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सावधान: पिकनिक पर जाएं तो सेल्फी और रोमांच के चक्कर में जान से न करें खिलवाड़
मानसून में पर्यटन स्थलों पर सुरक्षा के नहीं इंतजाम, हादसों का खतरा
शहर के चट्टानेश्वर, पाडाझर, भंवरकुंज पर खड़ा है खतरा।
कोटा। मानसून के सक्रिय होने से कोटा का मौसम भी सुहाना हो चुका है। ऐसे में वीकेंड या छुट्टी के दौरान शहर से लगे कोटा के चंबल नदी किनारे और प्राकृतिक झरने वाले स्पॉट्स लोगों की पहली पसंद हैं। मौसम का लुत्फ जरूर उठाएं लेकिन सेल्फी और रोमांच के चक्कर में अपनी और अपने परिवार की जान से खिलवाड़ न करें, क्योंकि लगातार हो रही बारिश के कारण कब, कहां से पानी का बहाव तेज हो जाए, ये किसी को नहीं पता। शहर में मानसून सक्रिय होने के साथ ही कई पयर्टन स्थल इन दिन झरने चलने से गुलजार हो गए है। लेकिन प्रशासन की ओर से यहां सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं करने से हर समय हादसे का खतरा बना रहता है। कोटा के समीप में सबसे लोक प्रिय स्थल चटनेश्वनर क्षेत्र में रविवार को ही चार मजदूर पिकनिक मनाने गए जिसमें एक श्रमिक गहरे पानी में जाने से डूब गया। यहां हर बारिश में डूबने से लोगों की जान जाती है उसके बावजूद यहां सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं है। पर्यटन स्थलों पर गार्ड तैनात नहीं होने से लोग नदी, झरनों और बांधो की डाउन स्ट्रीम क्षेत्र में नहाने चले जाते वहां डूबने का खतरा रहता है। चट्टानेश्वर महादेव, पाडाझर भंवरकुंंज पर्यटन स्थल पर ना तो चेतावनी बोर्ड ना ही गार्ड तैनात है।
सावधानी नहीं रखी तो जान जोखिम में
कोटा में चट्टानेश्वर महादेव, भंवरकुंज, पाड़ाझर फॉल के साथ कई ऐसे पिकनिक स्पॉट्स हैं, जहां बारिश के दौरान लोग पिकनिक मनाने या भ्रमण के लिए पहुंचते हैं। इन पर्यटन स्थनों पर सुरक्षा के इंतजाम नहीं होने हर बारिश में यहां हादसे होते रहते है। चट्टानेश्वर, पाडाझर फॉल में भी कई लोग सेल्फी लेने या अतिउत्साह में अपनी जान गंवा चुके हैं। यहां सावधानी के बोर्ड लगे होने पर भी लोग खुद ही खतरे की तरफ जाते हैं और हादसे का शिकार होते हैं।
भंवरकुंज में बचाव के संसाधन नहीं
मानसून ने दस्तक देने के साथ ही नदी-नाले व झरने बहने लगे हैं। पिकनिक स्पॉट पर शौकीनों की चहल-पहल बढ़ गई है, लेकिन प्रकृति की गोद में स्थित यह पिकनिक स्पॉट मौज-मस्ती व मनोरंजन में खलल पैदा कर सकते हैं, क्योंकि यहां सुरक्षा के इंतजाम नाकाफी हैं। डायवर्जन चैनल, गेपरनाथ, भंवरकुंज पिकनिक स्पॉट पर सुरक्षा इंतजाम नहीं है। बारिश के दौरान पठारी क्षेत्र का पानी डायवर्जन चैनल से होते हुए भंवरकुंज पहुंचता है। इस बीच चट्टानी क्षेत्र है, जहां लोग पिकनिक मनाने व नहाने आते हैं। कुछ लोग चट्टान पर बैठे थे। बच्चे नहाते है, लेकिन सुरक्षा के नाम पर कोई गार्ड तैनात नहीं था। गौरतलब है कि यहां सबसे ज्यादा खतरा रहता है। यहां अचानक पानी का बहाव आता है, जिससे कभी भी हादसा हो सकता है। भंवरकुंज पिकनिक स्थल सबसे खतरनाक है। यहां हर साल पानी में डूबने से हादसे होते रहते हैं। बावजूद इसके प्रशासन सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं है।पुलिस-प्रशासन आपको समझाइश और अलर्ट कर सकता है, लेकिन अंतिम निर्णय आपकी समझदारी पर ही निर्भर होगा।
पाड़ाझर झरने पर नहाना हो प्रतिबंधित
पाडाझर झरने पर सबसे अधिक खतरा है। स्थानीय लोगों कहना है कि यहां नहाने पर प्रतिबंध लगाना चाहिए। यहां सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं है। थोड़ी सी बारिश होते ही पहाड़ों से झरने के रूप में धीरे-धीरे गिरता पानी एक बडी धार का रूप ले लेता है जो अपने वेग से किसी को भी बहाकर ले जाने की क्षमता रखता है। जलाशयों पर लोग सैर-सपाटे के लिए पहुंचते हैं और वहां पानी के साथ सेल्फी लेते हैं। इस दौरान भी घटनाओं का अंदेशा बना रहता है। पुलिस व प्रशासन को इन जलाशय व नदियों पर साइन बोर्ड लगवाना चाहिए और लगातार पैट्रोलिंग भी करवाई जाना चाहिए।
चटनेश्वर महादेव झरने पर रहता है खतरा
शहर से 25 किमी दूर केबल नगर के पास चट्टनेश्वर महादेव पर्यटन स्थल पर रविवार को दूरदराज से सैलानी संडे मनाने के लिए पहुंचे। यहां काफी संख्या में परिवार पिकनिक मनाने के लिए आते है। यहां लोग गोठ कर लोगों ने झरनों में नहाने का आनंद लेते लेकिन पानी गहरा होने से यहां बारिश में सबसे ज्यादा हादसे होते है। रविवार को एक युवक डूब गया।
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