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भारत ने ‘धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट’ पर अमेरिका को दिखाया आईना
आईआरएफ पर जारी रिपोर्ट का कड़ा जवाब दिया है
प्रवक्ता ने कहा कि कुछ मामलों में इस रिपोर्ट में कानूनों और नियमों की वैधता के साथ ही उन्हें लागू करने के विधायिका के अधिकार पर भी सवाल उठाया गया है।
नई दिल्ली। भारत की ओर से शुक्रवार को अमेरिका द्वारा हाल ही में जारी इंटरनेशनल रिलीजियस फ्रीडम (आईआरएफ ) पर जारी रिपोर्ट का कड़ा जवाब दिया है। भारत ने इस रिपोर्ट को पूर्वाग्रह से युक्त एकतरफा करार दिया है, जिसमें भारत के सामाजिक ताने-बाने की समझ का अभाव बताया गया है।
भारत ने कहा कि खुद अमेरिका को भी अपने यहां होने वाली घटनाओं पर गौर करने की जरूरत है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधरी जायसवाल ने यहां कहा कि यह रिपोर्ट वोट बैंक के दृष्टिकोण से प्रेरित है। यह प्रक्रिया अपने आप में आरोप-प्रत्यारोप, गलत बयानी, तथ्यों का चुनिंदा उपयोग, पक्षपातपूर्ण स्रोतों पर निर्भरता और मुद्दों के एकतरफा अनुमान का घालमेल है। प्रवक्ता ने कहा कि कुछ मामलों में इस रिपोर्ट में कानूनों और नियमों की वैधता के साथ ही उन्हें लागू करने के विधायिका के अधिकार पर भी सवाल उठाया गया है। साथ ही यह रिपोर्ट भारतीय न्यायालयों द्वारा दिए गए कुछ कानूनी निर्णयों की प्रामाणिकता को भी चुनौती देती प्रतीत होती है, जिसे नहीं स्वीकारा जा सकता। एक सवाल के जवाब में जायसवाल ने कहा कि भारत और अमेरिका रणनीतिक साझीदार हैं। दोनों देशों के बीच समय-समय पर विचारों का आदान-प्रदान होता रहता है।
गौरतलब है कि अमेरिका की आईआरएफ रिपोर्ट में भारत में हुई कुछ धार्मिक-सामाजिक घटनाओं एवं समुदायों को लेकर विपरीत टिप्पणियां की गई हैं, जिसे भारत की ओर से सिरे से खारिज किया गया है।
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