॉस्पिटल पहुंचे तो चीख पुकार मच गई। बेटियों के शवों को देखकर माता-पिता बदहवास हो गए।
इनोवा चालक को पकड़ा
पुलिस ने इनोवा कार को जब्त कर ड्राइवर राजेश उम्र 24 वर्ष पुत्र हीरालाल नागर निवासी मरायता तहसील खानपुर जिला झालावाड़ को पकड़ा है। पूछताछ में सामने आया कि वह भीलवाड़ा से खानपुर जा रहा था। रात 3 बजे के करीब भीलवाड़ा से निकला था वही सीमलिया बाईपास पर सुबह करीब आठ बजे ओवरटेक करने के दौरान दुर्घटना हुई।
पढ़ाई के साथ दोनों सिलाई सिखाती थी
ज्योति के मौसेरे भाई दीपक ने बताया कि ज्योति तीन भाई-बहन में सबसे छोटी थी। उससे बड़े दो भाई है। वह एमए की पढ़ाई कर रही थी। 6-7 साल से फैक्ट्री के सेंटर पर सिलाई सिखाने जाती थी। मम्मी घर का काम करती है। वर्षा नागर के परिजन हेमराज नागर ने बताया कि वर्षा बीए की पढ़ाई कर चुकी। 7-8 साल से सिलाई सिखाने फैक्ट्री के सेंटर पर जाती थी। वर्षा से बड़ा एक भाई है। माता-पिता खेती करते है।
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