बेटे ही नहीं बेटियां भी होती है घर का चिराग

एक बेटी ने सीए,दो बेटियों ने डॉक्टर बन कर पेश की मिसाल

बेटे ही नहीं बेटियां भी होती है घर का चिराग

जरूरी नही की बेटे ही घर के चिराग हो,बेटियां भी घर में उजाला करती है। ये पंक्तियां करवर के छैलबिहारी मंगल के परिवार की पांच बेटियों पर चरितार्थ हो रही है।

करवर। जरूरी नही की बेटे ही घर के चिराग हो,बेटियां भी घर में उजाला करती है। ये पंक्तियां करवर के छैलबिहारी मंगल के परिवार की पांच बेटियों पर चरितार्थ हो रही है। एक के बाद पांच बेटियों के जन्म से मंगल दंपति निराश होने लगे थे। बेटे की तमन्ना में पांच बेटियों का आगमन मन ही मन की कचोटने लगता। ऊपर से  लोगों व समाज के ताने ओर सुनने पड़ते। इन सबके बीच जब छैलबिहारी मंगल व उनकी पत्नी कुसुम जैन ने समाज और लोगो की बातों पर ध्यान न देकर  बेटियों को बेहतर सुख सुविधाओं के साथ श्रेष्ठ शिक्षा उपलब्ध करवाने की ठान ली, तो   इसके अनुकूल  परिणाम भी सामने आ गये। पांच बेटियों में से एक बेटी सीए तो दो डॉक्टर बनने की दिशा मे लंबी छलांग लगा चुकी है,यही नही दोनों छोटी बेटियां भी बडी बहनो की प्रेरणा से सफलता की सीढ़ियां चढ़ने के लिये प्रयासरत है ओर पढाई में अव्वल रहते हुए बडे मुकाम हासिल करने का लक्ष्य आखों मे संजोए हुए है। वह दिन दूर नही जब ये तीनों बेटियां अपने श्रेष्ठ केरियर को पूरा करने के बाद परिवार व समाज के सामने मिसाल बनेगी।  वही उन लोगों को करारा जबाव भी देगी जो बेटियों को आधुनिक युग में घर की दहलीज से कदम बाहर नही रखने व चारदीवारी तक सीमित रखने की बंदिशें डाले रखते है। यह सब मंगल दंपति के धैर्य और कठिन परिश्रम का परिणाम है। मंगल परिवार ने मेधावी बेटियों को लिए रुचि के हिसाब से शिक्षा के बेहतर विकल्प उपलब्ध करवाए।

करवर मे छैलबिहारी मंगल व्यवसायी है ,पत्नी गृहणी है। यह  दम्पति अपने सरल, सौम्य व्यवहार को लेकर चर्चित रहते है। ,आज जब उनकी बेटियों की चर्चा होती है तो वे बेटियों पर गर्व महसूस करते है। मंगल परिवार की सबसे बड़ी अक्षिता अग्रवाल ने 2020 में सीए की परीक्षा को चुनकर कोर्स पूरा किया । दूसरी बेटी आस्था अग्रवाल ने 2017 में मेडिकल परीक्षा में  जबलपुर सरकारी मेडिकल कॉलेज एमबीबीएस में चयन हुआ वर्तमान में उसका एमबीबीएस में फाइनल ईयर चल रहा है तीसरी बेटी सलोनी अग्रवाल ने बीते साल नवंबर में नीट की परीक्षा उतीर्ण कर 668 अंक प्राप्त कर आॅल इंडिया में 1756 रैंक हासिल कर एमबीबीएस कोर्स के लिए जयपुर एस एम एस मेडिकल कॉलेज में चयन हुआ। छोटी बिटिया जयांशी जैन कक्षा 8 व पांचवी बेटी मानवी 3 क्लास में डीएवी स्कूल लाखेरी में अध्ययनरत हैं।

यह हमारी भूल रही कि हम बेटे की आशा में कुछ दिनों हताश रहे ,लेकिन आज हमें बेटियों पर गर्व महसूस होता है।
-छैल बिहारी मंगल, कुसुम मंगल

हमारी बेहतर शिक्षा का श्रेय हमारे  दादा जी व दादी जी को जाता है , मम्मी- पापा व गुरुजनों की प्रेरणा से हम  आगे बढ़े।   -अक्षिता अग्रवाल, आस्था अग्रवाल, सलोनी अग्रवाल

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